Krishna Janmashtami 2025 Shubh Muharat Timings: जानें कितने समय तक रहेगा शुभ मुहूर्त?
Krishna Janmashtami 2025 Shubh Muharat Timings: हर साल भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव पूरे श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में आधी रात के समय हुआ था। 2025 में यह पावन पर्व 16 अगस्त को मनाया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस दिन श्रद्धालु व्रत रखते हैं, श्रीकृष्ण की बाल रूप में पूजा करते हैं, और उन्हें माखन, मिश्री, तुलसी के पत्ते और अन्य प्रिय चीजें अर्पित करते हैं। आइए जानते हैं इस शुभ दिन की पूजा विधि, व्रत कथा, आरती, शुभ मुहूर्त और अन्य जरूरी बातें।
Krishna Janmashtami 2025 Shubh Muharat Timings
पूजा का शुभ समय:
- 16 अगस्त 2025 को रात 12:04 बजे से 12:47 बजे तक
- कुल समय: 43 मिनट
- मध्यरात्रि का विशेष क्षण:
- 16 अगस्त को रात 12:26 बजे
चंद्रोदय का समय:
- 16 अगस्त को रात 11:32 बजे
- रोहिणी नक्षत्र का समय
- आरंभ: 17 अगस्त को सुबह 4:38 बजे
- समाप्त: 18 अगस्त को सुबह 3:17 बजे
- भगवान श्रीकृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था, इसलिए इस नक्षत्र का विशेष महत्व है।
Krishna Janmashtami 2025: पूजा विधि
व्रत और स्नान:
भक्त सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और व्रत का संकल्प लेते हैं। पूरे दिन फलाहार करते हैं।
मंदिर या घर में झूला सजाना:
बाल गोपाल के लिए झूला सजाया जाता है और झूले में श्रीकृष्ण की मूर्ति स्थापित की जाती है।
श्रृंगार और पूजा:
श्रीकृष्ण को नए वस्त्र पहनाए जाते हैं, उनका श्रृंगार किया जाता है। उन्हें तुलसी, माखन, मिश्री, फल और पंजीरी अर्पित की जाती है।
भजन-कीर्तन:
दिन भर भगवान के भजन, कीर्तन और कथा का आयोजन होता है।
मध्यरात्रि पूजा:
रात 12 बजे के आस-पास श्रीकृष्ण का जन्म समय होता है, तब विशेष पूजा होती है। घंटी, शंख और मंत्रों के साथ जन्म उत्सव मनाया जाता है।
महत्वपूर्ण मंत्र
"ॐ नमो भगवते वासुदेवाय"
इस मंत्र का जाप करने से मानसिक शांति और प्रभु की कृपा प्राप्त होती है।
Krishna Janmashtami 2025: व्रत कथा और महत्व
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत की कथा सुनना इस दिन विशेष फलदायी माना जाता है। यह कथा हमें बताती है कि कैसे भगवान विष्णु ने धरती पर अत्याचार समाप्त करने के लिए श्रीकृष्ण रूप में जन्म लिया था। इस दिन व्रत रखने से पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-शांति आती है।
Krishna Janmashtami 2025: समापन
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी न सिर्फ धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी बहुत महत्वपूर्ण पर्व है। यह दिन प्रेम, करुणा और धर्म की जीत का प्रतीक है। भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को पूरे उत्साह और भक्ति भाव से मनाएं और उनके जीवन से प्रेरणा लें। "जय श्रीकृष्ण!"
Laddu Gopal Bhajan Lyrics In Hindi: जन्माष्टमी का त्योहार भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की खुशी में मनाया जाता है। यह पर्व हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को बड़े ही श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस बार ये दिन 16 अगस्त yani शनिवार को पड़ रहा है। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था। कहते हैं कि जब धरती पर पाप और अन्याय बढ़ गया था, तब भगवान विष्णु ने श्रीकृष्ण के रूप में अवतार लिया। उनका जन्म आधी रात को जेल में हुआ था। जन्माष्टमी उसी दिन की याद में मनाई जाती है, जब भगवान ने पाप का नाश करने और धर्म की रक्षा के लिए अवतार लिया था।
पूरे देश में भक्ति का माहौल
जन्माष्टमी के समय मंदिरों और घरों में विशेष तैयारियां की जाती हैं। मंदिरों को रंग-बिरंगी लाइटों और फूलों से सजाया जाता है। जगह-जगह भजन-कीर्तन और धार्मिक झांकियां आयोजित की जाती हैं। भगवान श्रीकृष्ण के जीवन की झलकियां जैसे कि बाल लीला, माखन चोरी, रास लीला आदि को नाटकों और झांकियों के माध्यम से दिखाया जाता है।