पहलगाम आतंकी हमले में जान गवाने वाले सुशील नथानियल को अंतिम विदाई
सुशील नथानियल को नम आंखों से दी गई अंतिम विदाई
सुशील नथानियल का अंतिम संस्कार इंदौर के जूनी कब्रिस्तान में किया गया, जहां प्रदेश के कई वरिष्ठ नेता और स्थानीय लोग उपस्थित थे। अंतिम यात्रा उनके वीणा नगर स्थित घर से शुरू हुई और नंदा नगर चर्च में प्रार्थना सभा के बाद कब्रिस्तान पहुंची। माहौल बेहद गमगीन था और परिवार के सदस्यों की आंखें नम थीं।
22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में जान गंवाने वाले इंदौर निवासी सुशील नथानियल का अंतिम संस्कार जूनी इंदौर के कब्रिस्तान में ईसाई रीति-रिवाजों से किया गया। अंतिम संस्कार में प्रदेश के कई वरिष्ठ नेता, परिजन, रिश्तेदार और स्थानीय लोग भारी संख्या में मौजूद रहे। मंत्री तुलसी सिलावट, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और जिला अध्यक्ष सदाशिव यादव ने शोक जताया और परिवार को सांत्वना दी। इससे पहले सुशील की अंतिम यात्रा उनके वीणा नगर स्थित घर B-68 से शुरू हुई थी। पार्थिव शरीर को विशेष वाहन में नंदा नगर चर्च ले जाया गया, जहां प्रार्थना सभा के बाद अंतिम यात्रा कब्रिस्तान के लिए रवाना हुई। इस दौरान माहौल बेहद गमगीन रहा। पत्नी जेनिफर ताबूत से लिपटकर रोती रहीं, वहीं पिता बदहवासी की हालत में थे। छोटी बुआ इंदु डावर बार-बार कांपती आवाज में पूछ रही थीं, “अब किसका इंतज़ार करूंगी मैं?” यह दृश्य देखकर मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम हो गईं।
परिवार के साथ घूमने आए थे कश्मीर, आतंकी हमले में गई जान
सुशील नथानियल आलीराजपुर जिले की एलआईसी सैटेलाइट शाखा में पदस्थ थे। वे 18 अप्रैल को अपने परिवार—पत्नी जेनिफर, बेटी आकांक्षा और बेटे ऑस्टिन के साथ कश्मीर घूमने गए थे। 22 अप्रैल को दोपहर करीब 2:45 बजे जब वह बैसारन घाटी में पर्यटक स्थल पर थे, तभी आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी। इस हमले में 27 लोगों की जान गई, जिनमें सुशील भी शामिल थे। बेटी आकांक्षा को गोली पैर में लगी है और उसका इलाज चल रहा है।
आतंकियों को मिलेगा जवाब
इस हमले के बाद देशभर में आक्रोश फैल गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि पहलगाम हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने जम्मू-कश्मीर प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों से रिपोर्ट मांगी है और सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। शाह ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति पर कायम है।
सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट
इस आतंकी हमले के पीछे जिस संगठन का हाथ बताया जा रहा है, उसके मास्टरमाइंड की पहचान हो चुकी है। सूत्रों के मुताबिक, हमले की साजिश लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर उमर अब्दुल्ला द्वारा रची गई थी। वह पाकिस्तान में बैठकर घाटी में हमलों की योजना बना रहा है। एनआईए और जम्मू-कश्मीर पुलिस की विशेष इकाइयां उसके नेटवर्क को तोड़ने में जुटी हैं।
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परिवार के संघर्ष की कहानी ने सबको झकझोरा
सुशील की पत्नी जेनिफर खातीपुरा के एक सरकारी स्कूल में शिक्षिका हैं। उनकी बेटी आकांक्षा सूरत में बैंक ऑफ बड़ौदा में फर्स्ट क्लास ऑफिसर के पद पर कार्यरत हैं, जबकि बेटा ऑस्टिन एक उभरता हुआ बैडमिंटन खिलाड़ी है। मूल रूप से यह परिवार जोबट का निवासी है। सुशील का यूं अचानक चला जाना पूरे समाज के लिए एक बड़ा नुकसान है।