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इन जगहों पर सावन का सबसे बड़ा मेला लगता है , भगवान शिव के दर्शन के लिए दूर-दूर से आतें है श्रद्धालु

सावन का महीना 17 जुलाई से शुरू हो गया है। ये महीना शिव भक्तों के लिए बेहद खास होता है। सावन मास में भगवान भोलेनाथ के दर्शन के लोग काफी दूर-दूर से आते हैं।

07:14 AM Jul 25, 2019 IST | Desk Team

सावन का महीना 17 जुलाई से शुरू हो गया है। ये महीना शिव भक्तों के लिए बेहद खास होता है। सावन मास में भगवान भोलेनाथ के दर्शन के लोग काफी दूर-दूर से आते हैं।

सावन का महीना 17 जुलाई से शुरू हो गया है। ये महीना शिव भक्तों के लिए बेहद खास होता है। सावन मास में भगवान भोलेनाथ के  दर्शन के लोग काफी दूर-दूर से आते हैं। भक्तों के लिए सावन का महीना ही भगवान भोलेनाथ को खुश करने के लिए शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यताएं हैं कि भगवान विष्णु के सो जाने कें बाद इस मास में भोलेनाथ शिव तीनों लोक की रक्षा करते हैं। आज हम आपको बताने वाले हैं भगवान शिव के उन पवित्र धामों के बारे में जहां पर सावन का मेला लगता है।
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1.हरिद्वार का सावन मेला

सावन के खास महीने में शिव भक्तों के लिए सावन का सबसे बड़ा मेला हरिद्वार में लगता है। यहां पर कांवडिय़ों के पहुंचने का सिलसिला सवान आते ही शुरू हो जाता है। यहां आकर लोग भगवान शिव की अराधना करते हैं। इसके बाद भक्त गंगा का पवित्र जल कांवड़ में लेकर वापस घर की ओर रवाना होते हैं।

2.झारखंड के देवघर का श्रावणी मेला

हर साल कांवडिय़े झारखंड के देवघर में स्थित विश्व प्रसिद्घ वैद्यनाथ धाम में बिहार के सुल्तानगंज में गंगा नदी से जल लेकर द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक का जलाभिषेक करते हैं। देवघर का ये सावन मेला भगवान भोलेनाथ के सबसे बड़े मेलों की लिस्ट में शुमार है। 

3.काशी विश्वनाथ मेला

सावन का मेला काशी में भी लगता है। काशी के विश्वनाथ का दर्शन करने के लिए सात मार्गों से कांवडिया यहां पर पैदल ही आ जाते हैं। 

4.लखीमपुर का सावन मेला

छोटी काशी के नाम से मशहूर पौराणिक नगरी में सावन का मेला चालू होते ही देश प्रदेश के हजारों भक्त अवढरदानी के जलाभिषेक के लिए यहां पर आते हैं। 
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