6 गोल्ड जीतकर भारत का गर्व बनी हिमा दास, जानें इनकी ज़िंदगी से जुड़े अनछुए पहलु
भारत की स्टार धावक हिमा दास ने 19 दिनों में 5 गोल्ड मेडल जीतकर देश का मान-सम्मान बढ़ा दिया है। 19 साल की गोल्डन गर्ल हिमा दास
11:20 AM Jul 25, 2019 IST | Desk Team
भारत की स्टार धावक हिमा दास ने 21 दिनों में 6 गोल्ड मेडल जीतकर देश का मान-सम्मान बढ़ा दिया है। 19 साल की गोल्डन गर्ल हिमा दास ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 6 स्वर्ण पदक अपने नाम किए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई दिग्गजों ने उनके 5वें स्वर्ण पदक जीतते ही बधाईयां देनी शुरु कर दीं। बीते शनिवार को चेक रिपब्लिक में हिमा दास ने 400 मीटर की रेस को 52.09 सेकंड में पूरा करके स्वर्ण पदक अपने नाम किया है।
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इससे पहले हिमा दास ने पोलैंड में पोजनान एथलेटिक्स ग्राउंड प्रिक्स में 2 जुलाई को 200 मीटर की रेस को 23.65 सेकंड में पूरा करते हुए अपना पहला स्वर्ण पदक जीता। उसके बाद पोलैंड में कुटनो एथलेटिक्स मीट में हिमा दास ने 7 जुलाई को 200 मीटर की रेस को 23.97 सेकंड में पूरा करते हुए दूसरा स्वर्ण पदक अपने नाम पर किया।
वहीं चेक रिपब्लिक में क्लांदो मेमोरियल एथलेटिक्स में हिमा दास ने 13 जुलाई को महिलाओं की 200 मीटर की रेट को 23.43 सेकंड में पूरा करते हुए तीसरा स्वर्ण पदक हासिल किया। इसके साथ ही हिमा दास ने इसी देश में ताबोर एथलेटिक्स मीट में 17 जुलाई को 200 मीटर रेेस को 21.25 सेकंड में पूरा करते हुए अपना चौथा स्वण पदक हासिल किया।
हम आपको हिमा दास की जिंदगी से जुड़ी कुछ अहम बातें बताने जा रहे हैं। चलिए जानते हैं-
असम के नगांव जिले के धिंग गांव में हिमा दास का 9 जनवरी 2000 में जन्म हुआ था। हिमा दास की इस समय उम्र 19 साल की है। एक आम किसान परिवार की हिमा रहने वाली हैं। चावल की खेती हिमा के पिता करते हैं। जब हिमा दास स्कूल में थी तो वह लड़कों के साथ फुटबॉल खेलती थीं। फुटबॉल टीम में उनका स्ट्राइकर के तौर पर खेलने का सपना था। शुरु से ही हिमा दास ने फुटबॉल में ही अपना कैरियर देखा था और भारत की फुटबॉल टीम में उनका खेलने का सपना था।
जवाहर नवोदय विद्यालय के शारीरिक शिक्षक शमशुल हक की सला पर हिमा ने दौड़ना शुरु किया था। रेसिंग ट्रैक पर हिमा ने 3 साल पहले ही दौड़ना शुरु किया था। हिमा के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह अच्छी ट्रेनिंग लें सकें लेकिन उनके कोच ने उनकी पैसों की कमी को उनकी ट्रेनिंग के बीच नहीं आने दिया और उनका मुकाम हासिल कराने में अहम भूमिका निभाई।
हिमा के कोच निपोन ने अंतर-जिला प्रतियोगिता में हिमा को देखा था और कहा कि सबसे सस्ते हिमा ने स्पाइक्स पहने हुए हैं इसके बावजूद भी उसने 100 मीटर और 200 मीटर की रेस में स्वर्ण पदक हासिल किया। हिमा बिल्कुल हवा की तरह दौड़ रही थी। उन्होंने कहा कि अपने पूरे जीवन में इतनी कम उम्र में ऐसी प्रतिभाशाली लड़की नहीं देखी। हिमा पर गांव से दूर 140 किमी गुवाहाटी में स्थानांतरित होने के लिए निपोन ने उन पर दबाव डाला और उन्हेें कहा कि उनका एथलेटिक्स में बहुत सुनहार भविष्य बन सकता है।
हिमा दास ने चेक गणराज्य में आयोजित क्लाड्नो एथलेटिक्स में हिस्सा लिया जिसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री राहत कोष में राज्य में आई बाढ़ के लिए 17 जुलाई 2019 को अपनी आधी सैलेरी दान कर दी। हिमा दास के निजी सर्वश्रेष्ठ समय की बात करें तो उनका 50.79 सेकंड है। पिछले साल एशियाई खेल के दौरान उन्होंने इसे हासिल किया था।
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