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बिहार में शराबबंदी असफल, पुलिस और सरकारी अधिकारी दोषी: Tejasvi Yadav

शराबबंदी पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का हवाला देकर तेजस्वी ने सरकार पर साधा निशाना

03:09 AM Apr 12, 2025 IST | Vikas Julana

शराबबंदी पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का हवाला देकर तेजस्वी ने सरकार पर साधा निशाना

बिहार में शराबबंदी असफल  पुलिस और सरकारी अधिकारी दोषी  tejasvi yadav

तेजस्वी यादव ने बिहार में शराबबंदी की असफलता पर सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणी का हवाला देते हुए पुलिस और सरकारी अधिकारियों को दोषी ठहराया। उन्होंने दावा किया कि बिहार में शराब की तस्करी और ब्लैक मार्केटिंग में गरीब और वंचित वर्ग के लोग सबसे अधिक प्रभावित हैं। उन्होंने अम्बेडकर जयन्ती के मौके पर दलित टोलों में कार्यक्रम आयोजित करने की घोषणा की।

बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के राज्य कार्यालय के कर्पूरी सभागार में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि 14 अप्रैल, 2025 को बाबा साहब डॉ.अम्बेडकर जयन्ती राष्ट्रीय जनता दल की ओर से राज्य के हर एक पंचायत के दलित टोलै- मोहल्ले में मनाया जायेगा। मैं स्वयं राघोपुर विधान सभा के एक पंचायतों में बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की जयन्ती मनायेंगे। इस संबंध में पार्टी के सभी नेताओं, पदाधिकारियों और सभी लोगों को निर्देशित किया गया है कि अम्बेडकर जयन्ती राज्य के प्रत्येक पंचायत में मनायें।

यादव ने आगे कहा कि बिहार में शराबबंदी के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के कड़ी टिप्पणी से यह स्पष्ट होता है कि बिहार में किस तरह से शराबबंदी को विफल करने में पुलिस पदाधिकारी और सरकार में बैठे हुए लोग लगे हुए हैं। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि पुलिस के वजह से ही शराब की तस्करी हो रही है और पुलिस का एक मात्र काम रह गया है भ्रष्टाचार, उगाही और कानून का दुरूपयोग करने वालों को संरक्षण देना। एक नये तरह का शराबबंदी के मामले में स्टुमेंट्स सामने आया है।

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उन्होंने आगे कहा कि बिहार में शराब के ब्लैक मार्केटिंग और अवैध कारोबार से 40 हजार करोड़ से अधिक का कारोबार किया जा रहा है। बिहार में अब तक 09 लाख 36 हजार 949 मुकदमे दर्ज किये गये है और करीब 14 लाख 20 हजार 700 सौ से अधिक लोगों की गिरफ्तारियां हुई है, सबसे अधिक गरीब, दलित, पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग के लोगों यानी 99 प्रतिशत से भी अधिक है। जिनमें 14 लाख 32 हजार 837 से अधिक पिछड़ा, अतिपिछड़ा, दलित, आदिवासी समाज के लोग हैं जिनकी संख्या लगभग 99 प्रतिशत है। जबकि एक प्रतिशत गैर दलित, गैर पिछड़ा के लोग शामिल हैं उन पर बिहार सरकार का सशक्त और प्रभावशाली कानून भी नहीं चलता है ,जबकि पिछड़ा, अतिपिछड़ा, दलित, आदिवासी और अन्य 99 प्रतिशत लोगों को तंग किया जा रहा है।

बिहार में शराबबंदी के बाद 03 करोड़ 86 लाख 96 हजार 570 लीटर शराब बरामद किये गये हैं । इनमें से 02 करोड़ 10 लाख 64 हजार 5सौ 84 लीटर विदेशी शराब बरामद की गई। जबकि 01 करोड़ लाख 9 सौ 86 देशी शराब बरामद की गई हैं। इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि बिहार में विदेशी शराब की खपत अधिक है। गरीब और वंचित वर्ग के लोग 02 करोड़ 10 लाख से अधिक लीटर गरीब वर्ग के लोग तो पीयेंगे नहीं। कहीं न कहीं इन विदेशी शराब का सेवन अमीर और भ्रष्ट लोग हीं कर रहे हैं और इनकी गिरफ्तारी एक प्रतिशत से कम है।

