शिक्षा की अनोखी पहल, खुद के बनाए Space Model से बच्चों को ज्ञान दे रहा ये होनहार छात्र
पानीपत का एक होनहार छात्र गरीब बच्चों को अंतरिक्ष की जानकारी देने के लिए प्रेरणा स्रोत बन गया है। वह अपने खुद के बनाए Space Model की मदद से बच्चों को अंतरिक्ष के बारे में दिलचस्प जानकारी दे रहा है ताकि उनमें जिज्ञासा पैदा हो और वे कुछ नया सीखने की ओर प्रेरित हो सकें।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह कहानी है पानीपत के मॉडल टाउन में रहने वाले Tarak की, जो वर्तमान में दून स्कूल, देहरादून में 12वीं कक्षा में पढ़ता है। बचपन से ही तारक को अंतरिक्ष और ब्रह्मांड के रहस्यों को जानने की गहरी रुचि रही है। उसने समय के साथ स्कूल और इंटरनेट की मदद से इस विषय पर गहरी जानकारी जुटाई।
बच्चों को सीखाने की अनोखी सोच
अब जब Tarak को अंतरिक्ष की अच्छी जानकारी हो गई है, तो उसने यह ज्ञान उन बच्चों तक पहुंचाने का निश्चय किया है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और महंगे स्कूलों में पढ़ाई नहीं कर सकते। खासकर वह बच्चे जो स्लम इलाकों में रहते हैं और NGO या सरकारी संस्थाओं द्वारा चलाए जा रहे स्कूलों में पढ़ते हैं।

खुद बनाया अनोखा स्पेस टेंट
Tarak ने बच्चों को अंतरिक्ष समझाने के लिए एक खास Space Model तैयार किया है। उसने लोहे की तारों से एक टेंट जैसा ढांचा बनाया और उसके अंदर प्रोजेक्टर की मदद से अंतरिक्ष के वीडियो और चित्र चलाए। इन वीडियो में सूरज, चाँद, ग्रह, तारे और गैलेक्सी जैसी चीज़ों की जानकारी दी गई है, जिससे बच्चे आसानी से अंतरिक्ष को समझ सकें।
बच्चों में बढ़ी सीखने की रुचि
जब तारक ने यह Space Model पहली बार इस्तेमाल किया, तो बच्चों की खुशी और उत्सुकता देखने लायक थी। उन्होंने कहा कि ऐसा अनुभव उन्होंने पहली बार किया है। Tarak का यह प्रयास बच्चों में विज्ञान और खासकर अंतरिक्ष के प्रति रुचि बढ़ा रहा है। वह चाहते हैं कि बच्चे भी सवाल पूछें, खोजें और आगे चलकर वैज्ञानिक बनें।
Tarak का सपना
Tarak का कहना है कि बचपन में जब वह अपने पिता से पूछते थे कि "अंतरिक्ष में क्या है?" तो उनके पिता भी उन्हें जानकारी देने की कोशिश करते थे। अब वह खुद यह भूमिका निभा रहे हैं। तारक का सपना है कि उनका यह प्रोजेक्ट देश के हर कोने तक पहुंचे, खासकर वहां, जहां बच्चों को बेहतर संसाधन नहीं मिल पाते।
भविष्य की योजना
Tarak इस प्रोजेक्ट को और बड़ा बनाना चाहते हैं। उनका लक्ष्य है कि पूरे देश के ऐसे स्कूलों में जहां गरीब या स्लम इलाके के बच्चे पढ़ते हैं, वहां यह Space Model पहुंचे। उनका मानना है कि आने वाले समय में बच्चों को तारों और अंतरिक्ष के बारे में जानना जरूरी है, क्योंकि प्रदूषण और शहरीकरण के कारण अब रात में भी आकाश में तारे कम नजर आते हैं।