Gen-Z प्रोटेस्ट के बाद पहले बार पब्लिक में नजर आए नेपाल के पूर्व PM! इस मंच पर दिखे केपी ओली
KP Oli First Public Appearance: नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री और CPN-UML के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली हाल ही में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल होकर फिर से राजनीतिक मंच पर लौटते नजर आए। यह उनकी उस इस्तीफे के बाद पहली सार्वजनिक उपस्थिति थी, जो उन्होंने 9 सितंबर को जनरल ज़ेड आंदोलन के बाद दिया था। यह आंदोलन नेपाल की राजनीति में एक बड़ा मोड़ साबित हुआ।
KP Oli First Public Appearance: इस्तीफे के बाद पहली बार दिखे ओली
जनरल ज़ेड आंदोलन के दौरान देशभर में उग्र विरोध-प्रदर्शन हुए, जिनका नेतृत्व युवाओं और छात्रों ने किया। इस आंदोलन की पृष्ठभूमि में भ्रष्टाचार, राजनीतिक जवाबदेही की कमी, और सोशल मीडिया पर पाबंदी जैसे मुद्दे थे। आंदोलन के ठीक एक दिन बाद, यानी 9 सितंबर, को ओली ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद वे लगभग तीन हफ्तों तक सार्वजनिक रूप से नज़र नहीं आए।
पार्टी बैठक के बाद हुई वापसी
CPN-UML पार्टी के डिप्टी जनरल सेक्रेटरी प्रदीप ज्ञवाली ने पुष्टि की कि ओली पार्टी की सचिवालय बैठक के बाद सामने आए। उन्होंने भक्तपुर में पार्टी के युवा संगठन - राष्ट्रिय युवा संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। इसे उनके द्वारा पार्टी के युवा वर्ग से दोबारा जुड़ने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।
KP Oli Latest News: युवाओं से जुड़ने की कोशिश
जनरल जेड आंदोलन में युवाओं की बड़ी भूमिका रही थी और आंदोलन के दौरान ओली की नेतृत्व शैली की काफी आलोचना हुई थी। अब उनकी इस कार्यक्रम में मौजूदगी को पार्टी में अपनी पकड़ मजबूत करने और युवाओं को फिर से जोड़ने की कोशिश माना जा रहा है।
KP Oli Gen Z protest: आंदोलन की पृष्ठभूमि और प्रभाव
8 सितंबर को शुरू हुए जनरल ज़ेड आंदोलन ने नेपाल की राजनीति को हिला दिया। यह आंदोलन 2006 के जन आंदोलन के बाद सबसे बड़ा और हिंसक माना जा रहा है। देशभर में हुए प्रदर्शनों में अब तक 74 लोगों की मौत हो चुकी है। इसे ‘जनरल ज़ेड क्रांति’ का नाम दिया जा रहा है और इसकी तुलना 2006 में हुई उस क्रांति से की जा रही है, जिसने राजशाही को समाप्त करके लोकतांत्रिक गणराज्य की नींव रखी थी।
अंतरिम प्रधानमंत्री बनीं सुशीला कार्की
ओली के इस्तीफे के बाद, पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया गया। हालांकि ओली ने हिंसा को लेकर कार्रवाई के आदेश देने से इंकार किया था, फिर भी उनकी सरकार की काफी आलोचना हुई। जन आंदोलन के बाद नेपाल की संसद भंग कर दी गई है और मार्च 2026 में आम चुनाव की घोषणा की गई है। देश फिलहाल राजनीतिक बदलाव के एक कठिन दौर से गुजर रहा है। राजधानी काठमांडू सहित अन्य शहरों में प्रदर्शन अब भी जारी हैं।
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