बड़ी खुशखबरी! दुर्गा पूजा से पहले आएगी लाडली बहन योजना की 28वीं क़िस्त, जान लें सही डेट
Ladli Behna Yojana 28vi Kist: लाडली बहन के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। सितंबर शुरू हो चुका है और सबसे बड़ी खुशखबरी अगर किसी को मिलने वाली है, तो वो हैं मध्य प्रदेश की महिलाओं को। जी हां, आपने सही सुना, दुर्गा पूजा से पहले यानी 13 सितंबर को लाडली बहन योजना की 28वीं किस्त के 1250 रुपये आने वाले हैं।
28th Installment Date: कब आएंगे पैसे

बता दें कि मध्य प्रदेश की सबसे महत्वाकांक्षी और महिला सशक्तिकरण की मिसाल बन चुकी लाडली बहना योजना की 28वीं किस्त जारी होने की तारीख का ऐलान हो गया है। यह रकम डीबीटी के जरिए लाडली बहनों के खातों में भेजी जाएगी, तो आइए जानते हैं कब और कितनी रकम मिलेगी। सीएम यादव 13 सितंबर 2025 को पेटलावद में मुख्यमंत्री लाडली बहना कार्यक्रम में सिंगल क्लिक के जरिए बहनों के बैंक अकाउंट में योजना की राशि भेजे जाएंगे।
Ladli Behna Yojana: कितने पैसे बढ़ें?
सीएम मोहन यादव पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि लाडली बहनों को हर महीने दी जाने वाली राशि बढ़ाई जाएगी। 2028 तक लाभार्थियों के खातों में 3000 रुपये आने शुरू हो जाएंगे। उन्होंने हाल ही में कहा था कि अक्टूबर से लाडली बहनों के खातों में हर महीने 1500 रुपये आने शुरू हो जाएंगे।
What is Ladli Behna Yojana? जानें क्या है यह योजना

मई 2023 में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने लाड़ली बहना योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के अंतर्गत 21 से 60 वर्ष की विवाहित महिलाओं को प्रति माह 1000 रुपए देने का प्रावधान किया गया था। योजना की पहली किस्त जून 2023 में जारी की गई थी। इसके बाद रक्षाबंधन 2023 के अवसर पर इस राशि को बढ़ाकर 1250 रुपए प्रति माह कर दिया गया, जो तब से लगातार जारी है। अब सरकार ने इस योजना की मासिक सहायता राशि को और बढ़ाने का फैसला लिया है।
Ladli Behna Yojana Benefits For Women

लाडली बहना योजना, मध्य प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। इस योजना के तहत 21 से 60 वर्ष की आयु की पात्र महिलाओं को हर माह ₹1250 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। यह राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है। योजना का लक्ष्य महिलाओं की जीवनशैली में सुधार लाना, उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है। इससे महिलाएं घरेलू निर्णयों में भागीदारी कर पाती हैं और समाज में उनका सम्मान भी बढ़ता है।
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