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राज्यपाल को निशाना बनाती वाम सरकार, कांग्रेस बोली- राज्य में अराजकता पैदा कर रही लेफ्ट

कांग्रेस ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान की विश्वविद्यालयों और राज्य विधानमंडल द्वारा पारित विधेयकों के संबंध में की गयी कार्रवाई के विरोध में यहां राजभवन तक मार्च निकालने के एलडीएफ के कदम की मंगलवार को आलोचना करते हुए कहा कि इससे राज्य में ‘अराजकता’ उत्पन्न हो रही है।

04:03 PM Nov 15, 2022 IST | Desk Team

कांग्रेस ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान की विश्वविद्यालयों और राज्य विधानमंडल द्वारा पारित विधेयकों के संबंध में की गयी कार्रवाई के विरोध में यहां राजभवन तक मार्च निकालने के एलडीएफ के कदम की मंगलवार को आलोचना करते हुए कहा कि इससे राज्य में ‘अराजकता’ उत्पन्न हो रही है।

कांग्रेस ने केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान की विश्वविद्यालयों और राज्य विधानमंडल द्वारा पारित विधेयकों के संबंध में की गयी कार्रवाई के विरोध में यहां राजभवन तक मार्च निकालने के एलडीएफ के कदम की मंगलवार को आलोचना करते हुए कहा कि इससे राज्य में ‘अराजकता’ उत्पन्न हो रही है।कांग्रेस महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने कहा कि सरकार ने नियमों का उल्लंघन करते हुए राज्य के विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति की और ‘‘अब उस स्थिति को बदलने के लिए, वे राज्यपाल के खिलाफ एक विरोध मार्च निकाल रहे हैं।’’उन्होंने नयी दिल्ली में मीडिया से कहा, ‘‘इससे राज्य में अराजकता उत्पन्न हो रही है।’’
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वेणुगोपाल ने दावा किया कि राज्यपाल के कदमों के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार हैं और दोनों अपने स्थापित हितों को आगे बढ़ाने के लिए कार्य कर रहे हैं।वेणुगोपाल ने यह भी दावा किया कि खान भी उतने ही जिम्मेदार हैं क्योंकि वह अपनी संवैधानिक स्थिति को भूल गए और कथित तौर पर प्रचार हथकंडा अपनाया।इस बीच, एलडीएफ ने पूर्वनिर्धारित विरोध मार्च निकाला जिसमें राज्य की राजधानी के विभिन्न स्थानों से राजभवन तक भारी भीड़ देखी गई, जहां वाम मोर्चे के विभिन्न वरिष्ठ नेता पहले से मौजूद थे।
कानून या संविधान के अनुसार काम नहीं कर रहे राज्यपाल
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) प्रदेश सचिव कणम राजेंद्रन ने राजभवन के बाहर संवाददाताओं से कहा कि यह केरल में उच्च शिक्षा और लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष की एक शानदार शुरुआत है। उन्होंने यह भी कहा कि कुलाधिपति का पद कोई संवैधानिक पद नहीं है और यह राज्य विधानमंडल द्वारा राज्यपाल को दिया जाता है।मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPI-M) के प्रदेश सचिव एम. वी. गोविंदन ने मीडिया से कहा कि राज्यपाल कानून या संविधान के अनुसार काम नहीं कर रहे हैं, चाहे वह विश्वविद्यालयों का कामकाज हो या विधायिका द्वारा पारित विधेयकों पर हस्ताक्षर करना हो।उन्होंने यह भी कहा कि किसी राज्यपाल को इस तरह से राज्य के कामकाज को ठप करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। गोविंदन ने कहा, ‘‘हम इसको लेकर स्पष्ट हैं कि हम उन्हें कुलाधिपति के तौर पर नहीं रहने दे सकते।’’
सरकारी कर्मचारियों को विरोध में भाग लेने के लिए मजबूर किया जा रहा
राज्य मंत्रिमंडल ने हाल ही में खान को उन्हें केरल में विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के पद से हटाने के लिए एक अध्यादेश जारी किया था।गोविंदन ने यह भी कहा कि वाम ने किसी को मार्च में भाग लेने के लिए मजबूर नहीं किया है और न कभी किया था।यह उन पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे जिन्होंने यह उल्लेख किया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने केरल हाई कोर्ट में दायर एक याचिका में आरोप लगाया है कि सरकारी कर्मचारियों को विरोध में भाग लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है।माकपा ने एक बयान में कहा है कि आंदोलन एक शिक्षा संरक्षण मंच के तत्वावधान में आयोजित किया गया है, जो सभी जिला केंद्रों में भी विरोध प्रदर्शन करेगा।
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