संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करेगा कुवैत
कुछ दिनों पहले फ्रांस ने भी किया था समर्थन
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का कुवैत द्वारा समर्थन करना एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक जीत है। कुवैत के स्थायी सदस्य तारीक अलबनी ने प्रेस वार्ता में भारत को वैश्विक शक्ति मानते हुए यह घोषणा की। इससे पहले फ्रांस ने भी भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया था।कुवैत का खुले तौर पर भारत का समर्थन भारत के लिए एक सकारात्मक खबर है।
न्यू यॉर्क में एक प्रेस वार्ता के दौरान संयुक्त राष्ट्र में कुवैत के स्थायी सदस्य तारीक अलबनी ने सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता को लेकर बड़ा बयान दिया है। तारीक ने कहा की, “कुवैत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद कि सदस्यता के लिए भारत का समर्थन करेगा।” उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि भारत आज एक वैश्विक शक्ति बन चुका है। भारत पिछले लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने की कोशिश कर रहा है। चीन ने कई बार वीटो पावर का इस्तेमाल कर संयुक्त राष्ट्र में भारत के लिए परेशानियां खड़ी की हैं। ऐसे में कुवैत के स्थायी प्रतिनिधि का भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करना एक बड़ी कूटनीतिक जीत है। कुछ समय पहले फ्रांस ने भी खुले तौर पर भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया था।
Today, France assumes the monthly presidency of @UN Security Council. It will steer key discussions on global peace and security with a focus on humanitarian impacts.
To reflect today’s world, France reiterates the need for a #UNSC reform that also gives India a permanent seat. pic.twitter.com/MU9RtOeZWG
— French Embassy in India 🇫🇷🇪🇺 (@FranceinIndia) March 31, 2025
फ्रांस भी कर चुका है स्थायी सदस्यता का समर्थन
एक अप्रैल को फ्रेंच दूतावास ने खुले तौर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया था। अप्रैल महीने में फ्रांस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मासिक अध्यक्षता का पदभार ग्रहण करने पर भारत का समर्थन किया था। फ्रेंच दूतावास ने कहा की, “हम इस बात से सहमत हैं कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को ऐसे सुधारों की जरूरत है, जिससे भारत को भी स्थायी सदस्यता मिले।” कूटनीतिक दृष्टिकोण से यह भारत के लिए महत्वपूर्ण क्षण है।
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यूएन की स्थायी सदस्यता भारत के लिए कितनी महत्वपूर्ण
संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में कुल 193 सदस्य देशों में से 15 देश हैं। इन 15 देशों में से मात्र 5 देशों के पास सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता है। चीन, अमेरिका, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस के पास सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता है। स्थायी सदस्यता वाले देश यूएन के किसी प्रस्ताव को रोकने के लिए वीटो पावर का इस्तेमाल कर सकते हैं। चीन ने कई बार पाकिस्तान की मदद के लिए और भारत के खिलाफ वीटो पावर का इस्तेमाल किया है। 2018 में मसूद अज़हर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने वाले यूएन के प्रस्ताव के खिलाफ चीन ने वीटो का इस्तेमाल किया था। ऐसे में भारत के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता एक महत्वपूर्ण विषय है। कुवैत का खुले तौर पर भारत का समर्थन, भारत के लिए एक सकारात्मक खबर है।