Top NewsIndiaWorld
Other States | Delhi NCRHaryanaUttar PradeshBiharRajasthanPunjabJammu & KashmirMadhya Pradeshuttarakhand
Business
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

कोलकाता ‘रेप कांड’ : इंसाफ कब मिलेगा?

01:42 AM Aug 21, 2024 IST | Shera Rajput

ऐसा प्रतीत हो रहा है कि देश बजाय ‘रिपब्लिक’ के ‘रेप पब्लिक’ बन गया है। बंगाल हो उस महाराष्ट्र का ठाणे के एक स्कूल की दो बच्चियों का यौन शोषण, या अन्य कोई स्थान, इस जघन्य पाप में कमी नहीं आ रही है। आज बंगाल जल रहा है, चाहे बंगलादेश में वहां के हिंदुओं के साथ हो रहे जघन्य अपराध हों, या अपने पश्चिमी बंगाल में एक ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद बर्बर हत्या हो। कोलकाता के आरजी कर अस्पताल की ट्रेनी डॉक्टर रेप-मर्डर केस के बारे में कई सनसनीखेज़ और हृदय विदारक तथ्य सामने आते जा रहे हैं। ट्रेनी डॉक्टर के बारे में खबरें ये भी आ रही हैं कि उसने आरसी कर अस्पताल द्वारा घटिया, नक़ली और सस्ती दवाईयों को अति महंगे दामों पर बेचे जाने की शिकायत भी करी थी, जिसके कारण पूर्ण ममता सरकार, पुलिस तंत्र व बंगाल सरकार इस डॉक्टर के विरोध में ही नहीं उतरे, बल्कि उसकी जानी दुश्मन बन गए।
इसके अतिरिक्त यह दावा भी किया जा रहा है कि रेप तो बहाना था, अंग तस्करी निशाना था क्योंकि असली कारण को पर्दे के पीछे रखना था, रेप को बहाना बना कर कई कांड करने थे, जिनमें अस्पताल में सेक्स-ड्रग रैकेट चलाने का आरोप भी था, जिसकी ओर क़त्ल की गई डॉक्टर ने इशारा किया था। इस कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष की शिकायत करते हुए ट्रेनी डॉक्टर के पिता ने बताया कि पत्थर दिल प्रिंसिपल उनसे मिलने तक नहीं आया, बल्कि फ़ोन पर गलत जानकारी देते हुए कहा गया कि उनकी बेटी की तबियत ख़राब है। फिर कहा गया कि उसने आत्महत्या कर ली। उसके बाद ट्रेनी डॉक्टर के अभिभावकों को कॉलेज प्रबंधन ने तीन घंटे तक टहलाया ताकि उसकी हत्या के प्रमाणों को मिटाया जा सके, जिसकी सबसे बड़ी गवाही यह थी कि जिस श्मशान घाट पर ट्रेनी डॉक्टर से पूर्व तीन शव जलाए जाने थे और इसका चौथा नंबर था, मगर पूर्ण कांड को सतर्कता के साथ अपनाए जाने के लिए और यह कि उसके माता-पिता को असलियत का आभास न हो, उसके शव को सबसे पहले जला दिया गया।
क्या ख़बर पीड़िता के शरीर से कुछ अंग निकाले गए हों, जिसके कारण उसके शरीर को जला दिया। यह वास्तव में दिल्ली की निर्भया से कहीं अधिक बर्बरतापूर्ण है। केंद्र को चाहिए कि वर्तमान हालात को देखते हुए पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए, क्योंकि चुनावों के दौरान भी भाजपा व संघ के कई कार्यकर्ताओं की बेदर्दी से हत्याएं की गईं और यह सब बंगाल में अपनी सत्ता जमाए रखने के लिए किया जाता रहा है और आज भी किया जा रहा है।
इस प्रिंसिपल के मोबाइल फोन से काफी डाटा डिलीट किया गया है, क्योंकि उसने पीड़िता की दर्दनाक मौत के पश्चात् अस्पताल की पूरी टीम के साथ मीटिंग की। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले में चौंकाने वाली जानकारी में अब तक की जांच और डॉक्टर के बैचमेट्स के बयानों से पता चला है कि मानव अंगों के अवैध कारोबार से पर्दा उठाने की कोशिशें रोकने के लिए ट्रेनी डॉक्टर को रास्ते से हटाया गया। देश और दुनिया की जनता इस बात के लिए भी स्तब्ध है कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के क़त्ल के इनाम में बजाय नार्को टेस्ट और सीबीआई जांच के, और भी बड़े ओहदे से नवाज़ दिया गया है। क्या कातिलों को सुरक्षा देने के लिए और ट्रेनी डॉक्टर की हत्या पर पर्दा डालने के लिए ममता ने ड्रामा किया?
उर्दू का मुहावरा है, "क़ातिल भी मैं, मुंसिफ भी मैं", के अनुसार जब उनके ही कॉलेज और पुलिस की लापरवाही और साठ-गांठ से यह वीभत्सपूर्ण हत्या हुई है तो प्रोटेस्ट क्या उन्होंने अपने ही विरुद्ध निकाला था? ये डॉक्टर जो अपने नोबल प्रोफेशन द्वारा न जाने कितने लोगों का जीवन बचाते हैं, इनकी अपनी ज़िंदगी की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं। शायद यह बात कम ही लोगों को पता होगी कि कोरोना के समय भारत के हजारों डॉक्टर व स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोग अपने प्राणों की आहुति दे चुके हैं। इसके अतिरिक्त जब भी किसी मरीज को कोई समस्या होती है तो उसके रिश्तेदार आकर हुड़दंग मचाते हैं। यही नहीं, कई बार डॉक्टरों की पिटाई और हत्या तक कर दी जाती है। अभी हाल ही में दिल्ली के जीटीबी अस्पताल के गायनेकोलॉजी विभाग में भी काफ़ी तोड़-फोड़ की और मेडिकल स्टाफ से मार-पीट की। वे डॉक्टर जो कोरोना और अन्य छुआ-छूत की बीमारियों वाले मरीजों के बीच अपनी जान को खतरे में डाल कर इलाज करते हैं और संक्रमित होकर भी जान गंवाते हैं, उनकी सुरक्षा कौन करेगा?
केंद्र सरकार और विशेष रूप से स्वास्थ्य मंत्रालय को तुरंत इस ज्वलंत समस्या का समाधान करना होगा। पता नहीं, इस भारत में अनेक केसों का कोई नतीजा निकलेगा या नहीं, क्योंकि आरुषी (नोएडा), दिशा सलयान आदि के केस भी पूर्ण रूप से अपने अंजाम को नहीं पहुंचे। कई भारतवासी मानते हैं कि इन जघन्य पापों की सटीक सज़ा सऊदी अरब में शहर के चौकों पर चोरों को हाथ काट कर, बलात्कारियों का सर धड़ से अलग कर या लिंग काट कर दी जाती है, उसी को भारत में देना होगा। कुछ भी हो, ट्रेनी डॉक्टर के आरोपियों को मिसाली सज़ा देनी होगी, नहीं तो भारत अंधे कुएं में धंस जाएगा।

- फ़िरोज़ बख्त अहमद 

Advertisement
Advertisement
Next Article