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कुंभ फर्जी कोविड जांच: तीरथ सिंह बोले - घोटाला मेरे कार्यकाल का नहीं, 10 मार्च को बना हूं CM

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ के दौरान कोविड जांच के लिए निजी फर्मों की सेवाएं लेने का निर्णय उनके पद संभालने से पहले लिया गया था ।

04:39 PM Jun 18, 2021 IST | Ujjwal Jain

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ के दौरान कोविड जांच के लिए निजी फर्मों की सेवाएं लेने का निर्णय उनके पद संभालने से पहले लिया गया था ।

कुंभ फर्जी कोविड जांच  तीरथ सिंह बोले   घोटाला मेरे कार्यकाल का नहीं  10 मार्च को बना हूं cm
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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि हरिद्वार कुंभ फर्जी कोविड जांच घोटाला उनके कार्यकाल का नहीं है । संवाददाताओं द्वारा बृहस्पतिवार को एक कार्यक्रम के इतर इस बारे में पूछे जाने पर रावत ने कहा कि यह घोटाला पुराना है जबकि उन्होंने मार्च में पद संभाला था। हांलांकि, उन्होंने कहा कि जांच के आदेश दे दिए गए हैं और घोटाले में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी ।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ के दौरान कोविड जांच के लिए निजी फर्मों की सेवाएं लेने का निर्णय उनके पद संभालने से पहले लिया गया था । कुंभ मेले का आयोजन एक अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच हुआ था जबकि रावत ने मुख्यमंत्री पद की शपथ 10 मार्च को ली थी । उधर,तीरथ के पूर्ववर्ती त्रिवेंद्र सिंह रावत ने घोटाले की गंभीरता को देखते हुए इसकी निष्पक्ष जांच की मांग की है ।
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इस बीच, इस मामले की जांच के लिए हरिद्वार जिला प्रशासन द्वारा गठित संयुक्त जांच समिति की प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर बृहस्पतिवार को हरिद्वार के मुख्य चिकित्साधिकारी एस के झा ने हरिद्वार कोतवाली में मैक्स कारपोरेट सर्विस और दो निजी लैबों, डा लालचंदानी लैब और नलवा लैबोरेटरीज के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया है । आरोपी कंपनी और दोनों लैबों पर महामारी अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनियम के अलावा तथा भारतीय दंड विधान की धारा 120 बी तथा 420 सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है ।
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उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कुंभ के दौरान कोविड के प्रसार को नियंत्रित रखने के लिए राज्य सरकार को 50,000 कोविड जांचे प्रतिदिन कराने को कहा था । इसके लिए जिला स्वास्थ्य विभाग ने मैक्स कारपोरेट सर्विस को ठेका दिया जिसने कुछ निजी लैबों को इसका जिम्मा सौंपा और आरोप है कि इन्होंने फर्जी निगेटिव कोविड जांच रिपोर्टे जारी कर दीं ।
प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी निजी जांच प्रयोगशालाओं ने फर्जीवाड़ा करते हुए एक ही पते और एक ही फोन नंबर पर कई व्यक्तियों के सैंपल दर्ज किए तथा कई मामलों में बिना जांच करे ही निगेटिव कोविड रिपोर्ट जारी कर कुंभ के दौरान मानव जीवन को हानि पहुंचाने की आपराधिक लापरवाही की । यह मामला तब प्रकाश में आया जब एक व्यक्ति ने आइसीएमआर को शिकायत दी कि उसे अपने मोबाइल फोन पर कुंभ में अपनी निगेटिव कोविड जांच रिपोर्ट होने संबंधी एक संदेश प्राप्त हुआ जबकि उसने जांच के लिए अपना सैंपल दिया ही नहीं था ।
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