अगर आप भी रखते हैं वैभव लक्ष्मी का व्रत, तो महत्वपूर्ण बातों को जरूर जानें
हिंदू धर्म में माता ल्क्ष्मी के अलग रूपों की पूजा-अर्चना होती है। माता लक्ष्मी को धन लक्ष्मी, वैभव लक्ष्मी,गजलक्ष्मी, संतान लक्ष्मी के रूप में पूजा करता है। मां लक्ष्मी के स्वरूप की पूजा
06:52 AM Feb 07, 2020 IST | Desk Team
हिंदू धर्म में माता ल्क्ष्मी के अलग रूपों की पूजा-अर्चना होती है। माता लक्ष्मी को धन लक्ष्मी, वैभव लक्ष्मी,गजलक्ष्मी, संतान लक्ष्मी के रूप में पूजा करता है। मां लक्ष्मी के स्वरूप की पूजा आप अपनी मनोकामना के मुताबिक कर सकते हैं।
हम आपकाे माता लक्ष्मी के वैभव लक्ष्मी के रूप के बारे में बताएंगे। किस तरह से वैभव लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। किस विधान और व्रतविधि से वैभव लक्ष्मी का व्रत रखा जाता है।
बाधा आ रही है किसी काम में
अगर काफी लंबे समय से ज्यादा बार आपका सोच हुआ कोई काम नहीं हाे रहा या आपको लगातार धन के मामले में नुकसान हो रहा है या फिर आप किसी कोर्ट कचहरी के मामले से बाहर नहीं निकल पा रहे। या विद्यार्थियों को उनकी मेहनत का फल नहीं मिल रहा तो आपकी हर परेशानी को वैभव लक्ष्मी का व्रत करेगा दूर। अगर आपको जीवन में किसी भी तरह से सफलता चाहिए तो इसके ल आप वैभव लक्ष्मी का व्रत शुक्रवार के दिन रखें। वैभव लक्ष्मी की कृपा आप पर होगी और सारी मनचाही मुरादें पूरी हो जाएंगी।
व्रत की शुरुआत ऐसे करें
शुुक्रवार के दिन व्रत अगर आप रख रहें है तो सुबह स्नान के बाद साफ वस्त्र पहन लें। उसके बाद मंदिर की साफ-सफाई करें फिर मां लक्ष्मी का ध्यान करके व्रत का संकल्प लें। यह व्रत आप पूरे दिन फलाहार करके रखें। शाम को जब आपको व्रत पूरा हो जाएगा तो अन्न ग्रहण कर सकते हैं।
पूजा ऐसे करें शाम को
शुक्रवार के दिन जब आप पूरा दिन व्रत रखेंगे तो शाम को स्नान जरूर करें। वैभव लक्ष्मी की पूजा के लिए पूर्व दिशा की तरफ मुंह करके ही आसान पर बैठें। फिर लाल कपड़ा चौकी पर बिछाकर वैभव लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित करें। तस्वीर के पीछे या बगल में श्रीयंत्र को रखें।
इन वस्तुओं को शामिल करें पूजा में
मुट्ठी भर चावल का ढेर वैभव लक्ष्मी की तस्वीर के सामने रख दें और तांबे के कलश में जल भर कर उसपर रखें। फिर एक छोटी सी कटोरी में सोने या चांदी का आभूषण लेकर उसे कलश के ऊपर रख दें। लाल चंदन, गंध,लाल वस्त्र, लाल फूल वैभव लक्ष्मी की पूजा में जरूर रखें।
भोग और प्रसाद
वैभव लक्ष्मी की पूजा के दौरान गाय के दूध से चावल की खीर बनाकर प्रसाद के तौर पर रखें। ध्यान रहे यह प्रसाद रख का ही बना हुआ हो। अगर किसी वजह से खीर नहीं बना पाई तो मां लक्ष्मी के भोग के लिए सफेद मिठाई या बर्फी रख दें। मां लक्ष्मी को बहुत ही पसंद है यह। लक्ष्मी स्तवन का पाठ पूजा के बाद करें। या आप वैभव लक्ष्मी मंत्र का यथाशक्ति जप कर सकते हैं..
या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी।
या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥
या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी।
सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती ॥
पूजा करें श्री यंत्र की
श्रीयंत्र की पूजा आप वैभव लक्ष्मी के व्रत में जरूर करें। श्रीयंत्र को माता लक्ष्मी के पीछे पूजा के समय पर रखें और माता लक्ष्मी की पूजा से पहले श्रीयंत्र की पूजा करें। फिर वैभव लक्ष्मी की पूजा शुरु करें। फिर व्रत कथा पढ़ें और आरती गोघृत दीपक से करें।
मां का ध्यान ऐसे करें
जिस मनोकामना के लिए आपने वैभव लक्ष्मी का व्रत रखा है उस मनोकामना को अपने मन में पूजा के बाद लगभग 7 बार दोहराएं। फिर मां लक्ष्मी का ध्यान रखें। मां लक्ष्मी का प्रसाद पूजा के बाद ग्रहण कर लें और एक दीपक जलाकर अपने घर के मुख्य दरवाजे पर रखें।
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