पश्चिम बंगाल में SIR को लेकर विवाद, प्रदर्शन पर उतरे BLO, सुवेंदु अधिकारी के खिलाफ लगे “गो बैक” के नारे
Kolkata BLO Protest: पश्चिम बंगाल में SIR (स्पेशल समरी रिवीजन) प्रक्रिया को लेकर जारी विवाद के बीच बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है। सोमवार को बड़ी संख्या में बीएलओ कोलकाता स्थित राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) के कार्यालय पहुंच गए। इस दौरान उन्होंने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की और वहां मौजूद नेताओं के खिलाफ नारेबाजी भी की।
Kolkata BLO Protest: सुवेंदु अधिकारी के खिलाफ नारेबाजी
बीएलओ जब सीईओ ऑफिस पहुंचे, उसी समय बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी भी अपनी शिकायतें लेकर वहां आए हुए थे। बीएलओ ने उनके खिलाफ “गो बैक” के नारे लगाए। प्रदर्शन में तृणमूल बीएलओ राइट्स प्रोटेक्शन कमिटी भी शामिल थी। इस घटना के बाद विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि टीएमसी बीएलओ को भड़का रही है और उनके जरिये वोटर लिस्ट में गड़बड़ी करवाने की कोशिश कर रही है। बीजेपी ने कहा कि वे इन गड़बड़ियों की शिकायत चीफ इलेक्शन कमिश्नर ज्ञानेश कुमार से करेंगे और उनसे राज्य में आने की मांग भी उठाएंगे।
Bengal Protest: बैरिकेड पर धक्का-मुक्की, माहौल तनावपूर्ण
जब बीजेपी नेता वोटर लिस्ट में गलतियों की शिकायतें लेकर सीईओ ऑफिस पहुंचने लगे, तो वहां पहले से मौजूद तृणमूल समर्थक बीएलओ संगठनों से उनकी नोकझोंक शुरू हो गई। देखते ही देखते स्थिति बिगड़ गई और दोनों पक्षों के बीच धक्का-मुक्की होने लगी। पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड भी गिरने की कगार पर पहुंच गए। हाथापाई की स्थिति बनने पर मौके पर भारी पुलिस बल बुलाया गया। पुलिस ने किसी तरह दोनों पक्षों को अलग किया और हालात को काबू में लिया।
Kolkata News Today: विपक्ष का गुस्सा, चुनाव आयोग को लिखित शिकायत
घटना के बाद सुवेंदु अधिकारी सीधे सीईओ ऑफिस के अंदर गए और वहां अधिकारियों के सामने अपना विरोध दर्ज कराया। उन्होंने मांग की कि सीईओ ऑफिस को किसी अन्य सुरक्षित जगह पर शिफ्ट किया जाए। सुवेंदु अधिकारी ने यह भी कहा कि मौजूदा माहौल को देखते हुए चुनाव आयोग को केंद्रीय सुरक्षा बलों की मदद लेनी चाहिए, ताकि वोटर लिस्ट संशोधन प्रक्रिया ठीक तरीके से हो सके।
BLO की समस्याएं और सरकार पर सवाल
पश्चिम बंगाल में वोटरलिस्ट रिवीजन के दौरान कई बीएलओ की मौत होने की भी खबरें सामने आई हैं। इन घटनाओं को लेकर बीएलओ लगातार अपनी सुरक्षा और सुविधा की मांग उठा रहे हैं। हालांकि, केंद्रीय चुनाव आयोग ने SIR प्रक्रिया की समय सीमा एक सप्ताह बढ़ा दी है और बीएलओ को मिलने वाली राशि भी दोगुनी कर दी है। इसके बावजूद बीएलओ का कहना है कि मैदान में काम करने के दौरान उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसके समाधान की जरूरत है।
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