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दृष्टिपुंज के दुसरे वर्षगांठ पर कैटारेक्ट सर्जरी का लाइव सर्जिकल डेमोंशट्रेशन हुआ

सर्जरी के दौरान मरीज को परेशानी नहीं होती। यह तकनीक सर्जन को आसानी से मोतियाबिंद हटाने और अच्छे टिष्यू को बचाने में सहयोग करती है।

01:13 PM Sep 15, 2019 IST | Desk Team

सर्जरी के दौरान मरीज को परेशानी नहीं होती। यह तकनीक सर्जन को आसानी से मोतियाबिंद हटाने और अच्छे टिष्यू को बचाने में सहयोग करती है।

पटना : स्टेट आफ द आर्ट सुपर स्पेशयलियटी आई हास्पीटल दृष्टिपुंज नेत्रालय के दूसरे वर्षगांठ पर  चिकित्सकों  के समक्ष फेमटोलेजर अस्सिटेंड कैटारेक्ट सर्जरी का लाइव सर्जिकल डेमोंशट्रेशन हुआ। इस अवसर पर निदेशक डा. सत्यप्रकाश तिवारी ने अति सूक्ष्म 27 गेज का  डेमोंशट्रेशन कर कहा कि  रोबोटिक या फेमटोसेकंड कैटरेक्ट सर्जरी मोतियाबिंद की सरल व  प्रभावी सर्जरी के लिए विकसित की गई है, जिसमें लेजर बीम का इस्तेमाल किया जाता है और इसके परिणाम बहुत अच्छे मिलते हैं। 
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यह सर्जरी 100 फीसदी ब्लेडफ्री है। इसमें टांके नहीं लगाए जाते और यह लगभग दर्द रहित सर्जरी है। इस तकनीक से ब्लेड रहित कैटरेक्ट  व लेसिक सर्जरी दोनों संभव है।  ब्लेडलेस होने के कारण जख्म और इंफेक्शन के खतरे भी बेहद कम हो गए हैं। इस उपचार के आने से मोतियाबिंद के इलाज में क्रांतिकारी बदलाव आया है। इससे पहले डिस्कवरी 2019 का उद्घाटन करते हुए भवन निर्माण मंत्री डा. अशोक चौधरी ने कहा कि यहां उपलब्ध सुविधाएं प्रदेश के मरीजों के लिए काफी किफायती एवं उपयेागी साबित हो रही है, जिससे अब आंखों के इलाज के लिए प्रदेश के लोगों को बाहर जाने की मजबूरी नहीं रहेगी।  
निदेशक डा. निम्मी रानी ने बताया कि दृष्टिपुंज नेत्रालय में हाल में ही इंस्टाल की गई रोबोटिक प्रेसिजन फेमटोसेकंड केटारेक्ट सर्जरी मशीन के परिणाम बेहद अच्छे आ रहे है जिसका लाभ प्रदेश के मरीजों को पी्रमियम लेंस सहित इलाज में काफी सहूलियत मिल रही है।   उन्होंने कहा कि मोतियाबिंद के इलाज में यह  आधुनिकतम चिकित्सा है फेमटोसेकंड तकनीक नवीनतम व महत्वपूर्ण खोज है। 
इसके माध्यम से बिना सुई चुभाए या ब्लेड का इस्तेमाल किए बगैर ही सफलतापूर्वक मोतियाबिंद की सर्जरी की जा रही है। इस तकनीक से किसी भी तरह की गलती की संभावना बेहद कम हो गई है। यह मौजूदा सर्जिकल विकल्पों के मुकाबले उत्तम   है। निदेशक डा. रणधीर झा  ने कहा कि इस तकनीक में बहुत कम समय लगता है।  सर्जरी करते समय यह ऑखों का थ्री डायमेंशनल व्यू प्रदान करता है। सर्जरी के दौरान मरीज को परेशानी नहीं होती। यह तकनीक सर्जन को आसानी से मोतियाबिंद हटाने और अच्छे टिष्यू को बचाने में सहयोग करती है। 
डिस्कवरी 2019 में भाग लेने वाले प्रमुख चिकित्सकों में ख्याति प्राप्त नेत्र चिकित्सक   डा. बी.पी. कश्यप, डा. राजेश सिन्हा, डा. जी. भी. रामा कुमार, डा. अंकुर सिन्हा, एवं डा. भी. पी. एस. तोमर पैट्रन डॉ सुनील सिंह , डा. नागेन्द्र प्रसाद, डा. नवनीत कुमार, डा. नवीन कुमार झा, डा. सत्यजीत सिन्हा, डा. रंजना कुमार,  डा. सोनी सिन्हा एवं डा. पारिजात सौरभ उपस्थित थे।    
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