Maa Siddhidatri Ki Aarti: नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की इस आरती से करें पूजा, सुने मां की ये कथा और इन मंत्रों के जाप से मिटेंगे हर कष्ट
Maa Siddhidatri Ki Aarti: शारदीय नवरात्रि का प्रत्येक दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूप की साधना और उपासना के लिए विशेष माना जाता है। नवरात्रि का 9वां दिन, जिसे नवमी तिथि कहते हैं, विशेष रूप से देवी सिद्धिदात्री को समर्पित होता है। यह दिन शक्ति साधना का चरम माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दिन मां के नौवें स्वरूप की पूजा से साधक को आध्यात्मिक उन्नति मिलती है।
इसके साथ-साथ सभी भक्तों को जीवन के हर क्षेत्र में सफलता, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। शारदीय नवरात्रि 2025 की नवमी तिथि पर श्रद्धालु पूरे भक्ति भाव से मां सिद्धिदात्री की आराधना करते हैं। इस दिन मां की विधिपूर्वक पूजा करने से सारे बिगड़े काम बन जाते हैं। आज के दिन आप इस आरती से मां की पूजा करेंगे तो मां आपसे प्रसन्न होंगी। जानें मां की कथा और उनके मंत्रों का जाप करने के लाभ।
Maa Siddhidatri Ki Aarti: इस आरती से करें मां सिद्धिदात्री की पूजा

जय सिद्धिदात्री तू सिद्धि की दाता
तू भक्तों की रक्षक तू दासों की माता,
तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि
तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि!!कठिन काम सिद्ध कराती हो तुम
जब भी हाथ सेवक के सर धरती हो तुम,
तेरी पूजा में तो न कोई विधि है
तू जगदम्बे दाती तू सर्वसिद्धि है!!
रविवार को तेरा सुमरिन करे जो
तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो,
तुम सब काज उसके कराती हो पूरे
कभी काम उसके रहे न अधूरे!!
तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया
रखे जिसके सर पर मैया अपनी छाया,
सर्व सिद्धि दाती वो है भाग्यशाली
जो है तेरे दर का ही अम्बे सवाली!!
हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा
महा नंदा मंदिर में है वास तेरा,
मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता
वंदना है सवाली तू जिसकी दाता!!
Maa Siddhidatri Ki Katha: आज नौवें दिन सुने मां सिद्धिदात्री की ये कथा

पौराणिक कथा के अनुसार मां दुर्गा के नौवे स्वरूप मां सिद्धिदात्री का है। मां सिद्धिदात्री को सभी प्रकार की सिद्धियां प्रदान करने वाली माना जाता है। मार्कण्डेय पुराण के अनुसार मां सिद्धिदात्री को अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्रकाम्य, ईशित्व और वशित्व आठ प्रकार की सिद्धियां प्राप्त हैं पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव ने मां सिद्धिदात्री की कठोर तपस्या कर आठों सिद्धियों को प्राप्त किया था।
मां सिद्धिदात्री का प्राकट्य देवी-देवताओं के तेज से तब हुआ था, जब देवतागण महिषासुर के अत्याचारों से परेशान होकर भगवान शिव और भगवान विष्णु के पास पहुंचे थे। इसके बाद देवताओं के तेज से मां सिद्धिदात्री प्रकट हुईं। ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव ने मां सिद्धिदात्री की कठिन साधना करके आठ सिद्धियां प्राप्त की थीं।
आठ सिद्धियां प्राप्त करने के बाद भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हो गया था। इसी कारण उन्हें अर्धनारीश्वर भी कहा जाता है। भगवान शिव की अर्धनारीश्वर के रूप में भी पूजा की जाती है। मान्यता के अनुसार, नवमी के दिन पूजी जाने वाली देवी मां सिद्धिदात्री का स्वरूप गौर, दिव्य और शुभता प्रदान करने वाला है।
Also Read:- Kanya Pujan Gift Ideas: कंजक में नन्हीं कन्याओं को दें ये खास उपहार, दिन बनाएं खास
Maa Siddhidatri Ka Mantra: आज नौवें दिन करें मां सिद्धिदात्री के इन मंत्रों का जाप

1. ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सिद्धये नम: या ॐ ह्रीं क्लीं सिद्धये नम:.
2. या देवी सर्वभूतेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥.
3. ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः॥.
4. सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि। सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥
5. कंचनाभा शंखचक्रगदापद्मधरा मुकुटोज्वलो। स्मेरमुखी शिवपत्नी सिद्धिदात्री नमोऽस्तुते॥.
6. परमानन्दमयी देवी परब्रह्म परमात्मा। परमशक्ति, परमभक्ति, सिद्धिदात्री नमोऽस्तुते॥.
7. धर्मार्थकाम प्रदायिनी महामोह विनाशिनीं। मोक्षदायिनी सिद्धीदायिनी सिद्धिदात्री नमोऽस्तुते॥
8. ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ॐ सिद्धिदात्री देव्यै नमः
Maa Siddhidatri Ke Mantra Ka Mahatav: जानें मां सिद्धिदात्री के मंत्रों का जाप करने के लाभ

1. मां के मंत्र जाप से मन स्थिर होता है और एकाग्रता बढ़ती है। यह ध्यान और साधना के लिए भी अत्यंत उपयोगी है।
2. जाप से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा फैलती है, जिससे नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं।
3. मां के मंत्र जाप से भक्त को आर्थिक और पारिवारिक जीवन में उन्नति मिलती है।
4. मां के मंत्र जाप से शारीरिक और मानसिक रोगों का प्रभाव कम होता है।
5. मां के मंत्र जाप से साधक धीरे-धीरे आत्मज्ञान और मोक्ष की दिशा में अग्रसर होता है।