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वियतनाम पहुंची भगवान बुद्ध की अस्थियां, यूएन वैशाख दिवस 2025 पर होगा भव्य सार्वजनिक दर्शन

भगवान बुद्ध की अस्थियां वियतनाम में पहुंचीं

11:14 AM May 02, 2025 IST | Aishwarya Raj

भगवान बुद्ध की अस्थियां वियतनाम में पहुंचीं

वियतनाम पहुंची भगवान बुद्ध की अस्थियां  यूएन वैशाख दिवस 2025 पर होगा भव्य सार्वजनिक दर्शन

वियतनाम में यूएन वैशाख दिवस 2025 के लिए भगवान बुद्ध की अस्थियों का भव्य स्वागत हुआ। यह आयोजन भारत की सांस्कृतिक धरोहर को विश्व के सामने प्रस्तुत करने का अनूठा अवसर है। अस्थियां सारनाथ से लाई गईं और थान ताम पगोडा में 21 मई तक जनदर्शन के लिए उपलब्ध रहेंगी। इस कार्यक्रम में तीन मिलियन से अधिक श्रद्धालुओं के भाग लेने की उम्मीद है।

यूएन वैशाख दिवस (UN Vesak Day) 2025 के उपलक्ष्य में भारत से भगवान बुद्ध की पवित्र अस्थियां (Holy Relics) वियतनाम पहुंच गई हैं। यह आयोजन शांति, करुणा और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बनकर उभरा है। भारत के सांस्कृतिक धरोहरों को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने का यह एक ऐतिहासिक अवसर है। ये पवित्र अवशेष सारनाथ से वियतनाम के हो ची मिन्ह सिटी पहुंचे, जहां वियतनाम बौद्ध यूनिवर्सिटी में एक भव्य स्वागत समारोह का आयोजन हुआ। इसके बाद एक भव्य जुलूस में अस्थियां थान ताम पगोडा तक ले जाई गईं, जहां 21 मई तक जनदर्शन हेतु रखा जाएगा। इस यात्रा का नेतृत्व केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने किया। इस आयोजन में तीन मिलियन से अधिक श्रद्धालुओं के भाग लेने की संभावना है।

सारनाथ से वियतनाम तक – आध्यात्मिक विरासत की यात्रा

ये पवित्र अस्थियां भारत के सारनाथ से लाई गई हैं और नागार्जुनकोंडा (आंध्र प्रदेश) में खुदाई के दौरान मिली थीं। माना जाता है कि ये अवशेष 246 ईस्वी से भी पुराने हैं। इन्हें विशेष श्रद्धा और सुरक्षा के साथ वियतनाम भेजा गया है। भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ कई संत, सरकारी अधिकारी और सांस्कृतिक प्रतिनिधि भी शामिल रहे।

हो ची मिन्ह सिटी में हुआ भव्य स्वागत समारोह

वियतनाम बौद्ध विश्वविद्यालय में पहुंचने पर पवित्र अस्थियों का एक धार्मिक समारोह के माध्यम से स्वागत किया गया। इसके बाद एक भव्य शोभायात्रा के जरिए उन्हें थान ताम पगोडा ले जाया गया, जहां अब ये आम जनता के दर्शन हेतु उपलब्ध रहेंगी। अंतरराष्ट्रीय बौद्ध महासंघ (IBC) ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि यह आयोजन दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों को मजबूत करेगा।

 बौद्ध संस्कृति का साझा इतिहास

IBC के महानिदेशक अभिजीत हालदर ने कहा कि “वियतनाम में बौद्ध धर्म का बहुमत है, और उनके लिए ये अस्थियां केवल प्रतीक नहीं, बल्कि स्वयं भगवान बुद्ध का रूप हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि भारत और वियतनाम की बौद्ध विरासत में गहरा जुड़ाव है। इस अवसर पर एक तुलनात्मक प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी जिसमें दोनों देशों की सांस्कृतिक समानताओं को दिखाया जाएगा।

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आध्यात्मिक एकता का वैश्विक संदेश

केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने कहा कि “पवित्र अस्थियों को वियतनाम ले जाने का अनुभव आत्मा को छू लेने वाला है। यह यात्रा शांति, करुणा और भाईचारे का प्रतीक है।” उन्होंने बताया कि यह आयोजन 2 मई से 21 मई 2025 तक वियतनाम के विभिन्न स्थानों पर चलेगा। इससे न केवल भारत-वियतनाम संबंध प्रगाढ़ होंगे, बल्कि बुद्ध के शांति संदेश को वैश्विक स्तर पर मजबूती मिलेगी।

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Aishwarya Raj

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