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सावरकर मानहानि मामले में लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को जमानत, 18 फरवरी को होगी सुनवाई

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेश हुए लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी

03:35 AM Jan 11, 2025 IST | Himanshu Negi

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेश हुए लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा मार्च 2023 में लंदन में सावरकर के खिलाफ कथित आपत्तिजनक बयान देने के बाद वीडी सावरकर के पोते ने राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत पर पुणे की एक विशेष एमपी एमएलए कोर्ट में सुनवाई के दौरान लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सावरकर मानहानि मामले में जमानत दे दी। राहुल गांधी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुए। इस दौरान कोर्ट ने अगली सुनवाई 18 फरवरी को निर्धारित की है।

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क्या था पूरा मामला

शिकायत के अनुसार, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सावरकर की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए जानबूझकर उन पर झूठे और नुकसानदेह आरोप लगाए, जिससे उन्हें और उनके परिवार को मानसिक परेशानी हुई। राहुल गांधी द्वारा दिए गए बयानों के बाद, अप्रैल 2023 में, विनायक सावरकर के भाइयों में से एक के पोते सत्यकी सावरकर ने राहुल गांधी द्वारा की गई कथित मानहानिकारक टिप्पणियों के बारे में पुणे के एक मजिस्ट्रेट के पास शिकायत दर्ज कराई। ये टिप्पणियां 5 मार्च, 2023 को लंदन में एक सभा के दौरान की गई थी।

18 फरवरी को होगी सुनवाई
शिकायतकर्ता सत्यकी सावरकर के वकील एडवोकेट संग्राम कोल्हटकर ने कहा कि आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए राहुल गांधी पेश हुए, जिस पर हमने आपत्ति जताई कि किसी आरोपी के लिए ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। इस सुविधा का उपयोग नहीं किया जाता है। लेकिन फिर भी, अदालत ने परिस्थितियों को देखते हुए अनुमति दे दी। साथ ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उन्होंने जमानत दी और अदालत ने उनकी जमानत मंजूर कर ली है। अगली सुनवाई 18 फरवरी को होगी।

क्यों दर्ज किया गया मानहानी का केस

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पिछले महीने इंग्लैंड गए थे और एक सभा में उन्होंने टिप्पणी की थी कि वीर सावरकर ने अपनी पुस्तक में लिखा है कि वह अपने 5-6 दोस्तों के साथ एक मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई कर रहे थे और वीर सावरकर ने इसका आनंद लिया। यह टिप्पणी अपमानजनक है क्योंकि वह घटना काल्पनिक है। हम राहुल गांधी और उनके कुछ अनुयायियों से तथाकथित याचिकाओं और पेंशन के बारे में बहुत कुछ सुन रहे हैं। वे वास्तव में भरण-पोषण भत्ता और क्षमादान याचिकाएँ थीं। हम अदालत पहुँच गए हैं।

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