kolkata Rape Case: राज्य में आक्रोश जारी, आपस में भिड़े पुलिस और BJP समर्थक
kolkata Rape Case: पश्चिम बंगाल के प्रतिष्ठित साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज की एक छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म की घटना ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है. इस जघन्य अपराध के विरोध में शनिवार को कोलकाता की सड़कों पर जबरदस्त राजनीतिक हलचल देखी गई. कांग्रेस छात्र परिषद और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन के खिलाफ तीखा रुख अपनाया है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस की छात्र इकाई ने कोलकाता के कस्बा थाने के सामने विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस गंभीर अपराध को दबाने की कोशिश कर रही है और पीड़िता को न्याय दिलाने में असफल रही है. प्रदर्शनकारियों ने राज्य में महिला सुरक्षा की बिगड़ती स्थिति पर सवाल खड़े किए और घटना की न्यायिक जांच की मांग की.
गरियाहाट में भाजपा का जोरदार आंदोलन
भाजपा ने भी इस घटना को लेकर मोर्चा खोल दिया. शनिवार को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं ने गरियाहाट चौराहे पर विरोध प्रदर्शन किया. दोपहर 12 बजे शुरू हुआ यह प्रदर्शन कुछ ही समय में गरियाहाट के मुख्य चौराहे को पूरी तरह ठप कर गया. प्रदर्शनकारी "महिला सुरक्षा सुनिश्चित करो" और "दोषियों को सजा दो" जैसे नारे लगा रहे थे.
पुलिस और BJP कार्यकर्ताओं के बीच टकराव
प्रदर्शन के दौरान तनाव उस समय बढ़ गया जब भाजपा नेता सुकांत मजूमदार, जगन्नाथ चटर्जी और अनुपम भट्टाचार्य ने पुलिस बैरिकेड्स तोड़ते हुए आगे बढ़ने की कोशिश की. पुलिस ने बिना अनुमति के सार्वजनिक सभा आयोजित करने पर आपत्ति जताई थी. इसी दौरान पुलिस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच तीखी झड़प हुई.
जब पुलिस ने सुकांत मजूमदार को रोका, तो उन्होंने पूछा, “जब धारा 144 लागू नहीं है, तो हमें क्यों रोका जा रहा है?” पुलिस अधिकारियों का कहना था कि प्रदर्शन की कोई पूर्व अनुमति नहीं ली गई थी और बैरिकेड्स तोड़ना कानून का उल्लंघन है, इसलिए उन्हें हिरासत में लिया गया.
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विशेष जांच दल (SIT) का गठन
इस गंभीर मामले की त्वरित और निष्पक्ष जांच के लिए कोलकाता पुलिस ने एक पांच सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है. इस टीम का नेतृत्व सहायक पुलिस आयुक्त प्रदीप घोषाल कर रहे हैं. SIT को निर्देश दिए गए हैं कि वे जल्द से जल्द घटना की तह तक पहुंचें और आरोपियों के खिलाफ ठोस सबूत इकट्ठा करें.
राजनीतिक रंग लेती जा रही है घटना
यह मामला अब सिर्फ कानून व्यवस्था तक सीमित नहीं रह गया है. राज्य की सियासत में भी इस मुद्दे ने हलचल पैदा कर दी है. आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र इस घटना को लेकर राजनीतिक बयानबाज़ी तेज हो गई है. जहां एक ओर पुलिस और फॉरेंसिक टीमें जांच में जुटी हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्ष राज्य सरकार की भूमिका पर गंभीर सवाल उठा रहा है.
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