Lord Swaraj Paul Death News: 208750000000 रुपए की सम्पत्ति, पंजाब से लंदन का सफर, लॉर्ड स्वराज पॉल का निधन
Lord Swaraj Paul Death News: भारतीय मूल के फेमस उद्योगपति और समाजसेवी लॉर्ड स्वराज पॉल का निधन गुरुवार को लंदन में हो गया। वे 94 साल के थे। बताया जा रहा है कि कुछ समय से उनकी तबीयत ठीक नहीं थी, जिसके चलते उन्हें हाल ही में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान ही उन्होंने अंतिम सांस ली। स्वराज पॉल के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गहरा शोक व्यक्त किया।
कौन थे Lord Swaraj Paul?
स्वराज पॉल यूके की जानी-मानी कंपनी कपारो ग्रुप के संस्थापक थे। वे मुख्य रूप से स्टील और इंजीनियरिंग क्षेत्र में काम करते थे। संडे टाइम्स की अमीरों की सूची में उनका नाम हमेशा शामिल रहता था। हाल ही में वे इस सूची में 81वें स्थान पर थे और उनकी संपत्ति का अनुमान करीब 2 अरब डॉलर (लगभग 16,000 करोड़ रुपये) लगाया गया था।
ब्रिटेन की राजनीति में भी भूमिका
1996 में स्वराज पॉल को ब्रिटेन की संसद के हाउस ऑफ लॉर्ड्स में आजीवन सदस्य के रूप में नामित किया गया था। वे व्यापार, शिक्षा और उद्यमिता से जुड़ी संसदीय समितियों में सक्रिय रूप से भाग लेते थे। भारत और ब्रिटेन के बीच बेहतर संबंध बनाने में उनकी अहम भूमिका रही। इसके अलावा लंदन चिड़ियाघर (लंदन जू) को बचाने में भी उनका बड़ा योगदान माना जाता है।
जालंधर में हुआ था जन्म
स्वराज पॉल का जन्म पंजाब के जालंधर में हुआ था। वे 1960 में अपनी बेटी अंबिका के इलाज के लिए यूके गए थे। दुर्भाग्यवश, अंबिका की मृत्यु मात्र चार साल की उम्र में हो गई। इस दुखद घटना के बाद, स्वराज पॉल ने अपनी बेटी की याद में अंबिका पॉल फाउंडेशन की स्थापना की, जो शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर कार्य करता है।
दुनियाभर में फैला व्यवसाय
स्वराज पॉल की कंपनी कपारो ग्रुप का मुख्यालय लंदन में स्थित है, लेकिन इसका काम पूरी दुनिया में फैला हुआ है। कंपनी की करीब 40 साइट्स हैं जो यूके, नॉर्थ अमेरिका, भारत और पश्चिम एशिया में फैली हुई हैं। वर्तमान में उनके बेटे आकाश पॉल कपारो इंडिया के चेयरमैन और कपारो ग्रुप के डायरेक्टर के रूप में जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
एक प्रेरणादायक जीवन
स्वराज पॉल ने न सिर्फ व्यापार में बल्कि समाज सेवा और राजनीति में भी अपनी मजबूत छाप छोड़ी। वे उन चुनिंदा भारतीयों में से एक थे जिन्होंने विदेश में रहकर भी भारत के नाम को ऊंचा किया। उनका जीवन कई लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा।
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