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पितृ पक्ष श्राद्ध 14 सितंबर से आरंभ, जानिए किस दिन कौन सा श्राद्ध किया जाएगा

आश्विन कृष्ण पक्ष प्रतिपदा से पितृ पक्ष से श्राद्घ आरंभ होता है। इस साल 13 सितंबर यानि पूर्णिमा को ऋषि तर्पण और श्राद्घ होगा।

06:35 AM Sep 09, 2019 IST | Desk Team

आश्विन कृष्ण पक्ष प्रतिपदा से पितृ पक्ष से श्राद्घ आरंभ होता है। इस साल 13 सितंबर यानि पूर्णिमा को ऋषि तर्पण और श्राद्घ होगा।

आश्विन कृष्ण पक्ष प्रतिपदा से पितृ पक्ष से श्राद्घ आरंभ होता है। इस साल 13 सितंबर यानि पूर्णिमा को ऋषि तर्पण और श्राद्घ होगा। इसके बाद 14 सितंबर से पितृ पक्ष श्राद्घ आरंभ हो जाएगा जो 28 सितंबर तक चलेगा। पितृ पक्ष अपने पितरों को याद करने का ठीक समय माना गया है।
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 पितृ 2 प्रकार के होते हैं एक दिव्य पितर और दूसरे पूर्वज पितर। बता दें कि दिव्य पितर ब्रह्मा के पुत्र मनु से उत्पन्न हुए ऋषि हैं। पितरों में सबसे मुख्य अर्यमा हैं जिनके बारे में गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि पितरों में प्रधान अर्यमा वह स्वयं हैं।
वहीं दूसरे प्रकार के पितर पूर्वज होते हैं। पितृपक्ष में अपने इन्हीं पितरों को लोग याद करते हैं और इनके नाम से पिंडदान,श्रद्घा और ब्राह्मण भोजन करवाते हैं। पितर अपन परिजनों के पास पितृपक्ष श्राद्घ के समय आते हैं साथ ही अन्न जल एंव आदर की अपेक्षा करते हैं। जिन भी परिवार के लोग पितृपक्ष के वक्त पितरों के नाम से अन्न जल दान नहीं करते हैं।
श्राद्घ कर्म नही करते हैं उनके पितर भूखे-प्यासे ही धरती से वापस लौट जाते हैं इससे किसी और को ही नहीं बल्कि परिवार के लोगों को ही पितृ दोष लगता है। इसे पितृ शाप भी कहा जाता है। इसे पितृ शाप भी कहते हैं। इससे संतान प्राप्ति में बाधा आती है। इससे परिवार मेें रोग और कष्ट बढ़ जाता है। 
पितृ पक्ष के नियम 
पितृ पक्ष में जिन तिथियों में पूर्वज यानी पिता,दादा,परिवार के लोगों की मृत्यु हुई होती है उस तिथि को उनका श्राद्घ किया जाता है। श्राद्घ में दोपहर के वक्त पितरों के नाम से श्राद्घ और ब्राह्मïण भोजन करवाना चाहिए। वहीं देवताओं की पूजा सुबह में जबकि पितरों की दोपहर के समय में होनी चाहिए। इस बार आश्विन कृष्ण द्वितीया तिथि 2 दिन 15 और 16 सितंबर को है। ऐसे में परेशानी यह है कि द्वितीया तिथि का श्राद्घ किस दिन किया जाएगा। 
शास्त्रों के नियम अनुसार जिस दिन दोपहर के वक्त ज्यादा समय तक जो तिथि व्याप्त हो उस दिन ही उसी तिथि को श्राद्घ किया जाना चाहिए। इस नियम के मुताबिक 15 तारीख को द्वितीय तिथि का श्राद्घ किया जाएगा। इस साल श्राद्घ पक्ष में एकादशी आक्र द्वादशी का श्राद्घ एक ही दिन किया जाएगा। द्वादशी तिथि का क्षय है। 
पितृपक्ष श्राद्ध तिथि 2019
13 सितंबर शुक्रवार प्रोष्ठपदी पूर्णिमा श्राद्ध
14 सितंबर शनिवार प्रतिपदा तिथि का श्राद्ध
15 सितंबर रविवार द्वितीया तिथि का श्राद्ध
17 सितंबर मंगलवार तृतीया तिथि का श्राद्ध
18 सितंबर बुधवार चतुर्थी तिथि का श्राद्ध
19 सितंबर बृहस्पतिवार पंचमी तिथि का श्राद्ध
20 सितंबर शुक्रवार षष्ठी तिथि का श्राद्ध
21 सितंबर शनिवार सप्तमी तिथि का श्राद्ध
22 सितंबर रविवार अष्टमी तिथि का श्राद्ध
23 सितंबर सोमवार नवमी तिथि का श्राद्ध
24 सितंबर मंगलवार दशमी तिथि का श्राद्ध
25 सितंबर बुधवार एकादशी का श्राद्ध/द्वादशी तिथि/संन्यासियों का श्राद्ध
26 सितंबर बृहस्पतिवार त्रयोदशी तिथि का श्राद्ध
27 सितंबर शुक्रवार चतुर्दशी का श्राद्ध
28 सितंबर शनिवार अमावस्या व सर्वपितृ श्राद्ध
29 अक्तूबर रविवार नाना/नानी का श्राद्ध
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