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शादी से पहले यौन संबंध, जानें सही या गलत

विवाह से पहले यौन संबंध, मानसिक और भावनात्मक प्रभाव

12:53 PM Mar 21, 2025 IST | Vikas Julana

विवाह से पहले यौन संबंध, मानसिक और भावनात्मक प्रभाव

समाज में विवाह से पहले यौन संबंधों (Premarital Sex) को लेकर भिन्न-भिन्न विचारधाराएँ देखने को मिलती हैं। कुछ इसे आधुनिक जीवनशैली का हिस्सा मानते हैं, जबकि अन्य इसे नैतिक, सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टिकोण से अनुचित मानते हैं। विवाह से पहले यौन संबंधों के कई प्रभाव होते हैं, जो शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और नैतिक स्तर पर व्यक्ति को प्रभावित कर सकते हैं। इस लेख में हम इन्हीं प्रभावों पर विस्तृत चर्चा करेंगे।

1. मानसिक और भावनात्मक प्रभाव

विवाह से पहले यौन संबंध कई बार व्यक्ति की मानसिक स्थिति को प्रभावित कर सकते हैं। यदि संबंध प्रेम और विश्वास के आधार पर नहीं बने हैं, तो व्यक्ति को अपराधबोध (Guilt), अवसाद (Depression) और तनाव (Stress) का सामना करना पड़ सकता है। कई बार एक व्यक्ति इस संबंध को गहराई से लेता है जबकि दूसरा इसे महज शारीरिक जरूरत मानता है। इससे भावनात्मक असंतुलन उत्पन्न हो सकता है, जो आत्म-सम्मान (Self-esteem) को भी प्रभावित करता है।

2. सामाजिक प्रभाव

भारतीय समाज में विवाह से पहले यौन संबंधों को अब भी संदेह की दृष्टि से देखा जाता है। यदि किसी व्यक्ति के इस प्रकार के संबंधों का पता चल जाए, तो समाज की प्रतिक्रिया नकारात्मक हो सकती है। विशेष रूप से महिलाओं को इस मामले में अधिक आलोचना का सामना करना पड़ता है। समाज में उनकी छवि खराब हो सकती है, जिससे उनके विवाह और पारिवारिक संबंधों पर असर पड़ सकता है।

3. शारीरिक प्रभाव

विवाह से पहले असुरक्षित यौन संबंध कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकते हैं। इनमें सबसे प्रमुख हैं –

यौन संचारित रोग (Sexually Transmitted Diseases – STDs): बिना सुरक्षा के संबंध बनाने से एड्स (AIDS), सिफलिस (Syphilis), गोनोरिया (Gonorrhea) जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

अनचाहा गर्भधारण (Unwanted Pregnancy): यदि यौन संबंधों के दौरान सावधानी न बरती जाए, तो अनचाहे गर्भ का खतरा रहता है। कई बार इसका परिणाम गर्भपात (Abortion) होता है, जिससे महिलाओं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

हॉर्मोनल असंतुलन: बार-बार संबंध बनाने से शरीर के हॉर्मोन असंतुलित हो सकते हैं, जिससे मानसिक और शारीरिक समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।

4. नैतिक और धार्मिक प्रभाव

भारत जैसे पारंपरिक समाज में विवाह से पहले यौन संबंधों को नैतिक और धार्मिक रूप से गलत माना जाता है। हिंदू धर्म, इस्लाम, ईसाई धर्म, सिख धर्म आदि सभी में विवाह को पवित्र संबंध माना गया है। अधिकांश धार्मिक ग्रंथों में विवाह के बाद ही शारीरिक संबंध स्थापित करने की सलाह दी गई है। जो लोग धार्मिक मूल्यों का पालन करते हैं, वे विवाह से पहले संबंध बनाने के बाद अपराधबोध और आत्मग्लानि का अनुभव कर सकते हैं।

5. वैवाहिक जीवन पर प्रभाव

ऐसा माना जाता है कि विवाह से पहले यौन संबंध भविष्य में वैवाहिक जीवन को भी प्रभावित कर सकते हैं। यदि किसी व्यक्ति के पहले भी कई यौन संबंध रहे हों, तो उसका प्रभाव उसके जीवनसाथी के साथ संबंधों पर पड़ सकता है। कई बार शादी के बाद अविश्वास और असुरक्षा की भावना उत्पन्न हो सकती है, जिससे रिश्ते में दरार आ सकती है।

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