Kota : शादी के कार्ड में अब दूल्हा-दुल्हन की उम्र लिखना जरूरी, नहीं तो होगी कार्रवाई
कोटा: शादी के कार्ड में उम्र न लिखने पर प्रशासन की कड़ी चेतावनी
राजस्थान के कोटा जिले में बाल-विवाह को रोकने के लिए जिला कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी ने सख्त आदेश जारी किए हैं। अब शादी के कार्ड में दूल्हा-दुल्हन की उम्र लिखना अनिवार्य होगा। अक्षय तृतीया के मौके पर बाल-विवाह की संभावनाओं को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।इस आदेश का उल्लंघन करने पर संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने बाल विवाह जैसी कुप्रथा पर लगाम लगाने के लिए यह सख्त कदम उठाया है.
राजस्थान के कोटा जिले में बाल-विवाह को रोकने के लिए जिलाधिकारी ने सख्त कदम उठाए हैं। कोटा जिला कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी ने सख्त आदेश देते हुए एक नोटिस जारी किए हैं। राजस्थान में अक्षय तृतीया के मौके पर लोग बाल-विवाह करना सही मानते हैं। इस बार अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को हैं इसको देखते हुए जिलाधिकारी ने यह निर्देश जारी किए हैं। आदेश के मुताबिक, अब शादी के कार्ड में दूल्हा-दुल्हन की उम्र लिखना अनिवार्य है। अब निमंत्रण कार्ड छपवाने के समय आपको दूल्हा-दुल्हन के आयु प्रमाण पत्र देना पड़ेगा, जिससे उनकी सही उम्र पता कर कार्ड पर लिखा जा सके।
लड़की 18 और लड़का 21 होना अनिवार्य
जिलाधिकारी के आदेश के अनुसार, निमंत्रण कार्ड पर लड़की की उम्र 18 साल और लड़का का उम्र 21 होना जरुरी है। इतना ही नहीं शादी में टेंट लगाने वाले से लेकर हलवाई, बैंड बाजा वाले, लाइट लगाने वाले, विवाह स्थल के मालिक और प्रबंधकों को अपने कार्यस्थल पर बड़े अक्षरों में यह लिखना जरुरी है कि,”बाल विवाह एक दंडनीय अपराध है” और लड़की की उम्र 18 साल, लड़के की 21 साल होनी चाहिए “.
अधिकारी खुद करेंगे इसकी निगरानी
कलेक्टर की ओर से जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि बाल विवाह की संभावना वाले स्थानों पर निगरानी के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों की टीम गठित की गई है। ये टीमें अपने कार्य क्षेत्रों में जाकर यह सुनिश्चित करेंगी कि कोई बाल विवाह तो नहीं हो रहा है। यदि किसी घर में शादी की तैयारियां जैसे पेंटिंग, भित्तिचित्र, बच्चों का स्कूल से अनुपस्थित होना, या बैंड, ढोल, पंडित, वाहन बुकिंग आदि जैसी गतिविधियां पाई जाती हैं, तो संबंधित अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि विवाह नाबालिग दूल्हा-दुल्हन का नहीं हो रहा है।
खबर मिलने पर जल्द हो कार्रवाई
बाल विवाह का संदेह होने पर तत्काल उपखंड मजिस्ट्रेट, कार्यपालक मजिस्ट्रेट (तहसीलदार) अथवा नजदीकी पुलिस थाने को सूचित करना आवश्यक होगा। इस आदेश का उल्लंघन करने पर संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने बाल विवाह जैसी कुप्रथा पर लगाम लगाने के लिए यह सख्त कदम उठाया है.
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