Ladakh Protest Live Updates: लेह में हिंसक प्रदर्शन, चार की मौत, 70 से अधिक घायल, धारा 163 के तहत प्रतिबंध लागू
Ladakh Protest Live Updates: लेह शहर में प्रदर्शन के दौरान बुधवार को हालात बेकाबू हो गए। प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई झड़पों में चार लोगों की मौत हो गई और 70 से अधिक लोग घायल हो गए। लेह हिल डेवलपमेंट काउंसिल के चेयरमैन चेरिंग दोरजे ने इस घटना की पुष्टि की।
Ladakh Protest Live Updates: प्रशासन ने लगाए कड़े प्रतिबंध
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लेह के जिला मजिस्ट्रेट रोमिल सिंह डोंक ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNS) अधिनियम, 2023 की धारा 163 के अंतर्गत तत्काल प्रभाव से कई सख्त प्रतिबंध लगाए हैं। इन आदेशों के अनुसार:
- किसी भी तरह के जुलूस, रैली या मार्च के लिए प्रशासन की पूर्व अनुमति अनिवार्य है।
- बिना अनुमति के लाउडस्पीकर या ध्वनि उपकरणों का उपयोग नहीं किया जा सकता।
- किसी भी ऐसे बयान पर रोक है जिससे शांति भंग हो सकती हो।
- पांच या अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर भी पाबंदी लगा दी गई है।
डीएम ने कहा कि यह आदेश बिना किसी व्यक्तिगत नोटिस के लागू किया गया है और अगले आदेश तक जारी रहेगा।

Ladakh Protest: प्रदर्शन क्यों हुआ?
यह विरोध प्रदर्शन उन लोगों के समर्थन में शुरू हुआ जो पिछले दो हफ्तों से भूख हड़ताल पर थे। जब 72 वर्षीय छेरिंग अंगचोक और 60 वर्षीय डोमा की तबीयत बिगड़ी और उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा, तो लोगों में आक्रोश फैल गया। बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
Ladakh Protest Latest Updates: विरोध कैसे हिंसक हुआ?
प्रदर्शनकारियों ने लेह हिल काउंसिल सचिवालय की ओर मार्च किया और कुछ उपद्रवियों ने भवन में आग लगाने की कोशिश की। पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। हालात इतने बिगड़े कि सीआरपीएफ के एक वाहन को आग के हवाले कर दिया गया, भाजपा कार्यालय में तोड़फोड़ हुई और सचिवालय को भी नुकसान पहुंचा।

पुलिस की जवाबी कार्रवाई
पुलिस और सुरक्षा बलों ने शुरू में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने की कोशिश की, लेकिन जब भीड़ हिंसक हो गई तो गोलीबारी की गई। इस दौरान कई सुरक्षा कर्मी भी घायल हुए हैं, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
सोनम वांगचुक की शांति की अपील
पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने भूख हड़ताल खत्म कर दी और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि हिंसा से किसी की मांग पूरी नहीं होगी, बल्कि हालात और बिगड़ सकते हैं।
प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगें
- लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए।
- लद्दाख को राज्य का दर्जा मिले।
- क्षेत्र के संवेदनशील पर्यावरण की रक्षा की जाए।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
भाजपा नेता अमित मालवीय ने कांग्रेस पार्षद फुंटसोग स्टैनजिन त्सेपाग पर दंगा भड़काने का आरोप लगाया और सोशल मीडिया पर फोटो भी साझा किए। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि लद्दाख के लोगों को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा देकर ठगा गया है, जैसे जम्मू-कश्मीर के साथ हुआ।
लेह महोत्सव रद्द
हिंसक स्थिति को देखते हुए दो दिवसीय लेह महोत्सव का समापन कार्यक्रम रद्द कर दिया गया। यह कार्यक्रम लद्दाख की सांस्कृतिक विरासत को दिखाने के लिए आयोजित किया गया था।
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