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सर्जिकल स्ट्राइक के हीरो रहे लांसनायक संदीप सिंह को सजल आंखों से सैन्य समान के साथ दी गई अंतिम विदाई

पंजाब के एक और जवान ने देश की रक्षा में अपने प्राणों को न्योछावर कर अपना इतिहास बना दिया। सीमावर्ती जिले गुरदासपुर के गांव कोटला खुर्द निवासी 32 वर्षीय लांसनायक संदीप सिंह

10:07 PM Sep 25, 2018 IST | Desk Team

पंजाब के एक और जवान ने देश की रक्षा में अपने प्राणों को न्योछावर कर अपना इतिहास बना दिया। सीमावर्ती जिले गुरदासपुर के गांव कोटला खुर्द निवासी 32 वर्षीय लांसनायक संदीप सिंह

लुधियाना-गुरदासपुर : पंजाब के एक और जवान ने देश की रक्षा में अपने प्राणों को न्योछावर कर अपना इतिहास बना दिया। सीमावर्ती जिले गुरदासपुर के गांव कोटला खुर्द निवासी 32 वर्षीय लांसनायक संदीप सिंह आतंकियों से लोहा लेते श्रीनगर के कुपवाड़ा के तंगधर सेक्टर में मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गया। लेकिन शहादत से पहले उसने दो पाक समर्थक आतंकियों को ढ़ेर कर दिया, इसी बीच वह आतंकियों गोलियों का शिकार हुआ। लांसनायक 2016 में गुलाम कश्मीर में हुए सर्जिकल स्ट्राइक करने वाली सेना की टीम के सदस्य थे। वह सेना की चार स्पेशल फोर्स में तैनात थे।

शहीद संदीप की तिरंगे में लिपटी मृतक देह जब गांव की दहलीज पर पहुंची तो समस्त वातावरण उसकी जयघोष और भारत मां की जय के नारों से गूंज उठा। संदीप के पारिवारिक सदस्य गहरे सदमें में थे परंतु उन्हें अपने लाल की शहादत पर गर्व था। उनसे संवेदनाएं प्रकट करने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर अलग-अलग पार्टियों के सियासी लोग पहुंचे हुए थे। शहीद का अंतिम संस्कार गांव के ही शमशान भूमि में हुआ। संदीप को मुखागिन उसके 5 वर्षीय बेटे और अन्य रिश्तेदारों ने दी।

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इस दौरान शहीद के पिता और पारिवारिक सदस्यों ने कहा कि चाहे बेटे के जाने का दुख उन्हें कभी पूरा ना होने वाला नुकसान है, परंतु वह अपने जिगर के लाल की शहादत पर गर्व करते है। शहीद की पत्नी गुरप्रीत क ौर ने कहा कि उसे भी पति के खोने का दुख है परंतु वह अपने पति पर गर्व महसूस करती है कि उसने भारत मां की रक्षा की खातिर आहुति दी है। उसने यह भीकहा कि वह अपने बेटे को भी सेनानायक बनाएंगी।

जानकारी अनुसार संदीप 2007 में चार पैरा स्पेशल फोर्स में भर्ती हुआ था। उनके परिवार में पिता जगदेव सिंह, माता तलविंदर, पत्नी गुरप्रीत कौर और पांच साल का एक बेटा है। संदीप सिंह रविवार को साथियों के साथ बॉर्डर पर ड्यूटी दे रहा था। उन्हें आतंकियों की घुसपैठ की सूचना मिली। इस दौरान संदीप ने दो आतंकियों को मार गिराया।

इस बीच उन्हें भी गोली लग गई। उन्हें श्रीनगर के मिलिट्री अस्पताल में भर्ती करवाया गया। सोमवार को उपचार के दौरान संदीप का निधन हो गया। पैतृक गांव गांव कोटला खुर्द में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ। लांसनायक संदीप सिंह 2016 में गुलाम कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक करने वाली टीम में शामिल थे और अद्भूत बहादुरी का परिचय दिया था।

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