Bihar: रोहतास में जदयू नेता के पिता की हत्या, जमीन विवाद की आशंका
पटना के पारस अस्पताल में गुरुवार सुबह चंदन मिश्रा की हत्या के बाद एक और हत्या से हड़कंप मच गया। रोहतास में जेडीयू के प्रखंड अध्यक्ष राकेश कुमार उर्फ भोला के पिता पारसनाथ सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में हत्या कर दी गई। पारसनाथ सिंह की हत्या सासाराम के तिलौथू प्रखंड के अमरा गांव में हुई। पुलिस के अनुसार, पारसनाथ सिंह ने दो महीने पहले गांव में एक गौशाला बनवाई थी, जहां वह अपने मवेशियों की देखभाल करने के लिए रहते थे और कभी-कभी अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए ऑटो-रिक्शा भी चलाते थे।
गुरुवार तड़के ग्रामीणों ने देखा कि गौशाला के अंदर उनकी हत्या कर दी गई है। घटनास्थल पर चारों तरफ खून फैला हुआ था। इस घटना से इलाके में दहशत और तनाव का माहौल है, क्योंकि वे सत्तारूढ़ पार्टी के ब्लॉक अध्यक्ष के पिता थे। इस खबर से परिवार सदमे में है। स्थानीय लोगों ने पारसनाथ सिंह को एक शांतिप्रिय व्यक्ति बताया, जो सामाजिक कार्यों में सक्रिय रूप से शामिल थे। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि वे कुछ भूमि विवाद में संलिप्त थे। हत्या के पीछे की वजह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाई है।
रोहतास में हुई हत्या पर खेद
सूचना मिलने पर डीएसपी वंदना मिश्रा पुलिस बल और फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) टीम के साथ मौके पर पहुंचीं। पुलिस फिलहाल सभी संभावित पहलुओं की जांच कर रही है और हत्या में शामिल लोगों की तलाश शुरू कर दी है। इससे पहले, गुरुवार सुबह पटना स्थित पारस अस्पताल में कुछ अज्ञात बदमाश घुस आए और इलाज करवा रहे एक चंदन मिश्रा पर फायरिंग कर दी। बाद में इलाज के दौरान चंदन की मौत हो गई। चंदन मिश्रा (उम्र 25-30 साल), सोनबरसा ब्लॉक, बक्सर का रहने वाला था, जो पैरोल पर अस्पताल में इलाज करवा रहा था।
उस पर हत्या समेत करीब 10 आपराधिक मामले दर्ज थे। वह 2024 से जेल में था और इलाज के लिए पारस अस्पताल में भर्ती था। इस घटना के बाद बिहार की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि 2005 से पहले ऐसी घटनाएं नहीं होती थीं।
बिहार बार-बार हो रही हत्याओं के कारण
अब तो बड़े अस्पतालों में भी अपराधी घुसकर वार्ड के अंदर लोगों को गोली मार रहे हैं। हाल के दिनों में पटना में कई हाई-प्रोफाइल हत्याएं हुई हैं, जिनमें उद्योगपति गोपाल खेमका, बालू व्यवसायी रमाकांत यादव, किराना व्यापारी विक्रम झा और वकील जितेंद्र कुमार की हत्याएं शामिल हैं। बार-बार हो रही हत्याओं के कारण कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बिहार को 'क्राइम कैपिटल ऑफ इंडिया' कहा है।
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