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कुमारस्वामी के बेटे निखिल जद (एस) के गढ़ रामनगर से 2023 का लड़ेंगे चुनाव

जद (एस) नेतृत्व ने शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी के बेटे और पार्टी की युवा शाखा के अध्यक्ष निखिल कुमारस्वामी को 2023 के विधानसभा चुनावों के लिए अपने गढ़ रामनगर निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया।

10:39 PM Dec 17, 2022 IST | Shera Rajput

जद (एस) नेतृत्व ने शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी के बेटे और पार्टी की युवा शाखा के अध्यक्ष निखिल कुमारस्वामी को 2023 के विधानसभा चुनावों के लिए अपने गढ़ रामनगर निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया।

जद (एस) नेतृत्व ने शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी के बेटे और पार्टी की युवा शाखा के अध्यक्ष निखिल कुमारस्वामी को 2023 के विधानसभा चुनावों के लिए अपने गढ़ रामनगर निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया।
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एच डी कुमारस्वामी की पत्नी अनीता कुमारस्वामी वर्तमान में विधायक के रूप में रामनगर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं।
जद (एस) राज्य में औपचारिक रूप से चुनाव के लिए उम्मीदवार के नाम की घोषणा करने वाली पहली राजनीतिक पार्टी है। चुनाव अप्रैल-मई तक होने की संभावना है।
कुमारस्वामी ने इससे पहले जुलाई में कहा था कि उनके बेटे निखिल विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे, बल्कि इसके बजाय कई अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी की जीत के लिए काम करेंगे। बत्तीस वर्षीय निखिल अभिनय के क्षेत्र से राजनीति में आये हैं और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा के पोते हैं।
रामनगर में कुमारस्वामी के नेतृत्व में क्षेत्रीय पार्टी की ‘पंच रत्न यात्रा’ (राज्यव्यापी दौरे) में, अनीता ने निखिल को निर्वाचन क्षेत्र में अपना उत्तराधिकारी घोषित किया, और कहा कि वह निखिल के लिए अपना निर्वाचन क्षेत्र छोड़ देंगी।
उन्होंने कहा, “निखिल रामनगर से चुनाव लड़ेंगे। मुझे इस निर्वाचन क्षेत्र के लोगों पर भरोसा है कि वे उन्हें अपना प्यार और समर्थन देंगे।”
अनीता ने मतदाताओं से निखिल का उसी तरह समर्थन करने का अनुरोध किया, जिस तरह से उन्होंने देवेगौड़ा, कुमारस्वामी और उनका किया था। उन्होंने कहा, “लोग गलत संदेश फैलाने की कोशिश कर रहे थे। इन सब को खत्म करने के लिए, मैंने निखिल की उम्मीदवारी की घोषणा की है।”
पड़ोसी चन्नापटना क्षेत्र के प्रतिनिधि कुमारस्वामी ने इस अवसर पर कहा कि अनीता ने उन्हें निखिल की उम्मीदवारी की घोषणा करने की अपनी योजना के बारे में नहीं बताया था।
उन्होंने कहा, “मैं निखिल को आपकी (मतदाताओं की) गोद में रख रहा हूं। अब आप उसके माता-पिता की तरह हैं। एक बेटे के रूप में आपका विश्वास हासिल करना उसके ऊपर है। आपको (मतदाताओं को) किसी भी कीमत पर साजिश की राजनीति का शिकार नहीं होना चाहिए। उन्हें सशक्त बनाने से आप सशक्त होंगे।”
आज इससे पहले, कुमार स्वामी ने अपने बेटे के कर्नाटक विधानसभा चुनाव लड़ने की संभावना का यह कहते हुए संकेत दिया था कि पार्टी कार्यकर्ता तय करेंगे कि अनीता (कुमार स्वामी की पत्नी) को रामनगर से उम्मीदवार होना चाहिए या निखिल कुमारस्वामी (पुत्र) को।
देवेगौड़ा ने 1994 में रामनगर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था, जबकि कुमारस्वामी ने 2004, 2008, 2013 और 2018 में इस सीट से जीत हासिल की थी।
निखिल 2019 का लोकसभा चुनाव पार्टी के गढ़ मांड्या से भाजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार अभिनेत्री से नेता बनीं सुमलता अंबरीश से हार गए थे। जद (एस) ने पिछला लोकसभा चुनाव कांग्रेस के साथ गठबंधन में लड़ा था, क्योंकि तब राज्य में कुमारस्वामी के नेतृत्व में दोनों दलों की गठबंधन सरकार थी।
जद (एस) को अक्सर ‘वंशवाद की राजनीति’ के लिए आलोचना का सामना करना पड़ता है। इसे ‘परिवारवादी पार्टी’ भी कहा जाता है, क्योंकि पार्टी संरक्षक देवेगौड़ा के परिवार के कम से कम आठ सदस्य राजनीति में हैं।
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