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धारा 370 हटाये जाने पर केंद्र सरकार का साथ दें जम्मू-कश्मीर के नेता : सुमित्रा महाजन

पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सोमवार को अपील की कि सरहदी सूबे के क्षेत्रीय दलों के नेताओं को धारा 370 मुद्दे पर केंद्र सरकार का साथ देना चाहिए।

11:59 AM Aug 05, 2019 IST | Ujjwal Jain

पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सोमवार को अपील की कि सरहदी सूबे के क्षेत्रीय दलों के नेताओं को धारा 370 मुद्दे पर केंद्र सरकार का साथ देना चाहिए।

धारा 370 हटाये जाने पर केंद्र सरकार का साथ दें जम्मू कश्मीर के नेता   सुमित्रा महाजन
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जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने संबंधी अनुच्छेद 370 को समाप्त किये जाने के निर्णय की सराहना करते हुए पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सोमवार को अपील की कि सरहदी सूबे के क्षेत्रीय दलों के नेताओं को इस मुद्दे पर केंद्र सरकार का साथ देना चाहिए।
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महाजन ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “स्वतंत्रता के इतने साल बाद भारत के लिये आज का दिन ऐतिहासिक है। केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला देशहित में लिया है। मालूम नहीं कुछ लोग इसका विरोध क्यों कर रहे हैं।”
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उन्होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर के क्षेत्रीय दलों के नेताओं से मेरा निवेदन है कि उन्हें इस सरहदी सूबे के विकास के दरवाजे खोलने के लिये अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साथ देना चाहिये। अब उन्हें कोई भी गड़बड़ी पैदा नहीं करनी चाहिये। सभी राजनीतिक दलों को मिलकर जम्मू-कश्मीर को अच्छा नेतृत्व देना चाहिए, ताकि वहां हमेशा शांति कायम रह सके।”
महाजन ने जम्मू-कश्मीर के क्षेत्रीय दलों के नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा, “ये लोग अपने आप को जम्मू-कश्मीर का नेता मानते हैं। लेकिन जहां तक इस सूबे की समस्याएं हल करने का सवाल है, उन्होंने अब तक नेतृत्व जैसा कोई काम नहीं किया है। वहां के नेताओं का ध्यान अब तक इस बात की ओर क्यों नहीं गया कि छोटे-छोटे बच्चे पत्थर क्यों उठा रहे हैं?”
सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में पेश संकल्प में जम्मू-कश्मीर का विभाजन-जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख के दो केंद्र शासित क्षेत्रों के रूप में करने का प्रस्ताव भी किया है। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ने इस प्रस्ताव को भी बेहद महत्वपूर्ण करार देते हुए कहा, “लद्दाख की संस्कृति और समस्याएं जम्मू-कश्मीर से काफी अलग हैं। लद्दाख के नेता हमेशा से जम्मू-कश्मीर से अलग होने की मांग करते थे। अब नये केंद्र शासित क्षेत्र के रूप में लद्दाख के विकास के नये रास्ते खुलेंगे और वहां कानून-व्यवस्था में भी सुविधा होगी।”

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