नमग्याल एक बेहतर स्पीकर फिर डांसर अब एक ड्रम प्लेयर,आखिर क्या नहीं कर सकते लद्दाख के सांसद?
दुनियाभर में लोग 73 वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न मानते हुए नजर आए। वहीं लद्दाख के लिए भी यह स्वतंत्रता दिवस कई मायनों में खास रहा।
10:00 AM Aug 16, 2019 IST | Desk Team
दुनियाभर में लोग 73 वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न मानते हुए नजर आए। वहीं लद्दाख के लिए भी यह स्वतंत्रता दिवस कई मायनों में खास रहा। कुछ दिनों पहले ही अनुच्छेद 370 हटने के बाद से लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाने की घोषणा कर दी गई है।
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इस बार 15 अगस्त के दिन लेह में भी स्वतंत्रता दिवस समारोह का जश्न मनाया गया है। इस समारोह में लद्दाख के सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल ने लोगों के साथ खूब डांस भी किया। अब इस समारोह का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है कि लद्दाख के लोग भी सरकार के इस फैसले से काफी ज्यादा खुश हैं। बताते चलें कि यह वीडियो लेह के एयरपोर्ट के बाहर का है।
बीजेपी सांसद जमयांग सेरिंग नमग्याल स्वतंत्रता दिवस पर फोक डांस जबरो करते दिख रहे हैं लेह में वो डांस करते दिखे। वो लोगों के साथ मिलकर डांस करते दिख रहे हैं। डांस के साथ-साथ उन्हें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उन्हें लद्दाख के उत्सव के रूप में पारंपरिक ढोल बजाते हुए देखा गया है।
बता दें कि ये वीडियो न्यूज ऐजेंसी एएनआई ने ट्विटवर पर साझा की गई है साथ ही में कैप्शन दिया गया है,शांत वायुसेना और पारंपरिक ड्रमों को सहजता से बजाते हुए। इसे देखकर तो अब हमें सिर्फ और सिर्फ ऐसा लगता है कि आखिर सांसद क्या कुछ नहीं कर सकते हैं। उन्होंने बीते दिनों ही लोकसभा में अपने भाषण देने के बाद उनकी एक डांस वाली वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई जिसने सभी का दिल जीत लिया।
वहीं बीजेपी सांसद नामग्याल ने अपने ट्विटर अकाउंट पर कुछ तस्वीरें साझा की हैं। इतना ही नहीं नामग्याल ने स्वतंत्रता दिवस के खास मौके पर लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने का मुद्दा उठाने वाले एचएच कुशक बाकुला रिनपोचे को भी श्रद्घांजलि दी है।
34 साल के जमयांग सेरिंग नमग्याल ने अपना पॉलीटिकल कैरियर की शुरूआत साल 2012 से की थी। वो लेह में भाजना ऑफिस में केयरटेकर थे। सांसद बनने के बाद उनके लोकसभा में दमदार भाषण देने और बिल का विरोध करने वालों की बोलती बंद कर दी। बता दें कि जामयांग ने लोकसभा में अपने 17 मिनट के भाषण में कश्मीर पर सरकार के फैसले का स्वागत किया था और कहा कि लद्दाख के लोगों की दलील आखिरकार स्वीकार कर ली गई।
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