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Maa Movie Review : मां बेटी के अनोखे बंधन को दर्शाती है Kajol की फिल्म, सालों बाद लौटी पर्दे पर एक्ट्रेस

07:32 AM Jun 27, 2025 IST | Tamanna Choudhary
काजोल बनीं देवी, बेटी के लिए लड़ी जान की जंग

बॉलीवुड एक्ट्रेस काजोल देवगन (Kajol Devgan) की माइथोलॉजिकल हॉरर फिल्म मां (Maa) सिनेमाघरों में आज रिलीजहो चुकी है। यह फिल्म मां बेटी के अनोखे बंधन के साथ बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दे को उजागर करती है। ऐसे में यह फिल्म आपदेखने की सोच रहे है तो कैसी है यह फिल्म चलिए जानतें हैं।

कहानी

ये कहानी है चंद्रपुर गांव की जहां लड़कियों को लेकर यह गांव को श्रापित कहा जाता है। क्योंकि इस गांव का कुछ रहस्य रहचुका होता है। हवेली के परिवार में जब भी बेटी का जन्म होता तो उसकी बली दी जाती थी। लेकिन यह प्रथा तब टूट गई जबउस हवेली का बेटा शुभांकर यानी (इंद्रनील सेनगुप्ता) बाहर पढ़ने जाता है और भूत प्रेत जैसी चीजों पर वो विश्वास नहीं करताहै। पढ़ाई के बाद उसकी शादी होती बीवी बच्चों के साथ वो कोलकाता रहता है। शुभांकर अपने परिवार से झूठ कहता है किउसे एक बेटा हुआ है लेकिन असल में उसकी एक बेटी रहती है। पिता के मौत के बाद शुभांकर उस हवेली को बेचना चाहता हैलेकिन इस कोशिश में और असल जिंदगी की शुरुआत यही से होती है। क्या शुभांकर ये हवेली बेच पाता है ? क्या गांव वालोंको उसकी बेटी का सच पता चलता है ? यह सब जानने के लिए आपको यह फिल्म सिनेमाघरों में देखनी पड़ेगी।

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कैसी है फिल्म ?

काजोल देवगन की यह फिल्म हॉरर फिल्म है लेकिन, हॉरर जैसा जादू चलाने में कामयाब नहीं हो पाई है। फिल्म में काजोल(अंबिका) का किरदार निभा रही है। फिल्म में कई सीन आपको यह सोचने में मजबूर कर सकते है कि ऐसा कैसे हो सकता है? 2 घंटे 13 मिनट की यह फिल्म में हॉरर के साथ - साथ कई सामाजिक चीजों को उजागर करेगी। बुराई पर अच्छाई की जीतऔर भक्ति में शक्ति है यह फिल्म इन सब चीजों के लिए ऑडियंस से खास अपील करती है।

एक्टिंग

एक्ट्रेस काजोल ने इस फिल्म के जरिए तीन साल बाद बड़े पर्दे पर वापसी की है और उनकी वापसी कमाल की है। एक्ट्रेस नेअकेले इस फिल्म का भार संभाला है जोकि स्क्रीन पर नजर आ रहे है। इंद्रनील सेनगुप्ता स्क्रीन पर कम आए लेकिन अच्छाकाम रहा है। रोहित रॉय अच्छे विलन के तौर पर सामने आए है। भाषा और सरपंच के किरदार में वो बखूबी  छा गए है। केरिनशर्मा फिल्म में काजोल की बेटी है। केरिन की एक्टिंग शानदार है। जितिन गुलाटी ने पुलिस का किरदार अच्छी तरह निभायाहै।

 

डायरेक्शन

फिल्म मां को विशाल फुरिया ने डायरेक्ट किया है। फिल्म की कहानी से ऑडियंस को जो अपील की जा रही है साफ तौर परसमझ आ रही है। भारत में कई देशों में आज भी ऐसी चीजें हमें देखने को मिलती है। फिल्म को लेकर कास्टिंग अच्छी की गईहै।

 

म्यूजिक और वीएफएक्स

फिल्म के सेकंड हॉफ में वीएफएक्स का ज्यादा इस्तमाल किया गया है। फिल्म का निर्माण शैतान के मेकर्स ने किया है।लेकिन वीएफएक्स का काम अच्छा रहा। म्यूजिक की बात की जाए तो फिल्म में हमनवा शुरुआत में ही है जो कहानी को बांधेरखने के लिए है। इसे श्रेया घोषाल और जुबिन नौटियाल ने अपनी आवाज से सजाया है। इस गाने को मनोज प्रेमा मुंतशिरशुक्ला ने लिखा है। वही फिल्म का दूसरा गाना काली शक्ति भक्तों और उनके विश्वास को दिखाता है। इस गाने में एक्ट्रेस नेअपना रौद्र रुप लिया होता है जो अपनी बेटी को बचाने के लिए अपनी जान की बाजी लगा देती है।

काजोल बनीं देवी, बेटी के लिए लड़ी जान की जंग

देखें या नहीं ?

अगर आपको माइथोलॉजिकल हॉरर फिल्में देखना पसंद है तो यह फिल्म वन टाइम वॉच के लिए बिल्कुल सही है। आपकोजरूर देखनी चाहिए। Punjab Kesari. Com इस फिल्म को 3 स्टार्स की रेटिंग देता है।

Movie Rating : 3/5

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