चंडीगढ़ से पंजाब में शराब तस्करी: 1 महीने में 35 मामले
शराब तस्करी के 35 मामले, सुनियोजित रैकेट का खुलासा
पंजाब में शराब तस्करी के बढ़ते मामलों ने सरकार को चिंतित कर दिया है। पिछले महीने चंडीगढ़ से 35 से अधिक तस्करी के मामले सामने आए हैं। चंडीगढ़ में शराब की सस्ती कीमतें और मुनाफे की लालसा इस समस्या की जड़ मानी जा रही है। पंजाब सरकार ने चंडीगढ़ प्रशासन से तुरंत कार्रवाई की मांग की है।
पंजाब में शराब तस्करी के मामलों ने एक बार फिर सरकार को चिंता में डाल दिया है। बीते एक महीने में चंडीगढ़ से पंजाब में शराब तस्करी के 35 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। इसकी वजह चंडीगढ़ में शराब का सस्ता होना और कुछ लोगों द्वारा मोटा मुनाफा कमाने की लालसा मानी जा रही है। इस अवैध धंधे ने पंजाब सरकार को राजस्व के रूप में बड़ा नुकसान पहुंचाया है। अब पंजाब के आबकारी विभाग ने चंडीगढ़ प्रशासन को इस मुद्दे पर तुरंत कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है। पत्र में 35 मामलों की विस्तृत सूची भी भेजी गई है, जिससे साबित होता है कि यह तस्करी किसी इत्तेफाक का नहीं, बल्कि एक सुनियोजित रैकेट का हिस्सा है।
होलोग्राम मिटाकर शराब की पेटियों की तस्करी
पंजाब एक्साइज विभाग ने हाल ही में मोहाली में बड़ी कार्रवाई के दौरान चंडीगढ़ की शराब से भरी 44 पेटियां जब्त की थीं। चौंकाने वाली बात यह है कि इन पर लगे ट्रैक एंड ट्रेस होलोग्राम को जानबूझकर मिटा दिया गया था, ताकि यह न पता चल सके कि शराब कहां से आ रही है। यह दर्शाता है कि यह काम बहुत ही योजनाबद्ध तरीके से किया जा रहा है। विभाग का कहना है कि यदि समय रहते सख्त कदम न उठाए गए, तो यह तस्करी और बढ़ सकती है।
बार-बार दी चेतावनी, फिर भी नहीं थमी तस्करी
ऐसे मामलों की जानकारी पहले भी चंडीगढ़ प्रशासन को दी जा चुकी है। रोपड़ के सहायक आबकारी आयुक्त ने 13 जनवरी 2025 को दर्ज एक मामले का हवाला देते हुए बताया कि इससे पहले भी कई बार प्रशासन को रिपोर्ट भेजी गई थी, लेकिन इसके बावजूद तस्करी के मामलों में कोई खास कमी नहीं आई है। अब पंजाब सरकार की मांग है कि यूटी प्रशासन सख्त कार्रवाई करे और इस तरह के मामलों को गंभीरता से ले।
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सजा का प्रावधान, फिर भी नहीं थम रहे अपराध
पंजाब आबकारी अधिनियम के तहत चंडीगढ़ या किसी अन्य राज्य से बिना लाइसेंस शराब लाकर बेचने पर कड़ी सजा का प्रावधान है। पकड़े जाने पर 50,000 से लेकर 2 लाख रुपए तक जुर्माना और 3 महीने से लेकर 3 साल तक की जेल हो सकती है। साथ ही जिस वाहन में शराब पकड़ी जाती है, उसे भी ज़ब्त किया जा सकता है। इसके बावजूद तस्करों के हौसले बुलंद हैं। पंजाब सरकार अब इस पर सख्त एक्शन लेने के मूड में है।