साउथ कोरिया में ली जे-म्युंग की जीत, जानें मजदूर से राष्ट्रपति बनने तक की कहानी
ली जे म्युंग की प्रेरणादायक कहानी: मजदूर से राष्ट्रपति तक
दक्षिण कोरिया में ली जे म्युंग की जीत ने राजनीतिक परिदृश्य को बदल दिया है। मजदूर से राष्ट्रपति बनने तक का उनका सफर प्रेरणादायक है। गरीब परिवार से आकर उन्होंने कानून की पढ़ाई की और मानवाधिकार वकील बने। 2024 में मार्शल लॉ के विरोध ने उन्हें उभारा और अब वे राष्ट्रपति बन गए हैं।
दक्षिण कोरिया में बड़ा उलटफेर हुआ है। राष्ट्रपति चुनाव में लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार ली जे म्युंग की जीत हुई है। ली जे म्युंग अब दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति बनने वाले हैं। उनके प्रतिद्वंदी और कंजर्वेटिव प्रत्याशी किम मून सू ने हार स्वीकार कर ली है। यह घटनाक्रम बड़ा राजनीतिक बदलाव लाएगा। आपको बता दें साउथ कोरिया में विशेष चुनाव तब हुए जब 3 दिसंबर 2024 को पूर्व राष्ट्रपति यून सुक योल ने देश में मार्शल लॉ लागू कर दिया था, जिसने देश में लोकतंत्र की नींव हिला कर रख दी थी। इस दौरान ली जे म्युंग के विरोध ने उन्हें उभारा। ली जे म्युंग का राजनीतिक सफर काफी प्रेरणादायक है। आइए आपको सुनाते हैं ली जे म्युंग के मजदूर से राष्ट्रपति बनने तक की कहानी।
मजदूर से बने वकील
ली जे म्युंग की जीत इसलिए भी खास है क्योंकि वे किसी राजनीतिक परिवार से ताल्लुक नहीं रखते। उनका जीवन संघर्ष से भरा रहा। म्युंग का जन्म 1963 में एक बेहद गरीब परिवार में हुआ था। उन्होंने प्राथमिक स्कूल के तुरंत बाद ही एक फैक्ट्री में काम करना शुरू कर दिया था, लेकिन वहां एक दुर्घटना में उनके एक हाथ में गहरी चोट लग गई और वह ठीक से काम करना बंद कर दिया। हालांकि, इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और खुद ही पढ़ाई की और कानून की डिग्री हासिल की।
2010 में शुरू किया राजनीतिक करियर
कानून की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने मानवाधिकार वकील के तौर पर काम किया। उन्होंने 2010 में सेओंगनाम शहर के मेयर के तौर पर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। इसके बाद वे दक्षिण कोरिया के सबसे अधिक आबादी वाले क्षेत्र ग्योंगगी प्रांत के गवर्नर बने।
2022 में मिली हार
ली 2022 के राष्ट्रपति चुनाव में यूं सुक-योल से मामूली अंतर से हार गए थे, लेकिन अब 2024 के राजनीतिक संकट के बाद उन्होंने मजबूत वापसी की है। दिसंबर 2024 में, जब यूं ने मार्शल लॉ लगाने का असफल प्रयास किया, तो ली ने एक दीवार फांदकर संसद में अपने प्रवेश का लाइवस्ट्रीम किया, जिससे देशव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया और बाद में यूं के महाभियोग की नौबत आ गई।
जानलेवा हमला भी हुआ
जनवरी 2024 में बुसान की यात्रा के दौरान एक व्यक्ति ने ऑटोग्राफ के बहाने उनकी गर्दन पर 7 इंच लंबे चाकू से हमला किया था। उन्हें एयरलिफ्ट करके सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनके समर्थकों और आलोचकों दोनों ने इस हमले की निंदा की। इस हमले से वे डरे नहीं, बल्कि उनकी छवि मजबूत हुई। आज वे देश के राष्ट्रपति बन गए हैं।
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