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कुल्लू गांव की औरतें दुनिया के लिए बनी मिसाल, गर्भवती महिला को 18Km तक कंधे पर उठाकर पहुंचाया अस्पताल

हाल ही में हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में एक गांव से बेहद गंभीर मामला सामने आया है। जहां पर गांव की कुछ औरतों ने मिलकर एक गर्भवती महिला को कुर्सी पर बैठाकर 18 किलोमीटर अस्पताल पहुंचाया है।

07:10 AM Feb 19, 2020 IST | Desk Team

हाल ही में हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में एक गांव से बेहद गंभीर मामला सामने आया है। जहां पर गांव की कुछ औरतों ने मिलकर एक गर्भवती महिला को कुर्सी पर बैठाकर 18 किलोमीटर अस्पताल पहुंचाया है।

हाल ही में हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में एक गांव से बेहद गंभीर मामला सामने आया है। जहां पर गांव की कुछ औरतों ने मिलकर एक गर्भवती महिला को कुर्सी पर बैठाकर 18 किलोमीटर अस्पताल पहुंचाया है। बता दें कि कुल्लू का एक ऐसा गांव जहां पर कोई भी सुविधा नहीं है। इस गांव का नाम शाक्टी है यहां पर गांव वालों के लिए न तो कोई अस्पताल है और न ही सड़कें। जिस वजह से इस गांव के लोग हमेशा परेशान रहते हैं। 
ये घटना बीते रविवार की है इस गांव की एक 27 वर्षीय महिला जिनका नाम सुनीता देवी है वो प्रेगनेंसी के दर्द के मारे तड़प रही थी। महिला की ऐसी हालत को देखते हुए उन्हें फौरन ही अस्पताल में भर्ती करवाना था,मगर गांव में कुछ भी साधन उपलब्ध और सड़क ना होने की वजह से उन्होंने तभी अस्पताल तक पहुंचाना कोई आसान बात नहीं थी। 
इसके बाद सुनीता के पति देवेंद्र कुमार ने अपने गांव के स्थानीय लोगों से मदद मांगी,जिसके बाद गांव की कुछ औरतें मिलकर सुनीता को कुर्सी पर बैठाकर चढ़ाई और उतराई वाले बर्फीले रास्ते से तकरीबन 18 किलोमीटर तक पैदल चलकर 8 घंटे बाद सुनीता को अस्पताल पहुंचा पाई।
बता दें कि इस बर्फीले रास्ते पर एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता फिसल कर खाई में गिर गई थी और उसकी मौत हो गई। इस बीच ध्यान देने योग्य बात यह है कि इस गांव के लोग पिछले कई सालों से सरकार से गांव में साधन और अच्छे रास्ते  बनवाने के लिए पत्र लिख रहे हैं,मगर अब तक सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया और ना ही सरकार गांव वालों की मदद करने के लिए आगे आई है। इस गांव में रहने वाले आकाश ने बताया कि उन्हें आज जरूरमंत चीजें लेने के लिए दूर तक पैदल जाना पड़ता है और रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाला सामान भी कंधों पर ढो कर लाना पड़ता है। 
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