Krishna Janmashtami Special Bhajan: जन्माष्टमी के दिन भगवान Sri Krishna के ये लोकप्रिय भजन सुनकर झूम उठेगा मन
Krishna Janmashtami Special Bhajan: जन्माष्टमी का दिन भगवान Sri Krishna को समर्पित है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण धरती पर अवतरीत हुए थे। हिंदू धर्म में कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस त्योहर की तैयारी लोगों ने अभी से शुरू कर दी है। जन्माष्टमी 2025 का पर्व भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की खुशी में बड़े उत्साह से मनाया जाएगा। इसका सीधा उदाहरण बाजारों में मची चहल-पहल है।
बाजारों में लोगों की भीड़ इस बात की तरफ इशारा कर रही है कि श्रीकृष्ण को भक्त इस पावन दिन का कितनी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इस दिन लोग पूरी श्रद्धा और भक्ति में सराबोर रहते हैं। इस दिन भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। उन्होंने कंस के कहर से प्रजा की रक्षा की थी। इस दिन व्रत रखने से भगवान कृष्ण की असीम कृपा बरसती है। माना जाता है कि एक कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत 100 एकादशी के बराबर होता है।
इस दिन व्रत रखने से साधक को सभी पापों से और जीवन के कष्टों से मुक्ति मिलती है। इस दिन कृष्ण भगवान की सेवा और पूजा-अर्चना करने से और उनके नामों का जाप करने से जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। इस दिन के लिए मंदिरों को विशेष तौर पर सजाया जाता है। कुछ स्थानों पर जन्माष्टमी पर दही-हांडी का भी उत्सव होता है। जन्माष्टमी पर भक्त श्रद्धानुसार उपवास रखते हैं।
पुराणों में कहा गया है इस दिन बिना अन्न खाए भगवान कृष्ण की पूजा करने से पिछले तीन जन्मों के पाप खत्म हो जाते हैं। साथ ही मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। जन्माष्टमी पर उपवास के साथ श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। इस दिन लोग पूरा दिन भगवान श्रीकृष्ण का भजन-कीर्तन करते हैं और उनके नामों का जाप करते हैं। जन्माष्टमी का त्योहार इस साल 16 अगस्त को मनाया जाएगा।
इस जन्माष्टमी को और भी भक्तिमय और यादगार बनाने के लिए आप इन लोकप्रिय भजन को सुन सकते हैं। इन भजन को सुनने से आपका मन प्रसन्न हो जाएगा और आपका तन-मन झूम उठेगा।
1. पहला भजन-: श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी (Shri Krishna Govind Hare Murari Lyrics)

सच्चिदानंद रूपाय विश्वोत्पत्यादिहेतवे,
तापत्रय विनाशाय श्री कृष्णाय वयं नम: ॥
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥
हे नाथ नारायण...॥
पितु मात स्वामी, सखा हमारे,
हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥
हे नाथ नारायण...॥
॥ श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी...॥
बंदी गृह के, तुम अवतारी
कही जन्मे, कही पले मुरारी
किसी के जाये, किसी के कहाये
है अद्भुद, हर बात तिहारी ॥
है अद्भुद, हर बात तिहारी ॥
गोकुल में चमके, मथुरा के तारे
हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥
पितु मात स्वामी, सखा हमारे,
हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥
अधर पे बंशी, ह्रदय में राधे
बट गए दोनों में, आधे आधे
हे राधा नागर, हे भक्त वत्सल
सदैव भक्तों के, काम साधे ॥
सदैव भक्तों के, काम साधे ॥
वही गए वही, गए वही गए
जहाँ गए पुकारे
हे नाथ नारायण वासुदेवा॥
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥
पितु मात स्वामी सखा हमारे,
हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥
गीता में उपदेश सुनाया
धर्म युद्ध को धर्म बताया
कर्म तू कर मत रख फल की इच्छा
यह सन्देश तुम्ही से पाया
अमर है गीता के बोल सारे
हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥
श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥
पितु मात स्वामी सखा हमारे,
हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥
त्वमेव माता च पिता त्वमेव
त्वमेव बंधू सखा त्वमेव
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव
त्वमेव सर्वं मम देव देवा
॥ श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी...॥
राधे कृष्णा राधे कृष्णा
राधे राधे कृष्णा कृष्णा ॥
राधे कृष्णा राधे कृष्णा
राधे राधे कृष्णा कृष्णा ॥
हरी बोल, हरी बोल,
हरी बोल, हरी बोल ॥
राधे कृष्णा राधे कृष्णा
राधे राधे कृष्णा कृष्णा
राधे कृष्णा राधे कृष्णा
राधे राधे कृष्णा कृष्णा ॥
2. दूसरा भजन-: अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं ! Achyutam Keshavam Krishna Damodaram Bhajan Lyrics!

!! अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं !
राम नारायणं जानकी बल्लभम !!
!! कौन कहता हे भगवान आते नहीं !
तुम मीरा के जैसे बुलाते नहीं !!
!! अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं !
राम नारायणं जानकी बल्लभम !!
!! कौन कहता है भगवान खाते नहीं !
बेर शबरी के जैसे खिलाते नहीं !!
!! अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं !
राम नारायणं जानकी बल्लभम !!
!! कौन कहता है भगवान सोते नहीं !
माँ यशोदा के जैसे सुलाते नहीं !!
!! अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं !
राम नारायणं जानकी बल्लभम !!
!! कौन कहता है भगवान नाचते नहीं !
गोपियों की तरह तुम नचाते नहीं !!
!! अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं !
राम नारायणं जानकी बल्लभम !!
!! नाम जपते चलो काम करते चलो !
हर समय कृष्ण का ध्यान करते चलो !!
!! अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं !
!! राम नारायणं जानकी बल्लभम !!
!! याद आएगी उनको कभी ना कभी !
कृष्ण दर्शन तो देंगे कभी ना कभी !!
!! अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं !
राम नारायणं जानकी बल्लभम !!
3. तीसरा भजन-: मधुराष्टकम् भजन

अधरं मधुरं वदनं मधुरं नयनं मधुरं हसितं मधुरं ।
हृदयं मधुरं गमनं मधुरं मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥
वचनं मधुरं चरितं मधुरं वसनं मधुरं वलितं मधुरं ।
चलितं मधुरं भ्रमितं मधुरं मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥
वेणुर्मधुरो रेणुर्मधुरः पाणिर्मधुरः पादौ मधुरौ ।
नृत्यं मधुरं सख्यं मधुरं मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥
गीतं मधुरं पीतं मधुरं भुक्तं मधुरं सुप्तं मधुरं ।
रूपं मधुरं तिलकं मधुरं मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥
करणं मधुरं तरणं मधुरं हरणं मधुरं रमणं मधुरं ।
वमितं मधुरं शमितं मधुरं मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥
गुञ्जा मधुरा माला मधुरा यमुना मधुरा वीची मधुरा ।
सलिलं मधुरं कमलं मधुरं मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥
गोपी मधुरा लीला मधुरा युक्तं मधुरं मुक्तं मधुरं।
दृष्टं मधुरं सृष्टं मधुरं मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥
गोपा मधुरा गावो मधुरा यष्टिर्मधुरा सृष्टिर्मधुरा ।
दलितं मधुरं फलितं मधुरं मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥
4. चौथा भजन-: श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम

श्याम तेरी बंसी, पुकारे राधा नाम
लोग करे मीरा को यूँ ही बदनाम ||
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम ||
लोग करे मीरा को यूँ ही बदनाम
लोग करे मीरा को यूँ ही बदनाम ||
सांवरे की बंसी को बजने से काम
सांवरे की बंसी को बजने से काम ||
राधा का भी श्याम वो तो मीरा का भी श्याम
राधा का भी श्याम वो तो मीरा का भी श्याम ||
ओ जमुना की लहरे बंसीबट की छैय्या,
किसका नहीं है कहो कृष्ण कन्हैय्या |
जमुना की लहरे बंसीबट की छैय्या,
किसका नहीं है कहो कृष्ण कन्हैय्या ||
श्याम का दिवाना तो सारा बृजधाम
श्याम का दिवाना तो सारा बृजधाम ||
लोग करे मीरा को यूँ ही बदनाम,
सांवरे की बंसी को बजने से काम,
सांवरे की बंसी को बजने से काम
राधा का भी श्याम वो तो मीरा का भी श्याम,
राधा का भी श्याम वो तो मीरा का भी श्याम ||
ओ कौन जाने बांसुरिया किसको बुलाये
जिसके मन भाए ये उसी के गुण गाये ||
कौन जाने बांसुरिया किसको बुलाये,
जिसके मन भाए वो उसी के गुण गाये |
कौन नहीं कौन नहीं बंसी की धुन का गुलाम,
राधा का भी श्याम हो तो मीरा का भी श्याम ||
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम,
श्याम तेरी बंसी कन्हैया तेरी बंसी पुकारे राधा नाम |
लोग करे मीरा को यूँ ही बदनाम,
राधा का भी श्याम वो तो मीरा का भी श्याम ||
राधा का भी श्याम वो तो मीरा का भी श्याम ||
5. पांचवा भजन-: मैं आरती तेरी गाऊ ओ केशव कुञ्ज बिहारी

मैं आरती तेरी गाऊ ओ केशव कुञ्ज बिहारी
मैं नित नित शीश नवाऊ ओ मोहन कृष्ण मुरारी
है तेरी छवि अनोखी ऐसी ना दूजी देखी
तुझ सा ना सुन्दर कोई ओ मोर मुकुटधारी
जो आए शरण तिहारी विपदा मिट जाए सारी
हम सब पर कृपा रखना ,ओ जगत के पालनहारी
राधा संग प्रीत लगायी, और प्रीत की रीत चलायी
तुम राधा रानी के प्रेमी, जय राधे रास बिहारी
माखन की मटकी फोड़ी, गोपिन संग अंखिया जोड़ी
ओ नटखट रसिया तुझ पे जाऊं मैं तो बलिहारी
जब जब तू बंसी बजाए, सब अपनी सुध खो जाए
तू सब का सब तेरे प्रेमी, ओ कृष्णा प्रेम अवतारी
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6. छठा भजन-: हे मुरलीधर हे दामोदर

कृष्णा मुरारी हे नटनागर
हे मुरलीधर हे दामोदर
कृष्णा मुरारी हे नटनागर ॥
भूल गए क्या बिनती सुनकर,
भूल गए क्या बिनती सुनकर
हे मन मोहन हे करुणाकर,
हे मुरलीधर हे दामोदर
कृष्णा मुरारी हे नटनागर ॥
अंधियारे में घिरे हुए हैं, हे गोपाला,
ज्योतिपुंज बनकर राह
दिखाओ हे नन्द लाल
कैसे पार करुँगी तुम बिन,
कैसे पार करुँगी तुम बिन…
जीवन सागर हे करुणाकर ॥
हे मुरलीधर हे दामोदर
कृष्णा मुरारी हे नटनागर
हे मुरलीधर हे दामोदर
कृष्णा मुरारी हे नटनागर ॥
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