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125 वर्षीय पद्मश्री विजेता शिवानंद जी से सीखिए सफल जीवन का मंत्र

यह सच है कि हमारे जीवन में आयु के चार चरण माने गए हैं। कुल मिलाकर आयु सौ वर्ष की मानी गयी है लेकिन आज के भौतिक युग में अगर किसी की उम्र 125 वर्ष तक पहुंच जाती है तो इस पर भरोसा नहीं किया जा सकता।

02:08 AM Mar 23, 2022 IST | Kiran Chopra

यह सच है कि हमारे जीवन में आयु के चार चरण माने गए हैं। कुल मिलाकर आयु सौ वर्ष की मानी गयी है लेकिन आज के भौतिक युग में अगर किसी की उम्र 125 वर्ष तक पहुंच जाती है तो इस पर भरोसा नहीं किया जा सकता।

125 वर्षीय  पद्मश्री विजेता शिवानंद जी से सीखिए सफल जीवन का मंत्र
यह सच है कि हमारे जीवन में आयु के चार चरण माने गए हैं। कुल मिलाकर आयु सौ वर्ष की मानी गयी है लेकिन आज के भौतिक युग में अगर किसी की उम्र 125 वर्ष तक पहुंच जाती है तो इस पर भरोसा नहीं किया जा सकता। लेकिन 48 घंटे पहले दुनिया ने देखा कि कैसे वाराणसी का एक योग गुरु जिसकी उम्र 125 वर्ष है को राष्ट्रपति ने विशिष्ट पुरस्कार पद्मश्री से सम्मानित किया। इससे भी बड़ी बात यह है कि यह योग गुरु संस्कारों में भी अद्वितीय है। जब उनका नाम इस शीर्ष  पुरस्कार के लिए पुकारा गया और वह हाल में प्रधानमंत्री श्री मोदी को देखकर भाव-विहल होकर उनकी तरफ बढ़े और घुटनों के बल बैठकर उन्हें दंडवत करने लगे। वह खुद चलकर आये थे और खुद ही उन्होंने चौकड़ी लेकर अपने आपको इस स्थिति में लाया कि वह श्री मोदी के पांव को छू सकें। परंतु मोदी जी ने उन्हें ऐसा करने से रोकने के लिए खुद उनके सम्मान में खड़े हो गये और जमीन की तरफ दोनों हाथ लहराकर उन्हें ऐसा करने से रोका। यह भावपूर्ण दृश्य देखकर हर तरफ तालियां गूंजने लगी। इतना बड़ा पुरस्कार लेने वाले इस योग गुरु शिवानंद की कहानी मैं समझती हूं पूरे देश और दुनिया विशेष रूप से वरिष्ठï नागरिक केसरी क्लब के हर सदस्य के लिए एक बड़ी प्रेरणा है।
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यह योग गुरु 1896 में पैदा हुए और यूरोप के अलावा कई देशों की यात्रा कर चुके हैं। इनका जीवन सादा है। इन्होंने अपने जीवन में कभी भी कोई चीज तली हुई नहीं खायी। सादी रोटी, सादे चावल और उबला हुआ भोजन के अलावा जीवन में हरी सब्जियां और सलाद खाते रहे। इसके अलावा वह प्रतिदिन योग करते हैं और कई कि.मी. पैदल चलते हैं। आज के जीवन में सिर्फ बुजुर्ग ही क्यों यूथ या अधेड़ उम्र के लोग भी उनके खानपान वाली जीवनशैली को अपने व्यक्तित्व में उतारकर खुद को निखार सकते हैं। सचमुच शिवानंद एक असाधारण व्यक्ति हैं। जीवन में यदि आप असाधारण बनने के लिए कुछ भी ठान लें तो सबकुछ संभव है। आज के जमाने में कोई घड़ी की सुईयां विपरीत दिशा में नहीं घुमा सकता परंतु एक योग है जिसे अगर आप नियमित रूप से करते जाएं तो अपने शरीर की व्यवस्था आप कम दर्शा सकते हैं। यदि कोई नियमित योग करता है और उसकी उम्र 60 वर्ष की है तो वह 40 की उम्र का दिखाई देगा। 80 की उम्र का व्यक्ति 60 साल का दिखाई दे सकता है। महान योगी के रूप में जिस भगवान शिव की चौकड़ी और उनके बैठने के अंदाज को कलेंडरों में दिखाया जाता है वह वैज्ञानिक रूप से हम सबके लिए प्रेरणादायी है कि कैसे कोई बीमारी नियमित योग करने वाले को छू भी नहीं सकती। महान शास्त्र योग विशिष्ठ में शिव चौकड़ी के बारे में और इसके गुणों के बारे में विस्तार से बहुत कुछ बताया गया है। अगर दुनिया को योग के बारे में किसी ने सिखाया है तो यह हमारा भारत देश है। हमारे यहां इसीलिए अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है।
जीवन में अगर बीमारियों से दूर रहना है तो आज सीनियर सीटीजन को यह संकल्प ले लेना चाहिए कि हमें प्रतिदिन योग करना है या फिर शारीरिक व्यायाम करना है या फिर ज्यादा से ज्यादा पैदल चलना है। इसके अलावा खानपान भी ज्यादा बाजारी और फ्राईड से बचने के लिए उबला हुआ खाएं। फलों और हरी सब्जियों का सेवन वैज्ञानिक रूप से शरीर में ऊर्जा पैदा करता है। कितने ही फिल्मी सितारे योग के दम पर और अच्छे खानपान के लिए मशहूर है। शिल्पा शेट्टी, अनिल कपूर नियमित योग करते हैं और खानपान का बहुत ध्यान रखते हैं। अमिताभ बच्चन, हेमा मालिनी, अक्षय कुमार, सुनील शेट्टी नियमित योग करते हैं इसीलिए फिट हैं। फिट रहने का सबसे बड़ा मंत्र शारीरिक व्यायाम है इसीलिए आप सबके समक्ष शिवानंद की कहानी प्रस्तुत की है। हम सबके जीवन का मंत्र यही होना चाहिए कि शारीरिक रूप से फिट रहें तो आप हिट हो सकते हैं। योग गुरु शिवानंद जो पद्मश्री विजेता हैं अपनी सादगी के दम पर इसी मंत्र के चलते सफल हैं।
 अगर मैं अपनी  सच्चाई बताऊं  तो मैं योग, व्यायाम कुछ नहीं करती परन्तु शिवानंद  जी को देखकर, सुनकर लगता है मुझे भी योग स्टार्ट करना चाहिए। वो एक प्रेरणा बनकर सामने आये हैं।  ऐसे लोगों को पद्मश्री मिलना बहुत ही भाग्यशाली बात है। हमें ऐसे लोगों पर गर्व है।
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Kiran Chopra

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