Kishtwar Cloudburst LIVE: अब किश्तवाड़ में बरसी आफत, बादल फटने से 44 लोगों की मौत
Kishtwar Cloudburst LIVE: उत्तर भारत में मानसून का असर जारी है और लगातार पहाड़ी क्षेत्रों से बादल फटने व बाढ़ की खबरें सामने आ रही हैं। ताजा मामला जम्मू-कश्मीर के Kishtwar जिले के पाडर इलाके से सामने आया है, जहां बादल फटने की घटना में कम से कम 44 लोगों की मौत की खबर है। वहीं 120 से ज्यादा लोग जख्मी हैं। इसके साथ ही 200 से अधिक लोग लापता हैं। बताया गया है कि यह हादसा चसोती गांव में हुआ, जो मचैल माता यात्रा के रास्ते पर पड़ता है।
Kishtwar Cloudburst LIVE: रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ये गांव यात्रा मार्ग पर आखिरी ऐसी जगह है जहां तक वाहन जा सकते हैं, उसके बाद की यात्रा पैदल होती है। बादल फटने के समय यहां काफी लोग मौजूद थे क्योंकि मचैल माता यात्रा चल रही थी। प्रशासन और बचाव टीमें तुरंत मौके पर पहुंची हैं। राहत और बचाव कार्य तेजी से चलाया जा रहा है। नदी-नालों का जलस्तर बढ़ने से कई इलाके जलमग्न हो गए हैं।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह की प्रतिक्रिया
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि उन्हें स्थानीय विधायक सुनील कुमार शर्मा और Kishtwar के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा से घटना की सूचना मिली है। उन्होंने बताया कि प्रशासन सक्रिय है और पीड़ितों की मदद के लिए हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
मचैल माता यात्रा स्थगित
बादल फटने की इस गंभीर घटना के बाद मचैल माता यात्रा को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। हर साल हजारों श्रद्धालु श्री चंडी माता मंदिर के दर्शन के लिए इस यात्रा में भाग लेते हैं, जिसमें गुलाबगढ़ से मंदिर तक लगभग 30 किलोमीटर की पैदल यात्रा शामिल होती है।
इलाके में डर और सतर्कता
प्रशासन ने आसपास के गांवों को सतर्क कर दिया है और लोगों से नदियों और नालों से दूर रहने की अपील की है। चार दिन पहले भी पाडर क्षेत्र में बादल फटने की घटना हो चुकी है।
राजौरी में भी खतरा
राजौरी जिले में भी पिछले दो दिनों से भारी बारिश के चलते नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और नदी के पास न जाने की सलाह दी है।
उपराज्यपाल ने जताया शोक
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि वे पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं। साथ ही, उन्होंने राहत और बचाव अभियान को तेज करने के निर्देश भी दिए हैं।
Jammu-Kashmir: सांबा के ज़िला मजिस्ट्रेट ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अभियानों में सहयोग देने और सुरक्षा व्यवस्था मज़बूत करने के लिए मंगलवार को अंतर्राष्ट्रीय सीमा से 2 किलोमीटर तक के इलाकों में रात्रि कर्फ्यू (Night Curfew) लगाने का आदेश दिया। यह प्रतिबंध अगले दो महीनों तक रोज़ाना रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक लागू रहेगा, जब तक कि इसे पहले नहीं हटा लिया जाता।
Jammu-Kashmir: केवल वैध कारणों से होगी आवाजाही
ज़िला मजिस्ट्रेट आयुषी सूदन द्वारा जारी आदेश के अनुसार, सीमा पर निगरानी बढ़ाने और रात के समय नागरिक आवाजाही को नियंत्रित करके गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने के लिए सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय में यह निर्णय लिया गया है। कर्फ्यू के दौरान आवाजाही केवल वैध कारणों से ही की जा सकेगी और बीएसएफ या पुलिस कर्मियों द्वारा पूछे जाने पर व्यक्तियों को पहचान पत्र दिखाना होगा। उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
तिरंगा रैली निकाली गई
इस बीच, 79वें स्वतंत्रता दिवस से पहले मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के शोपियां ज़िले में ज़िला प्रशासन द्वारा एक तिरंगा रैली निकाली गई। लोगों ने एक लंबा भारतीय तिरंगा झंडा लेकर उत्साहपूर्वक इस समारोह में भाग लिया। हाल ही में, देशभक्ति और राष्ट्रीय एकता के प्रदर्शन के रूप में, आज़ादी का अमृत महोत्सव पहल के तहत चल रहे ‘हर घर तिरंगा‘ अभियान के तहत, कुपवाड़ा जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास टीटवाल में एक विशाल तिरंगा रैली का आयोजन किया गया। सैकड़ों छात्रों, अधिकारियों, क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं और परिचित लोगों की इस रैली ने एलओसी टीटवाल से 1.5 किलोमीटर लंबा एक विशाल राष्ट्रीय ध्वज लेकर यात्रा की।