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Ranchi: राजनीति में कब कौन कहाँ कितने समय टिकेगा इसका कोई ख़ास पैमाना नहीं है। हालिया मामला देखें तो हतप्रभ करने वाला है दरअसल महीने भर पहले तक रांची लोकसभा सीट से 5 बार भाजपा के सांसद और भाजपा नेता रामटहल चौधरी भाजपा से कांग्रेस में आये थे। वजह, भाजपा से 5 बार सांसद रहे हैं। इसके बाद नेता जी ने कांग्रेस का रुख किया। दरअसल, वहां भी बात नहीं बनी। तो महोदय नाराज होकर कांग्रेस का साथ भी छोड़ दिया।
Highlights:
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर रांची लोकसभा सीट से पांच बार सांसद रहे पूर्व भाजपा नेता रामटहल चौधरी बीते 28 मार्च को कांग्रेस में शामिल हुए थे, लेकिन वहां एक महीने भी नहीं टिक पाए। उन्होंने शनिवार को पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया।
चौधरी ने कहा कि वे कांग्रेस में झंडा ढोने नहीं आए थे। उन्हें आश्वस्त किया गया था कि रांची सीट पर पार्टी उन्हें उम्मीदवार बनाएगी। लेकिन पार्टी ने वादाखिलाफी कर उसे उम्मीदवार बना दिया, जो जमानत तक नहीं बचा सकती उन्होंने कहा कि मैं मान सम्मान के साथ कोई समझौता नहीं कर सकता। बता दें कि कांग्रेस ने रांची सीट से पूर्व सांसद सुबोधकांत सहाय की पुत्री यशस्विनी सहाय को उम्मीदवार बनाया है। इसके बाद से ही चौधरी नाराज चल रहे थे।
रामटहल चौधरी ने दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता ली थी। तब कांग्रेस के मीडिया कम्युनिकेशन विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा, पार्टी के झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, सीएलपी लीडर आलमगीर आलम और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय भी मौजूद थे। उस वक्त प्रेस कांफ्रेंस में चौधरी ने कहा था कि वह कांग्रेस की विचारधारा से प्रभावित होकर पार्टी में आए हैं।
बता दें कि इसके पहले, रामटहल चौधरी ने वर्ष 2019 में भाजपा का टिकट न मिलने के बाद पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा था। हालांकि उन्हें इस चुनाव में मात्र 29 हजार 597 मत हासिल हुए थे और उनकी जमानत जब्त हो गई थी।
क्या आप कांग्रेस छोड़ने के बाद चुनाव लड़ेंगे, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि वह कार्यकर्ताओं से सलाह लेने के बाद ही इस बारे में कोई फैसला लेंगे।