09 लाख 86 हजार उनचास सौ से अधिक मुकदमे दर्ज होने के बाद भी बिहार में तस्करी को बढ़ावा कौन दे रहा है, ये समझा जा सकता है। लाखों लोगों की गिरफ्तारी के बावजूद भी सप्लायर और तस्करों को गिरफ्तार नहीं किया गया। किसी भी जिला के एस.पी, डी.एस.पी या बड़े अधिकारी पर कार्रवाई नहीं की गई। गृह मंत्रालय मुख्यमंत्री जी के पास है लेकिन शराबबंदी पर किस तरह से कार्य हो रहा है यह स्पष्ट दिखता है। बार्डर से सप्लाई कर पटना और अन्य जिलों में शराब पहंुचाने वाले पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है। बार्डर से शराब आने के लिए दोषी किसको माना जाय। जबकि जो भी बार्डर जिला हैं उनसे पटना या अन्य जिलों में जाने के लिए पांच-छह जिले और लगभग दर्जन पर थानों की पुलिस चेक पोस्ट लगाकर बैठी रहती है लेकिन उसके बावजूद भी इस कानून को भ्रष्टाचार का इस्टूमेंट कैसे बना दिया गया है और कैसे पुलिस के द्वारा गरीबों को डराने, धमकाने की कार्रवाई की जाती है। इससे स्पष्ट होता है कि किस तरह से सरकार का कार्य हो रहा है।

इन्होंने आगे कहा कि जो अधिकारी डी.के. टैक्स का चढ़ावा देता है उसे बढ़िया स्थान उपलब्ध होता है और बढ़िया जिला और क्रीम जगह पर उनके मन के अनुसार पोस्टिंग मिलता है। अगर सरकार के लोग डी.के टैक्स की लूटिंग का रिकार्ड मांगेगें तो हम उपलब्ध कराने के लिए तैयार हैं। एन.के और डी.के. की जुगलबंदी दलितों, अतिपिछड़ों, पिछड़ों और गरीबों पर अत्याचार करने वाली सरकार है। पासी भाईयों पर किस तरह का अत्याचार हो रहा है यह स्पष्ट रूप से दिखता है। भ्रष्ट अधिकारी और चढ़ावा देने वालों के कारण गरीब जनता मर रही है और ब्लैक मार्केटिंग करने वाले आगे बढ़ रहे हैं। सरकार जिसको चाहती है उसी पर कार्रवाई होती है, सलेक्टिव कार्रवाई होती है। जो भी आरोप लगा रहे हैं वो तथ्यों के आधार पर और सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से समझा जा सकता है।

तेजस्वी ने आगे कहा कि जो लोग जंगलराज और लालू जी, राबड़ी जी के सरकार के समय की बात करते हैं उनमें बहुत सारे पदाधिकारी आज भी बड़े पद पर विराजमान हैं और वैसे पदाधिकारियों को मैं जानता हंू। सलेक्टिव काम नहीं किया जाये, जो जंगलराज का रट लगाते हैं उन्हें बताना चाहिए कि उस समय के कई लोग आज बड़े ओहदे पर विराजमान हैं और उनके संबंध में वे लोग क्या कहेंगे। 2005 से पहले की बात करने वाले बतायें कि जिन अधिकारियों को काम दिया गया है वो शराबबंदी अभियान को सफल बनाने में क्यों नहीं काम कर रहे हैं। वैसे अधिकारियों और प्रशासनिक लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए जो भ्रष्टाचार के माध्यम से शराबबंदी को विफल करना चाहते हैं। राष्ट्रीय जनता दल का स्पष्ट सोच है कि बिहार में पूर्णतः नशाबंदी लागू हो और इस पर किसी तरह का समझौता नहीं किया जायेगा।

इस अवसर पर संवाददाता सम्मेलन में राज्यसभा सांसद संजय यादव, प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. तनवीर हसन, प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव, प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद, श्री चितरंजन गगन, श्रीमती सारिका पासवान, श्रीमती मधु मंजरी, अरूण कुमार यादव, प्रमोद कुमार सिन्हा, बंटू सिंह, आरजू खान सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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