W3Schools
For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

सबसे लंबे समय तक चली संयुक्त राष्ट्र जलवायु वार्ता कार्बन बाजार पर बिना समझौते के समाप्त

जलवायु के मुद्दे पर चली मैराथन वार्ता रविवार को कार्बन बाजार पर कोई समझौता हुए बिना समाप्त हो गई। वार्ताकारों ने इसे अगले साल के लिए स्थगित कर दिया है।

02:43 PM Dec 15, 2019 IST | Shera Rajput

जलवायु के मुद्दे पर चली मैराथन वार्ता रविवार को कार्बन बाजार पर कोई समझौता हुए बिना समाप्त हो गई। वार्ताकारों ने इसे अगले साल के लिए स्थगित कर दिया है।

सबसे लंबे समय तक चली संयुक्त राष्ट्र जलवायु वार्ता कार्बन बाजार पर बिना समझौते के समाप्त
Advertisement
मैड्रिड : जलवायु के मुद्दे पर चली मैराथन वार्ता रविवार को कार्बन बाजार पर कोई समझौता हुए बिना समाप्त हो गई। वार्ताकारों ने इसे अगले साल के लिए स्थगित कर दिया है।
Advertisement
Advertisement
करीब दो हफ्ते तक वैश्विक तापमान में वृद्धि को रोकने के लिए चली बातचीत के बाद लगभग 200 देशों के प्रतिनिधियों के कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने और महत्वाकांक्षी उपाय करने एवं जलवायु परिवर्तन से प्रभावित गरीब देशों की मदद के लिए आह्वान के साथ समाप्त हुआ।
Advertisement
हालांकि, गत 25 वार्षिक सम्मेलनों में सबसे अधिक समय तक चली चर्चा के बावजूद सबसे अहम मुद्दे को अगले साल ग्लासगो में होने वाले सम्मेलन के लिए छोड़ दिया गया।
पर्यावरण समूहों और कार्यकर्ताओं ने विश्व के अमीर देशों पर जलवायु परिवर्तन जैसे गंभीर मुद्दे के प्रति कम प्रतिबद्धता दिखाने का आरोप लगाया।
मैड्रिड में निर्धारित समय से 40 घंटे अधिक बातचीत हुई। माना जा रहा है जिन दस्तावेजों को स्वीकार किया जाएगा उनमें ‘‘ चिली-मैड्रिड टाइम फॉर एक्शन’’ घोषणा पत्र शामिल है जिसमें देशों से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी लाने के मौजूदा प्रतिबद्धता को सुधारने का आह्वान किया गया है।’’
ग्रीनपीस इंटरनेशनल की कार्यकारी निदेशक जेनीफर मॉर्गन ने कहा, ‘‘ पेरिस समझौता कुछ मुट्ठीभर कार्बन अर्थव्यवस्थाओं का शिकार है लेकिन इस संघर्ष के गलत पक्ष हैं, वे इतिहास के गलत पक्ष है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ ब्राजील और सऊदी अरब और चिली के कमजोर नेतृत्व के कारण कार्बन पर करार नहीं हुआ और वैज्ञानिकों एवं नागरिक संस्थाओं को कुचल दिया गया है।’’
उल्लेखनीय है कि चिली ने वार्ता की अध्यक्षता की, लेकिन वहां पर सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शन होने की वजह से वार्ता स्थल को मैड्रिड स्थानांतरित कर दिया गया। वार्ता के सकारात्मक नतीजे का दबाव होने के बावजूद राष्ट्रपति सैंटियागो पिनेरा की सरकार ने 2040 तक कोयला आधारित विद्युत संयंत्र बनाए रखने पर कायम रही जिसकी कार्यकर्ताओं ने आलोचना की।
अर्थशास्त्रियों का विचार है कि कार्बन बाजार न्यूतम कार्बन विकास मॉडल की ओर दुनिया को ले जाने में उत्प्रेरक होगा लेकिन यह सबसे विवादित विषय है।
Author Image

Shera Rajput

View all posts

Advertisement
Advertisement
×