कब है बसंत पंचमी? जानें कैसे करें इस दिन मां सरस्वती को प्रसन्न
बंसत पंचमी का त्योहार हर साल माघ शुक्ल पंचमी को मनाया जाता है। इस खास दिन पर विद्या की देवी मां सरस्वती का पूजन किया जाता है।
09:08 AM Jan 25, 2020 IST | Desk Team
बंसत पंचमी का त्योहार हर साल माघ शुक्ल पंचमी को मनाया जाता है। इस खास दिन पर विद्या की देवी मां सरस्वती का पूजन किया जाता है। भारत ही नहीं बल्कि आस-पास के पड़ोसी देश नेपाल और बांग्लादेश में भी इस दिन को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन बसंत ऋतु का धरती पर आगमन माना जाता है। जिसके स्वागत के लिए भगवान विष्णु और कामदेव की पूजा भी करी जाती है। इस त्योहार को भारत के बहुत सारी जगहों पर सरस्वती पूजा के लिए भी जाना जाता है। तो आइए जानते हैं बसंत पंचमी के दिन कैसे करें मां सरस्वती की पूजा और क्या है पूजा करने का शुभ मुहूर्त…
बंसत पंचमी मुहूर्त
बसंत पंचमी सरस्वती पूजा मुहूर्त- सुबह10:45 से 12:34
अवधि- 01 घण्टा 49 मिनट
बसंत पञ्चमी मध्याह्न का क्षण- दोपहर 12:34
पञ्चमी तिथि प्रारम्भ – जनवरी 29, 2020 को सुबह 10:45 पर
पञ्चमी तिथि समाप्त – जनवरी 30, 2020 को दोपहर 01:19 पर
बसंत पंचमी क्यों है खास?
हिंदू धर्म में बंसत पंचमी का दिन शुभ काम की शुरूआत करने के लिए सबसे ज्यादा शुभ माना गया है। इस दिन शुभ कार्यों की शुरूआत करने के लिए सबसे अच्छा समय माना गया है। ये दिन मां सरस्वती के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वजह से इस दिन सभी स्कूलों में मां सरस्वती की पूजा भी की जाती है और तरह-तरह के प्रोग्राम का अयोजन किया जाता है। वहीं सभी छात्र इस खास दिन पर अपनी किताब कॉपी और पढऩे वाली वस्तुओं की पूजा भी करते हैं। इस दिन शिशुओं को पहला अक्षर लिखना भी सिखाया जाता है। विद्या का आरंभ करने के लिए ये दिन सबसे ज्यादा शुभ माना गया है।
कैसे करें मां सरस्वती की उपासना?
बसंत पंचमी के दिन सुबह सरस्वती वंदना का पाठ अवश्य करें। मां सरस्वती का चित्र पढऩे वाली जगह पर जरूर लगाएं और इस दिन आप पीले या सफेद रंग के वस्त्र जरूर पहने। मां सरस्वती की पूजा करने के लिए पूर्व या उत्तर दिशा की तरह मुख करके बैठे। सरस्वती पूजा दोपहर के समय की जाती है।
मां की प्रतिमा को पीले वस्त्र पहनाएं साथ ही मां सरस्वती उनकी पूजा के दौरान,मौली,हल्दी,केसर,अक्षत,पीले या सफेद फूल,पील मिठाई,मिश्री,दही इत्यादि चीजों का प्रयोग करें। ध्यान रहे इस दिन देवी मां के भोग स्वरूप केसर मिश्रित खीर जरूर बनाए।
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