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Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics: धनतेरस और दिवाली पर करें मां लक्ष्मी की ये आरती, खुलेगा सुख-समृद्धि का द्वार

03:27 PM Oct 18, 2025 IST | Bhawana Rawat
Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics (Image- Ai Generated)

Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics: दिवाली और धनतेरस पर सुबह और शाम मां लक्ष्मी की आरती करें। आरती करने के बाद तुलसी माता के सामने आरती जरूर लें, इसके बाद घर के लोगों को आरती लेनी चाहिए। इसके बाद मां लक्ष्मी से धन-समृद्धि की कामना करें। ऐसा कहा जाता है कि मां लक्ष्मी की आरती में घंटी नहीं बजानी चाहिए। आरती करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में धन, वैभव तथा सुख-शांति का आगमन होता है। इस आरती से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है। चलिए आइए जानते हैं मां लक्ष्मी की आरती और दोहा।

Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics: मां लक्ष्मी की आरती

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Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics (Image- Ai Generated)

ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।

तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता ॥

ओम जय लक्ष्मी माता ॥

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।

मैया तुम ही जग-माता।।

सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥

ओम जय लक्ष्मी माता ॥

दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता। मैया सुख सम्पत्ति दाता ॥

जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥

ओम जय लक्ष्मी माता ॥

तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता। मैया तुम ही शुभदाता ॥

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता ॥

ओम जय लक्ष्मी माता ॥

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता। मैया सब सद्गुण आता ॥

सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता ॥ ओम जय लक्ष्मी माता ॥

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।

मैया वस्त्र न कोई पाता ॥

खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता ॥

ओम जय लक्ष्मी माता ॥

शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता।

मैया क्षीरोदधि-जाता ॥

रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता।

ओम जय लक्ष्मी माता ॥

महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।

मैया जो कोई जन गाता ॥

उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता ॥

ओम जय लक्ष्मी माता ॥

ऊं जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।

तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता।

ऊं जय लक्ष्मी माता।।

दोहा

Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics (Image- Ai Generated)

महालक्ष्मी नमस्तुभ्यम्, नमस्तुभ्यम् सुरेश्वरि।

हरिप्रिये नमस्तुभ्यम्, नमस्तुभ्यम् दयानिधे।।

पद्मालये नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं च सर्वदे।

सर्व भूत हितार्थाय, वसु सृष्टिं सदा कुरुं ।।

सब बोलो लक्ष्मी माता की जय, लक्ष्मी नारायण की जय।

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