जानिए कलावा बांधने के नियम और महत्व
कलावा बांधने के महत्व और नियमों की पूरी जानकारी
हाथ पर कलावा बांधने की शुरुआत मां लक्ष्मी से हुई है। सनातन धर्म में इसका बेहद महत्व है। कलावा को रक्षा सूत्र के नाम से भी जाना जाता है।
कलावा बांधने से नकारात्मक ऊर्जा का खात्मा होता है। इसके साथ ही इंसान को ब्रह्मा, विष्णु, और महेश का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।
आज हम आपको बताएंगे कि आखिर कलावा बांधने के क्या नियम है? आइए इन नियमों के बारे में विस्तार से जानें।
खाली हाथ कलावा नहीं बंधवाना चाहिए। ऐसे में आप हाथ में चावल या सिक्का रख सकते हैं। इससे घर में धन का आगमन होता है।
कलावा बांधते समय ‘येन बद्धो बली राजा, दानवेन्द्रो महाबलः, तेन त्वां मनु बध्नामि, रक्षे माचल माचल’ मंत्र का जप करना चाहिए।
पुरुषों और अविवाहित लड़कियों को अपने दाएं हाथ में कलावा बांधना चाहिए। विवाहित स्त्रियों को बाएं हाथ में कलावा बांधना चाहिए।
शास्त्रों के मुताबिक, 21 दिनों तक ही कलावा पहनना शुभ माना जाता है। इससे ज्यादा दिनों तक हाथ में कलावा बांधने से नकारात्मक ऊर्जा का वास होने लगता है।
उतरे हुए कलावे को कभी दोबारा नहीं बांधना चाहिए। उतारने के बाद इसे किसी बहती नदी में प्रवाहित कर देना शुभ होता है।