जींद में रेबीज इंजेक्शन की कमी से मरीजों की मुश्किलें बढ़ीं, बंदरों के आतंक से लोग परेशान
सरकारी अस्पताल में रेबीज वैक्सीन की कमी से मरीज बेहाल…
हरियाणा के जींद जिले में बंदरों के हमलों से परेशान लोग सरकारी अस्पताल में रेबीज इंजेक्शन की कमी से जूझ रहे हैं। पिछले एक हफ्ते से अस्पताल में वैक्सीन का स्टॉक खत्म है, जिससे मरीजों को बाहर से महंगे दामों पर इंजेक्शन खरीदने की मजबूरी हो रही है। अस्पताल प्रशासन ने जल्द ही आपूर्ति बहाल होने का आश्वासन दिया है।
हरियाणा के जींद जिले में बंदरों का आतंक बढ़ता जा रहा है। इसके साथ ही सरकारी अस्पताल में रेबीज इंजेक्शन की कमी ने लोगों की मुश्किलें और बढ़ा दी है। पिछले एक हफ्ते से जींद के सिविल अस्पताल में रेबीज वैक्सीन (एंटी-रेबीज वैक्सीन) का स्टॉक खत्म है। मरीजों को मजबूरन निजी दुकानों से 350 रुपये से अधिक कीमत पर इंजेक्शन खरीदना पड़ रहा है, जो आम लोगों के लिए भारी पड़ रहा है। कई मरीज रोज अस्पताल के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन खाली हाथ लौटना पड़ रहा है।
सरकारी अस्पताल में रेबीज इंजेक्शन की किल्लत
स्थानीय निवासी नीतू ने अपनी 5 साल की बेटी के साथ अस्पताल पहुंचकर अपनी आपबीती सुनाई। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी को बंदर ने काट लिया था। इलाज के लिए वे जींद के सरकारी अस्पताल आई थीं और पर्ची भी बनवाई, लेकिन रेबीज कक्ष में पता चला कि इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है। मजबूरन उन्हें बाहर से 370 रुपये में इंजेक्शन खरीदना पड़ा। नीतू ने कहा, सरकारी अस्पताल में सुविधा की बात होती है। लेकिन, जब इंजेक्शन ही नहीं मिलता, तो क्या फायदा? गरीब लोग इतने पैसे कहां से लाएं? मेरी बेटी की जान खतरे में थी, फिर हमें बाहर से दवा लेनी पड़ी। नीतू जैसे कई मरीज निराश होकर लौट रहे हैं।
जींद में बंदरों के आतंक से परेशान लोग
जींद में बंदरों की समस्या गंभीर हो गई है। घरों के बाहर खेलने वाले बच्चे और राहगीर अक्सर बंदरों का शिकार बन रहे हैं। एक अन्य मरीज ने बताया कि उनकी 4 साल की बेटी को भी बंदर ने काटा, लेकिन अस्पताल में इंजेक्शन न मिलने से उन्हें परेशानी हुई। स्थानीय लोग डरे हुए हैं और रेबीज इंजेक्शन की कमी ने उनकी चिंता बढ़ा दी है। जींद सिविल अस्पताल के नोडल अधिकारी डॉ. अजय राणा ने समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया कि पिछले एक हफ्ते से रेबीज इंजेक्शन का स्टॉक खत्म है। उन्होंने कहा, हमने 21 मार्च 2025 को नया ऑर्डर दिया था और तीन बार रिमाइंडर भी भेजा है। हमें बताया गया है कि आज शाम तक इंजेक्शन की खेप पहुंच सकती है।
अस्पताल में प्रति माह 3000 रेबीज इंजेक्शन की जरूरत
डॉ. राणा के अनुसार, हर महीने अस्पताल में करीब 3,000 रेबीज इंजेक्शन की जरूरत होती है, और रोजाना 20 से 30 मरीज इंजेक्शन लगवाने आते हैं। बीपीएल कार्ड धारकों के लिए इंजेक्शन मुफ्त है, जबकि अन्य मरीजों को 100 रुपये प्रति डोज देना पड़ता है। अस्पताल के एक अन्य अधिकारी डॉ. रवि राणा ने बताया कि इंजेक्शन की आपूर्ति दो जगह से होती है। उन्होंने कहा, हमने मई 2025 में टेंडर जारी किया था और 5 फरवरी 2025 को 3,110 डोज प्राप्त हुए थे। लेकिन आपूर्ति में देरी के कारण स्टॉक खत्म हो गया। हम मरीजों की मजबूरी समझते हैं और जल्द समाधान की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि खरीद प्रक्रिया पूरी होने के बाद जल्द ही इंजेक्शन उपलब्ध होंगे।