Love in Vietnam Review: एक आखिरी मोहब्बत की तलाश क्या हो पाएगी पुरी?
Love in Vietnam Review: इस साल की मच अवेटेड रोमांटिक फिल्म "Love in Vietnam’ थिएटर में रिलीज हो चुकी है और दर्शकों का दिल जीत रही है। फिल्म का एक डायलॉग खासतौर पर सुर्खियों में है: "किसी की पहली मोहब्बत होना बड़ी बात नहीं है, किसी की आखिरी मोहब्बत होना बड़ी बात है।" ये डायलॉग न केवल दिल को छू जाता है, बल्कि पूरी कहानी का मतलब भी समझाते हैं। फिल्म कैसी है फिल्म की स्टोरी लाइन कैसी है और आपको यह फिल्म देखनी चाहिए या फिर नहीं यह जानने के लिए पूरा रिव्यू पढ़ें|

कहानी
Love in Vietnam Review: फिल्म की कहानी हमें मानव (शांतनु माहेश्वरी) और सिम्मी (अवनीत कौर) के बचपन में ले जाती है| उनका रिश्ता, उनका मासूम बचपन और आस-पड़ोस का माहौल इतना असली लगता है कि मानो हम भी उसी मोहल्ले का हिस्सा हों। लेकिन ज़िंदगी करवट लेती है और मानव अपने ताऊजी (राज बब्बर) की वजह से पढ़ाई के लिए वियतनाम चला जाता है। यहीं से कहानी का तीसरा अहम किरदार सामने आता है—लिन (कहंगन)। मानव उसकी एक तस्वीर देखता है और तस्वीर से ही मोहब्बत कर बैठता है। जिसके बाद सवाल ये उठता है कि लिन हकीकत है या सिर्फ़ एक ख़्वाब? इसी के साथ कहानी और गहरी होती जाती है।
मानव और सिम्मी दोनों अपनी-अपनी मोहब्बत के लिए काफी मुश्किलों का सामना करते हैं। किसी के लिए आख़िरी मोहब्बत बन पाना ही उनके जिंदगी का संघर्ष बन जाता है। यही वजह है कि फ़िल्म असल में “प्यार पाने” से ज़्यादा “प्यार भूलने” कीकहानी बन जाती है।
कौन से सीन हैं सबसे बेस्ट
Love in Vietnam Review: मानव और लिन का साथ चलते-चलते अचानक पैरों से डांस स्टेप करना| ये एक ऐसा सीन है जिसे देखने के बाद आपका भी कुछ ऐसा ही करने का मन करेगा| इसके साथ ही सिम्मी का मानव की हालत देखकर टूट जाना और उसे अपने साथ ले जाना। ये सीन भी काफी इमोशनल है| ये दृश्य फ़िल्म ख़त्म होने के बाद भी आपके साथ बने रहते हैं।

फिल्म की कमज़ोरियां
Love in Vietnam Review: शुरुआत में कहानी अचानक तेज़ी से आगे बढ़ती है। फिल्म के कुछ डायलॉग ज़्यादा “इंफ़ॉर्मेटिव” लगते हैं| इसके साथ ही फिल्म की कोरियोग्राफ़ी कुछ जगह बेहतर हो सकती थी। कुछ सीन में देखने के बाद भी आपको समझ नहीं आएगा ।
एक्टिंग कैसी है
Love in Vietnam Review: शांतनु माहेश्वरी जिन्होंने इस फिल्म में मानव का कैरेक्टर प्ले किया है वो इस किरदार को काफी अच्छे से प्ले करते दिखे हैं।उनकी मेहनत और संवेदनशीलता की झलक हर फ़्रेम में दिखाई देगी। इस फिल्म के सेकंड हॉफ में आपको अवनीत कौर का कैरेक्टर काफी पसंद आएगा| फिर चाहे वो उनकी एक्टिंग हो या उनका कैरेक्टर। कहंगन, फ़रीदा जी, राज बब्बर और गुलशन ग्रोवर जैसे अनुभवी कलाकार इस फिल्म की जान हैं|
डायरेक्शन और स्टोरी लाइन
Love in Vietnam Review: राहत शाह काज़मी का निर्देशन परिपक्व और ईमानदार है। उन्होंने हर सीन को इस तरह गढ़ा है कि दर्शक किरदारों की नब्ज़ महसूस कर सके। फ़िल्म एक तुर्किश नावेल पर आधारित है, मगर राहत शाह काज़मी और कृतिका रामपाल की लेखनी ने इसे इंडो-वियतनामीरंग में ढालकर पूरी तरह अपना बना दिया है। ये अडॉप्टेशन सिर्फ़ कहानी नहीं, बल्कि एक नया सांस्कृतिक अनुभव बन जाता है।
एडिटिंग और म्यूज़िक
Love in Vietnam Review: फिल्म की एडिटिंग ठीक है, गति बनाए रखती है। हालांकि शुरुआत थोड़ी असंतुलित लगती है, लेकिन आगे जाकर सब संभल जाता है| इस फिल्म की म्यूजिक ही इसकी धड़कन है।

देखनी चाहिए या नहीं
Love in Vietnam एक ऐसी फिल्म है जो आपको हंसाएगी, रुलाएगी और सोचने पर मजबूर करेगी कि सच्ची मोहब्बत क्या होती है और यह कैसे किसी की जिंदगी को पूरी तरह से बदल सकती है। तो अगर आप एक रोमांटिक और इमोशनल फिल्म देखना चाहते हैं, तो यह फिल्म आपको जरूर देखनी चाहिए|
रेटिंग: ⭐⭐⭐ (3/5)