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'पथराव, आगजनी...', लद्दाख में हिंसक हुआ आंदोलन, पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प, जानें क्या विवाद?

01:55 PM Sep 24, 2025 IST | Amit Kumar
 पथराव  आगजनी      लद्दाख में  हिंसक हुआ आंदोलन  पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प  जानें क्या विवाद
Leh Ladakh Protest
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Leh Ladakh Protest: केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में स्थिति तनावपूर्ण होती जा रही है। बुधवार को लेह में छात्रों और पुलिस के बीच टकराव हो गया। यह विरोध प्रदर्शन लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर किया जा रहा है।

Leh Ladakh Protest: सोनम वांगचुक की भूख हड़ताल

पर्यावरणविद् और सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक इन मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे हैं। वांगचुक लंबे समय से लद्दाख के लोगों के अधिकारों और पहचान की रक्षा की मांग कर रहे हैं। उनकी अगुवाई में लद्दाख की एपेक्स बॉडी और अन्य संगठनों ने आंदोलन तेज कर दिया है।

Leh Ladakh Protest
Leh Ladakh Protest

Ladakh Protest: छात्रों का सड़कों पर उतरना

वांगचुक के समर्थन में बड़ी संख्या में छात्र और युवा सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शन के दौरान पुलिस और छात्रों के बीच झड़प हुई। आरोप है कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया और सीआरपीएफ की एक गाड़ी को आग के हवाले कर दिया। इसके अलावा, प्रदर्शनकारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यालय के बाहर भी प्रदर्शन करते देखे गए।

Leh Ladakh Protest
Leh Ladakh Protest

Ladakh बंद का ऐलान

बुधवार को पूरे लद्दाख में बंद का आह्वान किया गया था। इस दौरान लेह शहर में बड़ी संख्या में लोग जमा हुए और रैली निकाली गई। स्थिति को देखते हुए सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ा दी गई। हालांकि, प्रशासन की ओर से कहा गया है कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।

Leh Ladakh News: आंदोलन की मुख्य मांगें

इस आंदोलन के पीछे चार प्रमुख मांगें रखी गई हैं, जो इस प्रकार हैं:

  • लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए।
  • लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए ताकि जनजातीय लोगों के अधिकारों की सुरक्षा हो सके।
  • स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार और शिक्षा में आरक्षण सुनिश्चित किया जाए।
  • लद्दाख के पर्यावरण और संस्कृति की संरक्षा के लिए विशेष कानून बनाए जाएं।

अनुच्छेद 370 हटने के बाद की स्थिति

गौरतलब है कि 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को हटाकर जम्मू-कश्मीर को दो भागों में बांट दिया था। इसके तहत जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया। लद्दाख को अलग पहचान तो मिली, लेकिन विधानसभा या पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं दिया गया। इसी को लेकर अब वहां के लोग विरोध कर रहे हैं।

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