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लड्डू गोपाल के टॉप 04 भजन - कृष्ण जन्माष्टमी 2025 पर जरूर गाएं ये मधुर गीत

05:30 PM Aug 14, 2025 IST | Amit Kumar
लड्डू गोपाल के टॉप 04 भजन   कृष्ण जन्माष्टमी 2025 पर जरूर गाएं ये मधुर गीत
Laddu Gopal Bhajan Lyrics In Hindi

Laddu Gopal Bhajan Lyrics In Hindi: जन्माष्टमी का त्योहार भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की खुशी में मनाया जाता है। यह पर्व हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को बड़े ही श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस बार ये दिन 16 अगस्त yani  शनिवार को पड़  रहा है।  भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था। कहते हैं कि जब धरती पर पाप और अन्याय बढ़ गया था, तब भगवान विष्णु ने श्रीकृष्ण के रूप में अवतार लिया। उनका जन्म आधी रात को जेल में हुआ था। जन्माष्टमी उसी दिन की याद में मनाई जाती है, जब भगवान ने पाप का नाश करने और धर्म की रक्षा के लिए अवतार लिया था।

पूरे देश में भक्ति का माहौल

जन्माष्टमी के समय मंदिरों और घरों में विशेष तैयारियां की जाती हैं। मंदिरों को रंग-बिरंगी लाइटों और फूलों से सजाया जाता है। जगह-जगह भजन-कीर्तन और धार्मिक झांकियां आयोजित की जाती हैं। भगवान श्रीकृष्ण के जीवन की झलकियां जैसे कि बाल लीला, माखन चोरी, रास लीला आदि को नाटकों और झांकियों के माध्यम से दिखाया जाता है।

उपवास और पूजा-पाठ की परंपरा

इस दिन भक्तगण उपवास रखते हैं और दिनभर श्रीकृष्ण की पूजा में लीन रहते हैं। रात को 12 बजे, जब श्रीकृष्ण का जन्म माना जाता है, तब आरती और जन्मोत्सव मनाया जाता है। मंत्रों का जाप, शंखनाद, घंटी बजाना और भजन गाना इस अवसर को और भी पवित्र बना देता है।

झूला उत्सव और लड्डू गोपाल की सजावट

जन्माष्टमी पर झूला उत्सव भी एक खास परंपरा है। इस दिन लोग लड्डू गोपाल (बाल रूप श्रीकृष्ण) की मूर्ति को नए वस्त्र पहनाकर झूले पर बैठाते हैं और प्रेम से झुलाते हैं। कुछ स्थानों पर ‘दही हांडी’ का आयोजन भी किया जाता है, जिसमें युवाओं की टोली ऊंचाई पर टंगी हांडी को फोड़ने की कोशिश करती है – यह श्रीकृष्ण की माखन चोरी की याद दिलाता है। जन्माष्टमी का पर्व सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक परंपराओं को भी मजबूती देता है। बच्चे, युवा और बुजुर्ग – सभी मिलकर इस पर्व को हर्षोल्लास से मनाते हैं।

Laddu Gopal Bhajan Lyrics In Hindi: ये हैं कुछ भजन

Laddu Gopal Bhajan

1.

श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारे

श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारे

हे नाथ नारायण वासुदेव

श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारे,
हे नाथ नारायण वासुदेव।
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारे,
हे नाथ नारायण वासुदेव॥

त्रिभुवन के स्वामी नंद के लाला,
यशोदा के प्यारे व्रज के रखवाले।
तेरी लीला सबसे न्यारी,
बंसी तेरी मधुर सुहानी।
कान्हा तेरे दर्शन को प्यासी,
राधा रानी दीवानी॥

श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारे,
हे नाथ नारायण वासुदेव॥

श्यामल सूरत अधरों पे बंसी,
पीताम्बर है पहना।
सर पे मोर मुकुट शोभे,
गले बैजंती माला।

तेरे रूप का मैं दीवाना,
मन मस्त मगन अब हो जाना।
भक्ति में तेरी खो जाना,
भूल जाऊँ सारा ज़माना॥

श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारे,
हे नाथ नारायण वासुदेव॥

Laddu Gopal Bhajan

2. यशोमती मैया से बोले नंदलाला

यशोमती मैया से बोले नंदलाला
राधा क्यों गोरी, मैं क्यों काला?
बोलो मैया राधा क्यों गोरी, मैं क्यों काला?

माखन मिसरी का भोग लगाऊं
चंदन का लेप लगाऊं
चीर-चरण में गजरा बांधू
सोलह श्रृंगार सजाऊं

फिर भी मुझको देख के राधा
हँस-हँस जाए, बोले मतवाला
राधा क्यों गोरी, मैं क्यों काला?
यशोमती मैया से बोले नंदलाला...

मोर मुकुट सिर ऊपर शोभित
बंसी अधर विराजे
पीतांबर का पट पहनकर
वन-वन फिरूं बिराजे

ग्वाल-बाल सब संग में मेरे
सदा करें हँसी ठिठोला
राधा क्यों गोरी, मैं क्यों काला?
यशोमती मैया से बोले नंदलाला...

Laddu Gopal Bhajan

3. मुझे चरणों से लगाले मेरे श्याम मुरली वाले

मुझे चरणों से लगाले मेरे श्याम मुरली वाले।
मेरी स्वास स्वास में तेरा है नाम मुरली वाले॥

भक्तो की तुमने काहना विपदा है टारी,
मेरी भी बाह थामो आ के बिहारी।
बिगड़े बनाए तुमने हर काम मुरली वाले॥

पतझड़ है मेरा जीवन, बन के बहार आजा,
सुन ले पुकार काहना बस एक बार आजा।
बैचैन मन के तुम्ही आराम मुरली वाले॥

तुम हो दया के सागर, जनमों की मैं हूँ प्यासी,
दे दो जगह मुझे भी चरणों में बस ज़रा सी।
सुबह तुम्ही हो, तुम्ही ही मेरी श्याम मुरली वाले॥

Laddu Gopal Bhajan

4. कान्हा मेरे कान्हा मेरे घर आना

कान्हा मेरे कान्हा मेरे घर आना माखन और मिश्री का भोग लगा जाना
ओ संवारे ...

कान्हा संग राधिका को लाना,
मोर मुकट बांध के तुम बांसुरी बजाना संवारे
बंसी बजैयाँ धेनु चरियां रास रचियाँ कृष्ण कन्हियां
ओ छलिया मेरे नाग नथियाँ ढोल मंजीरा झांज तुम भ्जाना
ओ संवारे ...
मिरदंग तुम बजाना ओ संवारे ...

संग ग्वाल बाल लाना गोपियों संग आके प्रभु रास तुम रचाना,
ओ संवारे ...

नैना प्रेम में दीवानी साँची तेरी प्रीत कान्हा जग से हु बेगानी ओ संवारे,

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Amit Kumar

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