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भारतीय फुटबॉल में स्ट्राइकर की कमी, टीम की प्रदर्शन पर असर

भारतीय मूल के खिलाड़ियों को टीम में लाने की पहल

09:36 AM Jun 14, 2025 IST | Anjali Maikhuri

भारतीय मूल के खिलाड़ियों को टीम में लाने की पहल

भारतीय फुटबॉल में स्ट्राइकर की कमी  टीम की प्रदर्शन पर असर

भारतीय फुटबॉल टीम एक बड़ी दिक्कत से जूझ रही है। टीम को ऐसे स्ट्राइकर चाहिए जो अपने इंडियन सुपर लीग (ISL) क्लब में भी स्ट्राइकर की भूमिका निभाते हों। लेकिन ISL की टीमें ज़्यादातर विदेशी स्ट्राइकरों पर भरोसा करती हैं, जिससे भारतीय खिलाड़ियों को आगे खेलने के मौके कम मिलते हैं। इसलिए, जब राष्ट्रीय टीम की बात आती है, तो भरोसेमंद भारतीय स्ट्राइकर कम मिलते हैं।यह एक बहुत बड़ा मसला है, जिसे सुलझाना आसान नहीं। AIFF के अध्यक्ष कल्याण चौबे ने कहा कि ISL में ज्यादातर स्ट्राइकर विदेशी खिलाड़ी होते हैं, इसलिए भारतीय खिलाड़ियों को अलग पोजीशन पर खेलना पड़ता है। इससे उनकी परफॉर्मेंस प्रभावित होती है। उन्होंने यह भी बताया कि टीम के लिए जरूरी है कि भारतीय स्ट्राइकरों को अधिक मौके मिलें ताकि वे अपनी क्षमता दिखा सकें।

क्रोएशिया के कोच इगोर स्तिमाक के जाने के बाद जुलाई 2024 में मैनोलो मारकेज को कोच बनाया गया। अब तक टीम ने आठ मैच खेले, जिनमें से तीन हार गए, चार ड्रॉ किए और एक मैच जीता है। टीम ने कुल पांच गोल किए और आठ गोल खाए हैं। खास बात यह है कि तीन गोल एक मैत्री मैच में मालदीव के खिलाफ थे।हाल ही में हांगकांग के खिलाफ हार के बाद खबरें आईं कि मैनोलो मारकेज टीम छोड़ सकते हैं। लेकिन कल्याण चौबे ने बताया कि मारकेज भारत में लंबे समय से काम कर रहे हैं और भारतीय खिलाड़ियों को समझते हैं। 29 जून को AIFF की बैठक में इस बारे में निर्णय लिया जाएगा।

फीफा रैंकिंग और भारतीय मूल के विदेशी खिलाड़ी पिछले कुछ महीनों में भारत की फीफा रैंकिंग गिरकर 127वें नंबर पर आ गई है, जो दिसंबर 2024 में 102वां स्थान था। इस बीच, कई लोग चाहते हैं कि भारत विदेशी देशों में खेल रहे भारतीय मूल के खिलाड़ियों (PIO और OCI) को टीम में शामिल करे।कल्याण चौबे ने बताया कि कई देशों ने इस तरीके से अपनी टीम मजबूत की है। AIFF ने सरकार से बात शुरू कर दी है और 33 खिलाड़ियों से संपर्क में हैं, जो OCI कार्ड के लिए मदद ले रहे हैं।

Indian Football Team

PIO और OCI खिलाड़ियों को टीम में लाना आसान नहीं होगा, क्योंकि इसमें कई सरकारी विभाग शामिल हैं। यह सिर्फ खेल मंत्रालय का मामला नहीं है। इसके अलावा, AIFF ने ISL संचालन और I लीग के विवादों पर सवालों से बचाव किया है।

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Anjali Maikhuri

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