Ladakh Situation Today: तीसरे दिन भी कर्फ्यू जारी, 50 आरोपी गिरफ्तार, जानें अब कैसे है हालात
Ladakh Situation Today: हिंसा की आग में भड़का लद्दाख में तीसरे दिन भी कर्फ्यू जारी रहा और कारगिल के जिला मजिस्ट्रेट ने भी कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबंध लगाए हैं। इसी बीच, गृह मंत्रालय के अधिकारियों की एक टीम ने लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। बता दें कि गृह मंत्रालय ने जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक द्वारा स्थापित लद्दाख के छात्र शैक्षिक और सांस्कृतिक आंदोलन (एसईसीएमओएल) का एफसीआरए पंजीकरण प्रमाण पत्र रद्द कर दिया है।
Ladakh Situation Today: सोनम वांगचुक को दोषी ठहराया

लेह शहर में युवाओं को हिंसा के लिए उकसाने के लिए सीधे तौर पर सोनम वांगचुक को दोषी ठहराया था। असामाजिक तत्वों और उपद्रवियों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए लद्दाख पुलिस ने कई FIR दर्ज की हैं और 50 से अधिक दंगाइयों को हिरासत में लिया है। पुलिस ने लेह शहर में हिंसा भड़काने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया है। बता दें कि हिंसा में चार लोग मारे गए, 90 घायल हुए है और कई इमारतों और वाहनों को नुकसान पहुंचा।
MHA Meeting: एलएबी और केडीए के प्रतिनिधियों के साथ बैठक
गृह मंत्रालय के अधिकारियों की एक टीम ने गुरुवार को लेह में एलएबी और केडीए के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। अधिकारियों ने बाद में बताया कि यह निर्णय लिया गया कि गृह मंत्रालय के साथ एक तैयारी बैठक 27 या 28 सितंबर को नई दिल्ली में होगी। बैठक में लद्दाख के सांसद के अलावा एलएबी और केडीए के तीन-तीन प्रतिनिधि शामिल होंगे।
Death in Protest: चार नागरिकों की मौत

इस बीच, लेह में हिंसा के दौरान सुरक्षा बलों की गोलीबारी में मारे गए चार नागरिकों के शव उनके परिवारों को सौंप दिए गए। इनकी पहचान लद्दाख स्काउट्स रेजिमेंट से सेवानिवृत्त स्कर्बुचन निवासी 46 वर्षीय त्सावांग थारचिन, इगू निवासी 24 वर्षीय स्टैनज़िन नामगयाल, खरनाकलिंग निवासी जिग्मेट दोरजय और हनु निवासी 21 वर्षीय रिनचेन दादुल के रूप में हुई है।
Ladakh Protest Demand: चार मांगे रखी
लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) की युवा शाखा का अनशन केंद्र पर दबाव बनाने के लिए था कि वह अपनी चार मांगों राज्य का दर्जा, छठी अनुसूची का विस्तार, लेह और कारगिल के लिए अलग लोकसभा सीटें और रोजगार में आरक्षण के समर्थन में 6 अक्टूबर को प्रस्तावित बैठक के बजाय वार्ता करे। बता दें कि लेह की एलएबी और कारगिल की केडीए पिछले चार वर्षों से अपनी मांगों के समर्थन में संयुक्त रूप से आंदोलन चला रही थीं और अतीत में गृह मंत्रालय के साथ कई दौर की वार्ता भी कर चुकी थीं।
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