लखनऊ शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल का लास्ट डे, ‘थुनई’ को सर्वश्रेष्ठ फिल्म और ‘गंगा पुत्र’को बेस्ट डॉक्यूमेंट्री का मिला खिताब
Lucknow Short Film Festival: लखनऊ। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग और एमरेन फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित लखनऊ शॉर्ट फ़िल्म फ़ेस्टिवल (LSFF) का अंतिम दिन विशेष प्रदर्शनों और पुरस्कार समारोह के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर एफटीआईआई (FTII) के छात्रों और स्वतंत्र फिल्मकारों की दस लघु फिल्में प्रदर्शित की गईं। इनफिल्मों का चयन महोत्सव की थीम ‘शांति और सद्भाव’ और सामाजिक संदेशों के आधार पर किया गया था।
Lucknow Short Film Festival: मुख्य प्रदर्शन और फिल्मों के विषय
दिखाई गई फिल्मों में डिमेंशिया, आध्यात्मिक जागरण, सामाजिक रूढ़ियां , बाल श्रम, वर्गभेद, पहचान की खोज, प्रवासी जीवन और मानव करुणा जैसे विषयों को बड़े प्रभावी तरीके से पेश किया गया। मुख्य स्क्रीनिंग में शामिल फिल्में थीं:
- आठवां (रेणुका शहाणे)
- नैमिषारण्य (राज स्मृति)
- द वेल बेक्ड केक (नंदू घाणेकर)
- कसदारु (टी. रवि चंद्रन)
- मुआवजा (रोहित रावत)
- डॉट द डॉटर (जुनैद इमाम शेख)
- गंगा पुत्र (जय प्रकाश)
- रिजॉलव: चाइल्ड लेबर (अमित कुमार शुक्ला)
- डड्डू ज़िंदाबाद
- थुनई (विग्नेश परमासिवम)
- और उस पार (FTII)
सितारों की मौजूदगी
इस मौके पर मशहूर अभिनेत्री हुमा कुरैशी और अभिनेता-संस्थापक सनी सिंह ने अपनी उपस्थिति से महोत्सव की शोभा बढ़ाई। रेणुका टंडन के नेतृत्व में आयोजित संवाद सत्र में दोनों कलाकारों ने भारतीय सिनेमा में महिलाओं की बदलती भूमिका, लघु फ़िल्मों का महत्व और मीडिया की भूमिका पर चर्चा की। हुमा कुरैशी ने कहा कि सिनेमा समाज का आईना है और महिलाएँ अब नए रास्ते बना रही हैं, लेकिन अभी भी उद्योग में असमानता है। सनी सिंह ने लखनऊ में फिल्म शूटिंग के अनुभव और यहाँ की मित्रता और खानपान की तारीफ़ की।
पुरस्कार समारोह
दिन का समापन पुरस्कार समारोह के साथ हुआ। प्रमुख विजेता रहे:
- सर्वश्रेष्ठ फिल्म: थुनई — निर्देशक विग्नेश परमासिवम
- सर्वश्रेष्ठ डॉक्यूमेंट्री: गंगा पुत्र — निर्देशक जय प्रकाश
- दोनों विजेताओं को ₹45,000 नकद पुरस्कार प्रदान किया गया।
अन्य पुरस्कार:
- सर्वश्रेष्ठ निर्देशक: डड्डू ज़िंदाबाद — समर जैन
- सर्वश्रेष्ठ महिला अभिनेत्री: लीला सैमसन
- सर्वश्रेष्ठ पुरुष अभिनेता: साजू एम जॉन
- सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार: देवांश मिश्र
- सर्वश्रेष्ठ पटकथा: विग्नेश
- सर्वश्रेष्ठ सिनेमाटोग्राफी: शरमीन दारूवाला
- सर्वश्रेष्ठ संपादन: प्रशांत
- सर्वश्रेष्ठ साउंड डिजाइन: प्रणय
- क्रिटिक्स चॉइस – सर्वश्रेष्ठ निर्देशक: कसदारु और मुआवजा
- क्रिटिक्स चॉइस – सर्वश्रेष्ठ पटकथा: घुसपैठिया कौन — सुधीर मिश्रा
- विशेष उल्लेख: नैमिषारण्य और डॉट द डॉटर
समापन और सांस्कृतिक कार्यक्रम
समापन समारोह में नृत्यांगना संजुक्ता सिन्हा और उनकी टीम ने ‘सेक्रेड बेल्स’ की प्रस्तुति दी, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी लय, गति और स्थिरता ने मंच पर शांति और एकता का संदेश फैलाया। रेणुका टंडन ने कहा कि LSFF सृजनशीलता और संवेदना का मंच है। यह फ़ेस्टिवल दर्शाता है कि सिनेमा केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज को बदलने और लोगों को जोड़ने की शक्ति रखता है। विशेष रूप से ऋचा जोशी, देव वर्मा, अम्ब्रिश टंडन, अनुश्का डालमिया और अन्य टीम सदस्यों की मेहनत से यह आयोजन सफल रहा।
यह भी पढ़ें: Nysa Recreates Kajol Look: निसा ने माँ काजोल का लुक किया कॉपी, ओरी संग अदाओं से इंटरनेट पर लगाई आग
 
 