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कोविड मरीजों को बचाते हुए लेडी डॉक्टर के फेफड़े हुए खराब, इलाज का सारा खर्च उठाएगी यूपी सरकार

कोविड 19 की दूसरी लहर के दौरान संक्रमित रोगियों के इलाज के दौरान स्वयं कोरोना वायरस से संक्रमित हुईं रेजीडेंट डॉक्टर शारदा सुमन के फेफड़े हैदराबाद के एक अस्पताल में प्रतिरोपित किए जाएंगे।

05:16 PM Jul 08, 2021 IST | Ujjwal Jain

कोविड 19 की दूसरी लहर के दौरान संक्रमित रोगियों के इलाज के दौरान स्वयं कोरोना वायरस से संक्रमित हुईं रेजीडेंट डॉक्टर शारदा सुमन के फेफड़े हैदराबाद के एक अस्पताल में प्रतिरोपित किए जाएंगे।

कोविड मरीजों को बचाते हुए लेडी डॉक्टर के फेफड़े हुए खराब  इलाज का सारा खर्च उठाएगी यूपी सरकार
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कोविड 19 की दूसरी लहर के दौरान संक्रमित रोगियों के इलाज के दौरान स्वयं कोरोना वायरस से संक्रमित हुईं रेजीडेंट डॉक्टर शारदा सुमन के फेफड़े हैदराबाद के एक अस्पताल में प्रतिरोपित किए जाएंगे।
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डॉ सुमन के फेफड़े प्रतिरोपण पर 1.5 करोड़ रुपये का खर्च आएगा जिसे उत्तर प्रदेश सरकार वहन करेगी। डॉ सुमन (31) यहां स्थित राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में स्त्री रोग विभाग में पदस्थ हैं। वह एक अप्रैल को कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गई थीं। संस्थान की निदेशक डॉ सोनिया नित्यानंद ने बताया कि फिलहाल डॉ सुमन का यहां इलाज चल रहा है। उन्होंने एक मई को एक बच्ची को जन्म दिया जो स्वस्थ है।
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उन्होंने बताया ‘‘कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण डॉ सुमन के फेफड़े क्षतिग्रस्त हो गए और उनके प्रतिरोपण के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है।’’ उन्होंने बताया कि फेफड़ों का प्रतिरोपण चेन्नई और हैदराबाद के कुछ ही अस्पतालों में होता है और पूछने पर पता चला कि इस पर 1.5 करोड़ रुपये का खर्च आता है। इतना खर्च एक कनिष्ठ रेजीडेंट डॉक्टर वहन नहीं कर सकता।
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डॉ सोनिया ने कहा ‘‘29 जून को मैंने कुछ डॉक्टरों के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर डॉ सुमन के बारे में उन्हें बताया। मुख्यमंत्री ने यह मामला एक विशेषज्ञ समिति के सामने उठाने को कहा जिसने फेफड़ों के प्रतिरोपण का सुझाव दिया। तब मुख्यमंत्री योगी ने उनके इलाज के लिए 1.5 करोड़ रुपये जारी करने के निर्देश दिए।’’
उनके मुताबिक, यह राशि हैदराबाद के उस अस्पताल को स्थानांतरित की जाएगी जो फेफड़ों का प्रतिरोपण करेगा। डॉ सोनिया के अनुसार, फिलहाल डॉ सुमन लोहिया संस्थान के कोविड अस्पताल में पिछले करीब 45 दिनों से इकमो मशीन के सपोर्ट पर हैं और विशेषज्ञ डाक्टरों की निगरानी में हैं ।
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