लेह हिंसा के बाद केंद्र सरकार की बड़ी कार्रवाई, रद्द किया सोनम वांगचुक के NGO का रजिस्ट्रेशन
Leh violence: लेह में हाल ही में हुई हिंसा के बाद केंद्र सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। गृह मंत्रालय ने प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के NGO, SECMOL (Student’s Educational and Cultural Movement of Ladakh) का FCRA (विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम) रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है।
Leh violence: FCRA कानून के उल्लंघन का आरोप
गृह मंत्रालय की जांच में संस्था द्वारा FCRA कानून के कई प्रावधानों के उल्लंघन की पुष्टि हुई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि SECMOL ने विदेशों से प्राप्त धन और उसके उपयोग की सही जानकारी नहीं दी, जिससे नियमों का उल्लंघन हुआ। जांच में सामने आया कि संस्था ने एक बार 3.35 लाख रुपये को विदेशी दान बताया, लेकिन बाद में बताया कि ये रकम एक पुरानी बस बेचने से मिली थी।
यह रकम न तो FCRA खाते में दिखाई गई, न ही इस बारे में स्पष्ट रूप से जानकारी दी गई। इसके अलावा, वर्ष 2020-21 में 54,600 रुपये स्थानीय फंड गलती से FCRA खाते में डाल दिए गए। संस्था का कहना है कि यह रकम भारतीय स्वयंसेवकों से खाना और रहने की सुविधा के बदले ली गई थी, लेकिन खाते का चयन गलत हुआ।

4.93 लाख रुपये भी विवाद में सामने आए
एक अन्य विदेशी संस्था से मिले 4.93 लाख रुपये भी विवाद में आए। संस्था ने कहा कि कोविड लॉकडाउन के कारण कार्यक्रम नहीं हो सका और पैसा वापस कर दिया गया। लेकिन मंत्रालय का कहना है कि FCRA कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि विदेशी फंड को वापस किया जा सकता है।
Central Government Action on Sonam Wangchuk: लेखा-जोखा पारदर्शी नहीं
मंत्रालय ने यह भी कहा कि संस्था ने अपने खर्चों को ठीक तरीके से रिकॉर्ड नहीं किया। उदाहरण के तौर पर, संस्था ने 2020-21 में 79,200 रुपये वेतन और स्टाइपेंड से काटकर उसे "फूड फीस" के तौर पर दिखाया, जिसे सरकार ने गलत बताया।

NGO Registration Cancelled: FCRA की कई धाराओं का उल्लंघन
गृह मंत्रालय के अनुसार, SECMOL ने FCRA की धारा 8(1)(a), 17, 18 और 19 का कई बार उल्लंघन किया है। यही कारण है कि अब संस्था का FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। अब संस्था विदेश से किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता या चंदा नहीं ले सकेगी। उन्हें अब केवल भारतीय स्रोतों से ही फंड जुटाना होगा।
Action on Sonam Wangchuk: क्यों हुई लद्दाख में हिंसा?
इस घटना की पृष्ठभूमि में लद्दाख में छात्रों द्वारा प्रदर्शन भी रहा। वे लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे थे। यह प्रदर्शन सोनम वांगचुक के समर्थन में किया गया था, जो 10 सितंबर से भूख हड़ताल पर थे। लेकिन जब आंदोलन हिंसक हो गया और इसमें 4 लोगों की मौत तथा 70 से ज्यादा लोग घायल हुए, तो वांगचुक ने अपना अनशन खत्म कर दिया।
आगे की जांच की संभावना
अब खबरें हैं कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी SECMOL के खिलाफ FEMA (विदेशी विनिमय प्रबंधन अधिनियम) के तहत जांच शुरू कर सकता है। इस कार्रवाई के बाद वांगचुक की संस्था पर और भी मुश्किलें आ सकती हैं।